Publish Date:16-Nov-2019 15:04:59
इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बहुत जल्दी ही प्राइवेट जेट के लिए एक टर्मिनल बनकर तैयार हो जाएगा. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी. जीएमआर ग्रुप के देलही इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को इसे जनवरी 2020 तक तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है. बता दें कि DIAL एक कंसोर्टियम है जो कि जीएमआर ग्रुप और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा लीड किया जा रहा है. IGIA को ही इसे ऑपरेट करने और मैनेज करने की जिम्मदारी दी गई है.
DIAL के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, 'हम नए जनरल एविएशन फेसिलिटीज़ के मामले में तेज़ी से प्रोग्रेस कर रहे हैं. इसमें तमाम एयरक्राफ्ट स्टैंड, हैंगर और फिक्स्ड बेस्ड ऑपरेटर टर्मिनल (FBO) जैसी सुविधाएं हैं. एयरक्राफ्ट पार्किंग स्टैंड बनकर लगभग तैयार होने वाला है.
पूरी दुनिया में एफबीओ सुविधाएं सामान्य एविएशन सुविधाओं को फैलाने में मदद करती हैं क्योंकि ये प्राइवेट जेट और चार्टर फ्लाइट्स को टर्मिनल उपलब्ध कराती हैं. इस एक्पैंशन प्लान के ऊपर करीब 9800 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. जिसके बाद इसकी क्षमता बढ़कर 14 करोड़ पैसेंजर सालाना की हो जाएगी. इस एक्पैंशन के साथ IGIA एयरपोर्ट भारत में पहला एयरपोर्ट हो जाएगा जिसमें चार रनवे होंगे. उम्मीद की जा रही है कि ये फेज़ 3A के अंतर्गत ये प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा हो जाएगा. इसमें एलिवेटेड टैक्सी वेज़ भी बनाए जाएंगे.
इसके अलावा इसका दूसरा फीचर है टर्मिनल 1 जो कि 4 करोड़ पैसेंजर हैंडलिंग की क्षमता रखता है. इसमें तमाम पैसेंजर फ्रेंडली सुविधाएं हैं जैसे कि फेशियल रिकग्निशन सिस्टम और एयरोब्रिज. इसके अलावा कंपनी ने काफी स्टडी किया है ताकि परिसर में एक 'ऑटोमेटेड पीपल मूवर' को इन्सटॉल किया जा सके. दुनिया के तमाम बड़े एयरपोर्ट्स पर यह सुविधा है जो कि पैसेंजर्स को इस बात की सुविधा देता है कि वह अलग अलग टर्मिनल्स से कनेक्टिंग फ्लाइट्स को पकड़ सकें. मौजूदा वक्त में इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर छोटी दूरी के ट्रैवेल सोल्यूशन के तहत ड्राइवरलेस मोनोरेल को यूज़ किया जा रहा है.
साभार- न्यूज 18