Publish Date:09-Jun-2018 00:49:25
नई दिल्ली: दिल्ली के संगम विहार में 'लेडी डॉन' का बेहद खौफ है. अपराध की दुनिया में उसे मम्मी के नाम से पहचाना जाता है. उसके आठ बेटे हैं और सभी अपराधी हैं. पूरे परिवार पर 113 संगीन मामले दर्ज हैं. हालांकि अब धीरे-धीरे उसका अपराधों का साम्राज्य खत्म होने को है. बुधवार को पुलिस ने उसका घर भी सील कर दिया.
एनडीटीवी की विशेष खबर के मुताबिक दिल्ली के संगम विहार थाने के एसएचओ उपेंद्र सिंह ने अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खंगाली. एक हिस्ट्रीशीट उपेंद्र सिंह को बेहद अलग दिखी. यह हिस्ट्रीशीट थी बशरीन उर्फ मम्मी और उसके आठ बेटों की. बशीरन वह अनोखी मां है जो खुद तो अपराध करती ही है अपने सभी आठ बेटों को भी अपराध करने पर शाबाशी देती है. थोड़ी ही देर में मम्मी की धरपकड़ के लिए तैयारी शुरू हो गई.
कई पुलिस कर्मियों की टीम मम्मी के घर की तरफ चल दी. मम्मी के घर तक पहुंचना आसान नहीं था, क्योंकि रास्ता ऊबड़-खाबड़ है. कुछ दिन पहले तक पुलिस भी वहां जाने से कतराती थी. उसके गैंग में इतने लोग हैं कि वे मौका मिलते ही हमला कर देते हैं. अखिरकार पुलिस के साथ एनडीटीवी की टीम भी उसके घर पहुंच गई. उसके बारे में पता किया गया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. मम्मी पिछले पांच महीने से फरार है. उसका इस इलाके में जबर्दस्त खौफ है. बीते बुधवार को इस घर को अदालत के आदेश पर पुलिस ने सील कर दिया. यानि उसके अपराध के साम्राज्य पर आखिरी कील ठोक दी गई.
कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने बशीरन के घर को अटैच्ड कर दिया है, लेकिन इलाके में उसका अब भी इतना खौफ है कि कोई भी बात करने को तैयार नहीं. इलाके के कई नाबालिग लड़के अपराधी हैं जो उसको मम्मी के नाम से पुकारते हैं.
दक्षिणी दिल्ली की एडिशनल डीसीपी विजयंती आर्या ने बताया कि जब ये (बशीरन) भगोड़ा घोषित हो गई तो सेक्शन 83 सीआरपीसी द्वारा हमने कोर्ट को रिक्वेस्ट किया कि इसके संगीन अपराधों को देखते हुए और ये देखते हुए की ये लगातार अपराध कर रही है, इसकी प्रापर्टी को अटैच्ड कर दिया जाए.
पुलिस के मुताबिक बशीरन ने अपने बच्चों को तो अपराध में धकेला ही, इलाके के सैकड़ों नाबालिग बच्चों को भी पहले नशे की लत लगाई और फिर उन्हें अपनी गैंग में शामिल कर लिया. विजयंती आर्या ने बताया कि 113 केस तो इनके परिवार पर ही हैं. इसके अलावा भी इलाके के और बच्चे जो कि उस एक सेंसटिव ऐज में होते हैं, जहां वे अपने अच्छे-बुरे का निर्णय नहीं ले पाते, उनको भी पैसे का लालच देकर या एक अच्छी ज़िंदगी का लालच देकर या फिर मौजमस्ती ऐश का लालच देकर जुर्म की तरफ धकेल रहे थे.
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि इसका (बशीरन) आतंक का साया ऐसा है कि रात में आठ बजे के बाद कोई महिला रोड पर चलने से डरती है. यह 8-10-12 साल के बच्चों को अपना शिकार बनाती है. पहले नशे की आदत डालती है, चरस, गांजा खिलाना-पिलाना.. जब 6-7 महीने में आदत पड़ जाती है तो फिर उनको यह बदमाश बनाती है. उन्हें चाकू, छुरा, रिवॉल्वर देती है.
इलाके में दिल्ली की सरकारी पानी की पाइप लाइन पर बशीरन का कब्ज़ा है. वह यहां अपने तरीके से पानी बांटती है और लोगों से घंटे के हिसाब से पैसे वसूलती है. आसपास के लोग अपने घरों से झांकते तो नज़र आए लेकिन उसके खिलाफ मुंह खोलने वाले मुश्किल से मिले. एक स्थानीय निवासी ने बताया कि इन्होंने कई बोरों पर कब्ज़े कर रखे हैं. 700 से 1000 रुपये वसूलते हैं. बहुत ही आतंक है इन लोगों का. लेकिन अब जो पुलिस ने काम किया है वह बहुत ही बढ़िया किया है. आज तक ऐसा काम नहीं हुआ.
बशरीन के आठ बेटे हैं. अपराध में यह परिवार काफी आगे है. बशीरन यानि गैंग की सरगना पर 9 मामले दर्ज हैं. उसके बेटों में शमीम पर 42, शकील पर 15, वकील पर 13, राहुल पर 3, फैज़ल पर 9, सनी पर 9, सलमान पर 2 और एक नाबालिग बेटे पर 11 संगीन मामले दर्ज हैं. इन मामलों में 7 केस हत्या के और 3 हत्या की कोशिश के हैं.
बशीरन पर शिकंजा कसना तब शुरू हुआ जब इसी साल जनवरी में उसने एक लड़के को अगवा करवाकर घर के पास जंगल में उसकी हत्या करवानी चाही, लेकिन समय रहते पुलिस पहुंच गई और वह लड़का बच गया. तब पता चला कि बशीरन ने जंगल में 17 सितंबर 2017 को मिराज नाम के एक लड़के की हत्या करवाकर उसे वहीं दफन करवा दिया था. तभी से बशीरन फरार है और उसे कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया है.
बशीरन ने पुलिस से बचने के लिए अपने घर के बाहर सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए थे. फिलहाल उसके घर में बशीरन समेत चार लोग फरार हैं, दो जेल में हैं और तीन जमानत पर बाहर हैं, लेकिन वे भी फिलहाल इस इलाके से गायब हैं.
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