Publish Date:11-Jan-2018 23:57:39
जानें- सिवन तमिलनाडु के छोटे गांव से कैसे पहुंचे इस पद तक
जानेमाने वैज्ञानिक डॉ. के. सिवन इसरो के नए प्रमुख नियुक्त किए गए हैं। वह 12 जनवरी 2015 से इस पद पर काबिज डॉ. ए.एस.किरण कुमार का स्थान लेंगे। मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति ने बुधवार को उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी। कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति ने अंतरिक्ष विभाग में सचिव पद और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी। उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। सिवन वर्तमान में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में निदेशक हैं।
सिवन को जब इसरो अध्यक्ष की नियुक्ति की खबर मिली, तब वह 12 जनवरी को लॉन्च होने वाले पीएसएलवी सी-40 की समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस मिशन में पांच भारतीय सहित 31 उपग्रहों को प्रक्षेपण किया जाना है। यह अहम मिशन है, क्योंकि इसके जरिये भारत कक्षा में अपना 100वां उपग्रह प्रक्षेपित करेगा। सिवन ने बताया, इस खबर को सुनने के बाद भी शरीर में कंपन हो रही है। मैं एक बात जानता हूं, इस पद पर विक्रम साराभाई, सतीश धवन,माधवन नायर जैसे महान लोग रहे। इसलिए यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। 12 जनवरी की लांचिंग सहित कई मिशन कतार में है। इसलिए जश्न का नहीं जिम्मेदारी का वक्त है।
104 उपग्रहों को एक साथ भेजने में अहम भूमिका
पिछले साल भारत ने एक साथ 104 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित कर नया कीर्तिमान स्थापित करने के साथ-साथ दुनिया में अपनी तकनीकी कुशलता का लोहा मनवाया था। लेकिन इस उपलब्धि में सिवन की अहम भूमिका रही। वह उन अहम लोगों में थे, जिन्होंने इस मिशन की तकनीकी परेशानियां दूर की।
तमिलनाडु के छोटे गांव से शीर्ष पद तक
- तमिलनाडु के तटीय जिले नागरकोइल के एक छोटे से गांव में जन्म
- 1980 में आईआईटी मद्रास से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक
- 1982 में आईआईएससी बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर
- 2006 में आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से पीएचडी
तीन दशक से इसरो का साथ
- 1982 में इसरो से जुड़े और पीएसएलवी परियोजना पर काम किया। एंड टू एंड मिशन प्लानिंग, मिशन डिजाइन, मिशन इंटीग्रेशन एंड एनालिसिस में भी अहम योगदान दिया।
- 6डी ट्रेजेक्टरी सिमुलेशन सॉप्टवेयर (एसआईटीएआरए) के मुख्य शिल्पी हैं,इसकी मदद से रॉकेट के लांच से पहले रास्ता निर्धारित किया जाता है। 2011 में जीएसएलवी परियोजना से जुड़े।
योगदान को सम्मान
- 2011 में डॉ.बीरेन रॉय स्पेस साइंस अवॉर्ड
-2014 में सत्यभामा यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि
साभार- लाइव हिन्दुस्तान