Publish Date:14-Dec-2019 19:59:08
राजकाज न्यूज, भोपाल
मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ विधानसभा की तर्ज पर सदन की कार्यवाही में व्यवधान पैदा करने वाले विधायकों के वेतन और भत्तों में कटौती करने की तैयारी की जा रही है। इस तरह की कार्यवाही को कांग्रेस के वचन-पत्र में शामिल किया गया था। अब इसी पर अमल की कवायद चल रही है। आपका बता देें हि सदन की कार्यवाही के बीच हंगामें के कारण सदन में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा नहीं हो पाती। इसी लिए मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय ने दूसरे राज्यों से इस व्यवस्था के बारे में जानकारी मांगी है।
मध्यप्रदेश विधानसभा के विधायकों के वेतन-भत्ते एक लाख रुपए से अधिक हैं। सत्र के दौरान विधायकों को 1500 रुपए प्रतिदिन अलग से वेतन भत्ता भी मिलता है। वहीं विधानसभा की कार्यवाही में प्रतिदिन 40 लाख रुपए से ज्यादा का खर्च आता है। छत्तीसगढ़ में सदन में हंगामा करने पर विधायकों के भत्ते में कटौती की जाती है। इधर, मध्यप्रदेश में भी पिछली भाजपा सरकार में भी इस व्यवस्था को लागू करने चर्चा हुई थी। विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ.सीताशरण शर्मा ने सदन की बैठकों के पहले सर्वदलीय बैठक शुरू करने की परंपरा शुरू की थी, ताकि सदन में उठाए जाने वाले विषयों पर चर्चा हो सके। लेकिन इसका प्रभाव कम ही दिखा।