20-Apr-2024

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जो काम सदी के महानायक नहीं कर पाए, उसे गांव के एक टीचर ने कर दिखाया

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उत्तर प्रदेश का बाराबंकी जिला इन दिनों फिर चर्चा में है. इस बार फिर इसकी वजह बने हैं सदी के महानायक अमिताभ बच्चन. आज से करीब 10 साल पहले 2008 में इस गांव में सदी के महानायक पहुंचे और गांव वालों से एक वादा किया. उस समय तो मानों जैसे ग्रामीणों के सपनों को पंख लग गए और वे ऊंची उड़ान भरने लगे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका सपना रियल लाइफ में न तब्दील होकर रील लाइफ की तरह ही रह जाएगा.

दरअसल, बाराबंकी जिले के दौलतपुर गांव में करीब दस साल पहले अमिताभ बच्चन अपनी पत्नी जया बच्चन, बेटे अभिषेक और बहू ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ पहुंचे थे. अमिताभ ने दौलतपुर गांव में करीब दस बीघे जमीन लेकर एक डिग्री कॉलेज का नींव रखी थी. कॉलेज का नाम भी बहू के नाम पर ऐश्वर्या राय बच्चन कन्या महाविद्यालय रखा गया, लेकिन जो जमीन अमिताभ बच्चन ने कॉलेज के लिए ली थी दस साल बीतने के बाद भी आज वह जमीन वैसी ही पड़ी है.

रिपोर्ट के मुताबिक दौलतपुर गांव के लोगों ने खुद अपना एक डिग्री कॉलेज बनाने का फैसला लिया और उसके लिए फंड जमा करना भी शुरू कर दिया है. बताया जाता है ग्रामीणों द्वारा बनाए गए इस कॉलेज के निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका है. गांव के लोगों की मेहनत रंग भी लाई और जुलाई से इस कॉलेज में पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी. दिलचस्प बात यह है कि गांव वालों ने इस कॉलेज को अमिताभ बच्चन के प्लॉट से बेहद करीब बनाया है.

कॉलेज निर्माण पूरा श्रेय गांव के ही सत्यवान शुक्ला नाम के एक शिक्षक को जाता है, जिन्होंने कॉलेज के लिए लोगों का सहयोग लेकर जमीन की व्यवस्था की और चंदा लेकर इसका निर्माण कार्य पूरा करवाया. सत्यवान शुक्ला ने इस कॉलेज का नाम दौलतपुर डिग्री कॉलेज रखा है और डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी फैजाबाद से इसकी मान्यता भी ले ली है. जुलाई से यहां बीए और बीएससी की पढ़ाई भी शुरू होने जा रही है.

न्यूज़18 की टीम ने जब गांव के लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि दस साल पहले जब अमिताभ बच्चन अपने परिवार के साथ यहां आए तो उन्हें लगा कि अब उनका गांव वीवीआईपी बनने वाला है. गांव में हर तरफ लोगों में खुशी थी. उनको लगा कि अब उनके बच्चे ऐश्वर्या राय बच्चन के नाम पर बने कॉलेज में पढ़ेंगे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनके सपने हकीकत में नहीं बदलेंगे.

वहीं, जब हमने गांव में रहने वाले उन बच्चों से बात की गई, जो पढ़ाई करके अपना भविष्य संवारना चाहते हैं तो उनका कहना था कि उन्हें अभी तक पढ़ने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है. अब वह बहुत खुश है कि उन्हें पढ़ने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा.

हालांकि दौलतपुर गांव के प्रधान और अमिताभ बच्चन सेवा संस्थान के सचिव अमित सिंह का कहना है कि अमिताभ बच्चन ने निष्ठा फाउंडेशन को कॉलेज बनाने के लिए दिया था, जिसकी अध्यक्ष जया बच्चन हैं. जब निष्ठा फाउंडेशन ने कॉलेज को नहीं बनाया तो जया बच्चन ने इसको बनाने की जिम्मेदारी अमिताभ बच्चन सेवा संस्थान को दिलवाई.

अमित सिंह ने बताया कि बिग बी को शायद ये लगा कि गांव के लोग उनका सपोर्ट नहीं कर रहे. शुरुआत में गांव के लोग अमिताभ बच्चन के खिलाफ थे और मुकदमेबाजी में फंसा दिया. हालांकि अमित सिंह को अभी भी यह विश्वास है कि अमिताभ यहां कॉलेज बनवाएंगे और जो वादा उन्होंने दौलतपुर की जनता से किया था उसे पूरा करेंगे.

गौरतलब है महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने खास दोस्त अमर सिंह के जन्मदिन के दिन पर दौलतपुर में ऐश्वर्या राय बच्चन कन्या महाविद्यालय बनाने का ऐलान किया था,लेकिन आज 10 साल  बाद भी यहां न तो कोई कॉलेज बना है और न बनने के आसार नजर आ रहे हैं. गांव वाले दबी जुबान में बच्चन परिवार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं. वो सवाल कर रहे हैं कि अगर अमिताभ बच्चन को यहां कॉलेज नहीं बनाना था, तो फिर उन्होंने उन्हें सपने क्यों दिखाए.

(रिपोर्ट: अनिरुद्ध शुक्ला)

खबर साभार- न्‍यूज 18

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