27-Apr-2024

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पेयजल के लिये पीएचई के बजट में 534.73 करोड़ का प्रावधान

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जल निगम के लिये 1395 करोड़ की व्यवस्था
ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम पर अगले साल 273.82 करोड़ खर्च होंगे
साल 2022 तक 90 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को नल-जल योजनाओं का लाभ मिलेगा
फ्लोराइड प्रभावित लगभग 9000 बसाहटों को मिला शुद्ध पेयजल

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुश्री कुसुम महदेले ने कहा है कि राज्य सरकार की मंशानुरूप प्रदेश की शहरी एवं ग्रामीण आबादी को पेयजल की कमी नहीं होने दी जायेगी। प्रदेश में पेयजल व्यवस्था के लिये पीएचई विभाग के बजट में पर्याप्त राशि का प्रावधान किया गया है। अगले वित्तीय वर्ष 2018-19 में सुचारु पेयजल व्यवस्था के लिये विभागीय बजट से 534 करोड़ 73 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे। मध्यप्रदेश जल निगम के लिये भी राज्य मद में 1395 करोड़ की राशि का प्रावधान उपलब्ध करवाया गया है।
सुश्री कुसुम महदेले ने सदन को बताया कि अगले वित्तीय वर्ष के लिये राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के संचालन पर 273 करोड़ 82 लाख रुपये व्यय होंगे। पेयजल व्यवस्था की राष्ट्रीय नीति के अनुरूप भारत सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक 90 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को नल-जल योजनाओं तथा 80 प्रतिशत परिवारों को घरेलू कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है। मध्यप्रदेश सरकार इस दिशा में तेजी से अग्रसर है। विगत वर्षों में किये गये कार्यों के फलस्वरूप एक अप्रैल, 2017 की स्थिति में एक लाख 28 हजार 61 बसाहटों में से 99 हजार 817 बसाहटें 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मापदण्ड को पूरा कर रही थीं। इस वर्ष 10 हजार 75 बसाहटों के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 9 हजार 90 बसाहटें इस मापदण्ड को पूरा कर चुकी हैं। इसी मापदण्ड को 8 हजार बसाहटों में पूरा करने के लिये अगले साल के बजट में 124 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
सुश्री महदेले ने बताया कि फ्लोराइड प्रभावित 9 हजार 183 बसाहटों में से 8 हजार 997 में शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया जा चुका है। अगले साल शेष 186 प्रभावित बसाहटों में 26 करोड़ 16 लाख खर्च कर शुद्ध पेयजल मुहैया करवाया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री एवं अंशदान आधारित ग्राम नल-जल योजनाओं के  क्रियान्वयन की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इसके लिये 311 करोड़ रुपये की बजट राशि उपलब्ध करवाई गई है। सुश्री महदेले ने प्रदेश के प्रत्येक मोक्षधाम में एक हैण्ड-पम्प स्थापित करने की घोषणा भी सदन में की। उन्होंने सदन को बताया कि पेयजल समस्या के समाधान के लिये बाह्य वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेने के भी प्रयास किये जा रहे हैं। जल निगम द्वारा बड़े बाँधों पर समूह नल-जल योजनाएँ तैयार की गई हैं। साथ ही नर्मदा, ताप्ती, महानदी आदि मुख्य नदियों पर इंटेक-वेल का निर्माण कर समूह नल-जल योजनाएँ तैयार की गई हैं। वर्तमान में 33 समूह जल-प्रदाय योजनाओं के माध्यम से 1900 ग्रामों की लगभग 25 लाख ग्रामीण आबादी को घर-घर नल कनेक्शन देने का कार्य प्रगति पर है। अब तक 9 योजनाओं के माध्यम से 472 ग्रामों में घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल प्रदाय होने लगा है।
सुश्री कुसुम महदेले ने बुंदेलखण्ड विकास विशेष पैकेज का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें 252 करोड़ 47 लाख की राशि रखी गई है। अगले साल 3 समूह जल प्रदाय योजना द्वारा पेयजल प्रदाय प्रारंभ हो जायेगा। ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक की सहायता से 4 हजार 512 करोड़ 60 लाख रुपये की लागत की 9 समूह पेयजल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना भी प्रस्तावित है। इससे 3,467 ग्रामों की लगभग 33 लाख 43 हजार आबादी को लाभ मिलेगा। केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को 1500 सोलर पम्प आधारित पेयजल योजनाओं को स्थापित करने का लक्ष्य दिया गया है। सरकार द्वारा इस संबंध में निर्देश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि हैण्ड-पम्प के रख-रखाव के कार्य को लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के दायरे में रखा गया है। हैण्ड-पम्पों के रख-रखाव, मरम्मत आदि के लिये अगले साल के बजट में 70 करोड़ 77 लाख की राशि का प्रावधान रखा गया है। अब यह निर्णय भी लिया गया है कि नल-जल योजनाओं के विद्युत देयकों का भुगतान भी शासन स्तर से होगा।
उन्होंने सदस्यों को बताया कि विगत 3 वर्ष के दौरान विभागीय मशीनों से 28 हजार से अधिक नलकूपों का खनन कर ग्रामीण बसाहटों में पेयजल के माकूल प्रबंध किये गये हैं। इसी वर्ष शुरू हुई मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजना के पहले चरण में प्रत्येक ब्लॉक के चार-चार ग्रामों को चिन्हांकित किया गया है। अब तक 4,853 सफल स्रोत विकसित करते हुए लगभग 1,765 ग्राम इस योजना के क्रियान्वयन की पात्रता सूची में शामिल हो चुके हैं। इस योजना की लगभग 1,500 डीपीआर तैयार हो चुकी हैं। अब तक लगभग 1,037 योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है, जिनकी लागत एक हजार 2 करोड़ 60 लाख रुपये है। अगले वर्ष पहले चरण में 1,200 योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य है। सुश्री महदेले के उत्तर के बाद सदन ने उनके विभाग से संबंधित 2,598 करोड़ 3 लाख 70 हजार रुपये की अनुदान माँगों को पारित कर दिया।

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