25-Apr-2024

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पेट्रोल 1.59 रुपये, डीजल 1.31 रुपये महंगा पर सऊदी राजदूत ने कहा- भारत को देंगे पूरी सप्‍लाई

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नई दिल्ली. सऊदी अरब (Saudi Arab) ने अपने तेल संयंत्रों पर हुए अब तक के सबसे बड़े हमलों के बावजूद कहा है कि वह भारत (Iran) की ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही, वह बाजार की स्थिरता बनाये रखने के लिए अन्य तेल उत्पादकों के साथ रचनात्मक रूप से काम करेगा. बता दें कि पिछले 6 दिनों में पेट्रोल की कीमतों में 1.59 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ है. वहीं डीजल का भाव 1.31 रुपये प्रति लीटर बढ़ा है.

सऊदी अरब के राजदूत डा. सऊद बिन मोहम्मद अल साती ने पीटीआई से विशेष साक्षात्कार में कहा कि उनका देश जमीनी स्थिति देखने और हमलों की जांच में शामिल होने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को आमंत्रित करेगा. यह पूछे जाने पर कि ईरान (Iran) से तेल आयात पर प्रतिबंध के चलते उसकी भरपाई के लिए क्या सऊदी अरब भारत को तेल की आपूर्ति बढ़ाएगा, राजदूत ने कहा, ‘‘उनका देश भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और अन्य स्रोतों से बाधाओं के चलते पैदा होने वाली किसी भी कमी को वह पूरा करेगा.’’

'पूरी ताकत से जवाब देना जानता है अरब'
सऊदी तेल संयंत्रों पर हुए अब तक के सबसे बड़े हमले पर उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में स्वयं की रक्षा करने तथा ‘‘इन आक्रमणों’’ का पूरी ताकत से जवाब देने की क्षमता है. उन्होंने कहा कि उनका देश हमले के बाद रियाद (Riyadh) का समर्थन करने और उसके साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए भारत की प्रशंसा करता है. उन्होंने कहा कि ये हमले एक तरह से ‘‘पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ थे.’’

सऊदी अरब की राष्ट्रीय पेट्रोलियम कंपनी सऊदी अरामको (Saudi Aramco) के तेल संयंत्रों पर गत 14 सितम्बर को किये गए ड्रोन और मिसाइल हमलों के चलते उसका दैनिक तेल उत्पादन तकरीबन आधा ठप्प हो गया. इससे वैश्विक तेल बाजार पर गंभीर प्रभाव पड़ा और सऊदी अरब और ईरान के बीच तनाव उत्पन्न हो गया.

मामले की जांच जारी
राजदूत ने कहा, ‘‘जांच चल रही है. सऊदी अरब संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को जमीनी स्थिति देखने और जांच में शामिल होने के लिए आमंत्रित करेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सऊदी अरब अपनी सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उपुयक्त कदम उठाएगा. सऊदी अरब का यह दृढ़ता के साथ कहना है कि उसमें अपनी सरजमीं, अपने लोगों की रक्षा करने और इन हमलों का जोरदार तरीके से जवाब देने की क्षमता और संकल्प है.’’

यमन के हूती आतंकवादी समूह ने सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हुए अब तक के सबसे बड़े हमलों की जिम्मेदारी ली है. इस हमले से वैश्विक तेल आपूर्ति काफी प्रभावित हुई है. सऊदी अरब और उसके सहयोगी देश अमेरिका ने इन हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है लेकिन तेहरान ने आरोपों से इनकार किया है.

अंतरराष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ था सऊदी अरामको पर हमला
राजदूत ने कहा, ‘‘सऊदी अरामको के खिलाफ यह हालिया हमला केवल सऊदी अरब के खिलाफ नहीं, बल्कि एक तरह से पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ था और यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में बाधा उत्पन्न करने का जानबूझकर किया गया प्रयास था. इसलिए दोषियों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.’’

उन्होंने कहा कि विश्व के शीर्ष तेल उत्पादकों में शामिल सऊदी अरब बाजार की स्थिरता बनाये रखने के लिए ‘ओपेक’ के भीतर और उसके बाहर अन्य उत्पादकों के साथ रचनात्मक रूप से काम करना जारी रखेगा. इस तरह से उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों की रक्षा होगी. ओपेक (आर्गेनाइजेशन आफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज) 14 तेल उत्पादक देशों का समूह है.

राजूदत ने कहा, ‘‘भारत ने हमारे तेल संयंत्रों पर हमलों की निंदा की और आतंकवाद के सभी स्वरूपों का विरोध करने का संकल्प दोहराया. एक मित्र एवं रणनीतिक साझेदार के तौर पर हम भारत द्वारा समर्थन एवं एकजुटता प्रदर्शित करने की प्रशंसा करते हैं.’’ उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में संकेत मिला है कि हमले में इस्तेमाल हथियार ईरानी थे और हमले के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच जारी है.

सऊदी ने की हमले की निंदा
उन्होंने कहा, ‘‘सऊदी अरब इस घृणित अपराध की निंदा करता है, जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा उत्पन्न करता है और दावे से कहता है कि इस हमले का प्राथमिक लक्ष्य ईरानी हथियारों का उपयोग करते हुए सऊदी अरामको पंपिंग स्टेशनों के खिलाफ हुए पिछले हमलों के अनुरूप है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘सऊदी अरब अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान करता है कि वह इस कृत्य के पीछे मौजूद देशों/लोगों की निंदा करने की अपनी जिम्मेदारी निभाये और वैश्विक अर्थव्यवस्था को खतरे में डालने वाले इस लापरवाह व्यवहार के खिलाफ दृढ़ और स्पष्ट रूख अपनाये.’’

भारत के साथ संबंध मजबूत
राजदूत ने कहा कि सऊदी अरब क्षेत्र की सुरक्षा स्थिर रखने के लिए अपने साझेदारों और सहयोगियों के साथ काम करना जारी रखेगा. पिछले कुछ वर्षों में सऊदी अरब के साथ भारत के संबंध प्रगाढ़ हुए हैं जो कि कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग के अलावा ऊर्जा संबंधों पर आधारित हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2016 में रियाद यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों को एक नयी दिशा दी.

सऊदी अरब में 29.6 लाख से अधिक भारतीय नागरिक काम कर रहे हैं, जो देश में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है.

साभार- न्‍यूज 18

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