Publish Date:06-Aug-2018 13:35:15
सुकमा, छत्तीसगढ़ के सुकमा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 14 नक्सली मारे गए। घटना सुकमा के कोंटा और गोलापल्ली पुलिस स्टेशन सीमा की है। इसे सुरक्षाकर्मियों के लिए बड़ी कामयाबी बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि इलाके की घेराबंदी करके हुए सुरक्षा बलों ने गोलीबारी शुरू की। खबर के मुताबिक नक्सलियों के पास से मौके पर से 4 आईईडी और 16 विेदशी हथियार भी बरामद हुए हैं। छत्तीसगढ़ में इस साल की यह सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है। DRG, STF और CRPF ने संयुक्त कार्रवाई कर इस मुठभेड़ को अंजाम दिया है। फिलहाल सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके के घेर कर छानबीन शुरू कर दी है।
सुकमा में भरी बरसात में पहली बार पुलिस और सुरक्षाबलों की टीम नक्सलियों के खिलाफ जंगल में मोर्चे पर उतरी। यहां जंगलों में सुबह हुई मुठभेड़ में पुलिस और सुरक्षाबलों ने 14 नक्सलियों को मार गिराया। एसपी अभिषेक मीणा ने घटना की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि मौके पर करीब 200 नक्सली मौजूद थे। इससे पहले बीते जुलाई में राजनांदगांव के जंगल में आईटीबीपी और छत्तीसगढ़ पुलिस के संयुक्त अभियान में पांच लाख की इनामी महिला नक्सली जरीना को मुठभेड़ में मार गिराया गया था। घटना स्थल से जवानों ने 2 बंदूक के साथ भारी मात्रा में विस्फोटक भी बरामद किया था।
जानकारी के मुताबिक गोलापल्ली थाना क्षेत्र से सोमवार की सुबह जवान सर्चिंग पर निकले थे। इसी दौरान नक्सलियों से उनका सामना हो गया। दोनों तरफ से तकरीबन एक घंटे तक गोलीबारी चलती रही। इसके बाद नक्सलियों की ओर से फायरिंग बंद हो गई। जवानों को मोर्चे पर भारी पड़ता देख नक्सली वहां से भाग खड़े हुए। घटना में करीब 14 नक्सली मारे गए। क्षेत्र में नक्सलियों के जमावड़े को देखते हुए अब मुठभेड़ के बाद सघन सर्चिंग भी जारी है। जवान जंगलों में अंदर तक घुसकर नक्सली मांद को ढ़ूंढ रहे हैं। बता दें कि पहली बार भरी बारिश के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान कई नक्सलियों ने खुद सामने आकर आत्मसमर्पण करना भी शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने दी चेतावनी
अभी दो दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह घोषणा कर चुके हैं कि नक्सली या तो आत्मसमर्पण करें वरना फोर्स उन्हें मारने के लिए बिल्कुल तैयार है। इसके पहले सरकार लगातार यह कहती रही है कि नक्सली हथियार छोड़कर यदि मुख्यधारा में शामिल होना चाह रहे हों तो सरकार बातचीत के लिए तैयार है। हालांकि अब छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी नीति बदल दी है।
2022 तक नक्सलवाद के खत्मे का दावा
इस बीच छत्तीसगढ़ पुलिस ने 2022 तक नक्सलवाद के खत्म होने का दावा किया है। 'एंटी नक्सल ऑपरेशन' के स्पेशल डीजी डीएम अवस्थी का दावा है कि पिछले ढाई वर्षों में अकेले बस्तर जिले में नक्सलियों को जानमाल का जबरदस्त नुकसान हुआ है। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में नक्सलवाद जड़ से खत्म हो जाएगा। पिछले हफ्ते नक्सली घटनाओं का ब्योरा पेश करते हुए उन्होंने बताया था कि अगस्त 2017 से जुलाई 2018 तक 116 माओवादियों के मारे जाने की पुष्टि खुद नक्सलियों ने की है। उनके मुताबिक, पुलिस रिकॉर्ड में पिछले दो वर्षों में 247 नक्सली मारे गए, जबकि 416 इनकाउंटर किए गए हैं।