Publish Date:19-Dec-2019 23:58:38
भोपाल, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा को जबलपुर हाईकोर्ट से चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में राहत मिली है। हाईकोर्ट ने भोपाल जिला न्यायालय में चल रहे आपराधिक प्रकरण को खारिज करने के आदेश जारी किए हैं। अदालत ने कहा कि पुलिस द्वारा धारा 188 के तहत पेश किए गए चालान पर न्यायालय संज्ञान नहीं ले सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि न्यायालय सिर्फ लोकसेवक द्वारा पेश किए गए आवेदन पर ही इस धारा के तहत संज्ञान ले सकती है।
ये मामला मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान का है। संबित पात्रा ने 27 अक्टूबर को भोपाल के एमपी नगर में समय से पूर्व प्रेस कांफ्रेस की थी, जबकि इसका समय दोपहर एक से तीन बजे तक निर्धारित था। उन्होंने 12.30 बजे ही प्रेस कांफ्रेंस शुरू कर दी थी। इसे निर्वाचन अधिकारी एलएल अहिरवार ने आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद धारा 188 के तहत अदालत में मामला पेश किया गया था।
दरअसल, पिछले साल मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान पात्रा ने बीच सड़क पर एक प्रेस कांफ्रेंस कर पत्रकारों को सम्बोधित किया था। कांग्रेस ने चुनाव आयोग में अर्ज़ी दायर कर पात्रा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। कांग्रेस का कहना था कि पात्रा ने चुनाव आयोग के आचार संहिता की अवहेलना की थी। चुनाव आयोग ने अपनी जांच में भी पात्रा को आचार संहिता की अवहेलना करने का दोषी पाया था। बाद में चुनाव आयोग ने पात्रा के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया था।
मध्य प्रदेश की निचली अदालत ने पात्रा को हाजिर होने के लिए कई बार समन जारी किये थे, लेकिन भाजपा प्रवक्ता ने हाज़िर होने के बजाय हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। न्यायमूर्ति जी पी गुप्ता की एकलपीठ ने पिछले साल विधानसभा चुनाव के पहले के इस मामले में भोपाल जिला न्यायालय में चल रहे प्रकरण की सुनवाई पर रोक लगा दी है। याचिका में मांग की गयी थी कि भोपाल पुलिस द्वारा दर्ज अपराधिक प्रकरण को खारिज किया जाये। याचिका पर आज सुनवाई के बाद एकलपीठ ने भोपाल के सीजीएम कोर्ट में चल रहे प्रकरण की सुनवाई पर रोक लगाने के आदेश जारी किये है।
याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव तथा अधिवक्ता नम्रता अग्रवाल ने पैरवी की।