25-Apr-2024

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4 साल में करीब पूरी दुनिया घूम चुके PM मोदी, खर्च हुए 1484 करोड़ रुपये

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार से अफ्रीकी महाद्वीप के तीन दिन के दौरे पर हैं. इस दौरान पीएम रवांडा, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका जाएंगे. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी अब तक 84 देशों का दौरा कर चुके हैं. अब इस लिस्ट में रवांडा, युगांडा का भी नाम जुड़ जाएगा. जबकि, पीएम दूसरी बार दक्षिण अफ्रीका जा रहे हैं.

सरकार के मुताबिक, 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 84 देशों की यात्रा के दौरान चार्टर्ड फ्लाइट, प्लेनों के रख-रखाव और हॉटलाइन सुविधाओं पर 1,484 करोड़ रुपये खर्च हुए.
विदेश मामलों के राज्य मंत्री वी के सिंह ने आरटीआई के तहत में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में ये राज्यसभा में ये आंकड़ें साझा किए थे. बता दें कि पीएम मोदी की तुलना में पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के विदेश दौरों पर 9 साल में 642 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.

पीएम मोदी अब तक के कार्यकाल में कुल 171 दिन विदेश दौरों पर रहे हैं. इस तरह बतौर प्रधानमंत्री उनका 12 प्रतिशत समय विदेश दौरे में गुजरा है. बात अगर सबसे महंगे विदेश दौरे की करें, तो अप्रैल 2005 में पीएम मोदी की फ्रांस, जर्मनी और कनाडा की यात्रा सबसे महंगी रही. सिर्फ चार्टर्ड फ्लाइट और हॉटलाइन सुविधा पर 32 करोड़ रुपये खर्च हुए.

प्लेन के रख-रखाव पर खर्च हुए 1088.42 करोड़
आंकड़ों के मुताबिक, 15 जून 2014 और 10 जून 2018 के बीच के दौरान प्रधानमंत्री के प्लेन के रख-रखाव पर 1088.42 करोड़ रुपये, जबकि चार्टर्ड फ्लाइट पर 387.26 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. इस दौरान हॉटलाइन पर कुल 9.12 करोड़ रुपये खर्च हुए.

सबसे ज्यादा बार अमेरिका गए पीएम मोदी
नरेंद्र मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री सबसे ज्यादा बार अमेरिका का दौरा किया है. उनके विदेश दौरों के लिहाज से जुलाई से नवंबर का वक्त सबसे ज्यादा व्यस्त रहता है, क्योंकि इसी दौरान BRICS और ईस्ट एशिया समिट होते हैं.

वहीं, साल 2014-15 में मोदी ने 13 देशों का दौरा किया, जिसमें बतौर प्रधानमंत्री भूटान दौरा मोदी का पहला दौरा था. साल 2018 में उन्होंने 10 देशों का दौरा किया, जिसमें उनका अंतिम दौरा पिछले महीने का चीन दौरा रहा.

सरकार के मुताबिक, प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं का उद्देश्य व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, विकास भागीदारी सहित विभिन्न क्षेत्रों में इन देशों के साथ परस्पर सूझबूझ बढ़ाना है. इन यात्राओं से इस अवधि के दौरान राजनयिक पहुंच में इजाफा हुआ है. इस पहुंच से अन्य बातों के साथ-साथ सरकार के राष्ट्रीय विकास के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हमारे विदेशी सहभागियों की सम्बद्धता बढ़ी है.

साभार- आईबीएन खबर

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