Publish Date:10-Dec-2019 23:55:36
नई दिल्ली, 10 दिसंबर 2019, देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के बीते वित्त वर्ष के फंसे कर्ज (NPA) में करीब 12,000 करोड़ रुपये का अंतर पाया गया है. एसबीआई ने अपनी जानकारी में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से किए गए आकलन के अनुसार, बीते वित्त वर्ष में एसबीआई का सकल एनपीए 1,84,682 करोड़ रुपये था. यह बैंक द्वारा दिखाए गए 1,72,750 करोड़ रुपये के सकल एनपीए से 11,932 करोड़ रुपये अधिक है.
क्या बैंक ने NPA छुपाया?
दरअसल SBI ने पिछले वित्त वर्ष में 11,932 करोड़ रुपये के बैड लोन डाइवर्जन की जानकारी दी है. इस वजह से बैंक को अपने बही-खाते में 12,036 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान करना पड़ता, जिससे अनुमानित घाटा 6,968 करोड़ रुपये रहता.
बैंक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, SBI ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष (2018-19) में NPA की राशि 1.73 लाख करोड़ रुपये बताया था. हालांकि RBI के मुताबिक यह NPA 1.85 लाख करोड़ रुपये था. वहीं बैंक का बैड लोन 1.07 लाख करोड़ है, जबकि RBI के मूल्याकंन में 1.19 लाख करोड़ रुपये का पता चला है.
RBI की जांच में खुलासा
RBI के आंकड़ों के मुताबिक SBI का शुद्ध एनपीए 77,827 करोड़ रुपये था, वहीं एसबीआई ने 65,895 करोड़ रुपये का शुद्ध एनपीए दिखाया था. इस तरह शुद्ध एनपीए में भी 11,932 करोड़ रुपये का अंतर था. एसबीआई ने इस साल मई में 2018-19 में 862 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था.
गौरतलब है कि पिछले दिनों कई बैंकों की ओर से अपने डूबे कर्ज को कम कर दिखाने के मामले सामने आए हैं. एसबीआई ने पिछले महीने एक सर्कुलर में कहा था कि अंतर और प्रावधान के बारे में खुलासा महत्वपूर्ण होता है. इसका तत्काल खुलासा करने की जरूरत होती है.
साभार- आज तक