Publish Date:22-Aug-2019 19:42:43
मंदी के दौर से गुजर रही ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिली है. क्योंकि सरकार ने पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर बैन लगाने की बात से इनकार कर दिया है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को प्रोमोट करने के लिए सकारात्मक पहल कर रही है. लेकिन डीजल और पेट्रोल इंजन वाली गाड़ियों को बैन करने या EV (इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल) को सड़कों पर लाने के लिए अभी कोई डेडलाइन तय नहीं की गई है.
उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले नीति आयोग की ड्राफ्ट गाइड लाइंस में डीजल और पेट्रोल वाहनों को हटाने के लिए एक समय सीमा तय करने की बात कही गई थी. प्रस्ताव में नीति आयोग ने 2023 तक सभी थ्री-व्हीलर्स और 2025 तक 150cc से कम के टू-व्हीलर्स के प्रोडक्शन पर बैन लगाने का सुझाव दिया था. आयोग ने वाहन निर्माताओं से गाड़ियों की विभिन्न कैटिगरी को इलेक्ट्रिक गाड़ियों से बदलने के लिए प्लान लाने को कहा था और इसके नीति आयोग के चीफ एग्जिक्युटिव अमिताभ कांत की अगुवाई वाली कमिटी ने वाहन निर्माताओं को समयसीमा दी थी.
ऐसे में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का ये बयान ऑटो सेक्टर के लिए बड़ी राहत की खबर है. आपको बता दें कि ऑटो इंडस्ट्री में लगातार 9वें महीने गिरावट दर्ज की गई है. ब्रिकी के लिहाज से जुलाई का महीना बीते 18 साल में सबसे खराब रहा. इस दौरान बिक्री में 31 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
ऑटो सेक्टर की परेशानियां आखिर हैं क्या
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऑटो सेक्टर में आए इस स्लोडाउन की कई वजहें हैं. सबसे बड़ी वजह अगले साल से लागू होने वाला BS6 नार्म्स है. ऑटो सेक्टर में ट्रांजेशन का फेस चल रहा है. कंपनियां BS VI पर शिफ्ट हो रही है. ऐसे में कंपनियों की लागत बढ़ रही है. लिहाजा कंपनियों पर दाम बढ़ाने का दबाव भी है. इसके अलावा कंपनियों के पास पहले से बनी हुईं BS IV कारों को निकालने का भी दबाव है, लिहाजा ऑटो सेक्टर की सभी कंपनियां खुद को अजीब स्थिति में पा रही हैं.
साभार- न्यूज 18