Publish Date:10-Dec-2019 00:17:12
नई दिल्ली: लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) पर चर्चा के दौरान एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस विधेयक पर ऐतराज जताते हुए इसकी प्रति फाड़ दी. ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह विधेयक संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. बीजेपी (BJP) ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कहा कि यह सदन का अपमान है. वहीं, बीजेपी सदस्य पीपी चौधरी ने कहा कि ओवैसी ने बिल की प्रति फाड़कर संसद का अपमान किया है. इससे पहले बिल पर चर्चा के दौरान ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह सरकार मुसलमानों को 'राष्ट्रविहीन' बनाने की साजिश कर रही है. उन्होंने यह दावा भी किया कि यह विधेयक एक बार फिर से देश के बंटवारे का रास्ता तैयार करेगा.
उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी ने नागरिकता कार्ड को फाड़ा था और मैं आज इस विधेयक को फाड़ता हूं. इसके बाद उन्होंने विधेयक की प्रति फाड़ दी. उन्होंने कहा कि यह बिल भारत के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने वाला है. मैं बिल को फाड़ता हूं, जो हमारे देश को विभाजित करने का प्रयास करता है.
ओवैसी के देश के बंटवारे वाली बात पर केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि किसी की हिम्मत नहीं है भारत का बंटवारा कर दे. ये देश मजबूत है. हिन्दू, मुस्लिम, सिख, क्रिश्चियन, सब मिलकर साथ रहते हैं और इस देश को आगे बढ़ाते हैं. अब इस देश को कोई नहीं तोड़ सकता.
बिल के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं: अमित शाह
लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है. किसी के साथ अन्याय का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है. अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का बिल है. इस बिल ने किसी मुस्लिम के अधिकार नहीं लिए हैं. हमारे एक्ट के अनुसार कोई भी आवेदन कर सकता है. नियमों के अनुसार आवेदन करने वालों को नागरिकता दी जाएगी.'
साभार- एनडीटीवी