19-Apr-2024

 राजकाज न्यूज़ अब आपके मोबाइल फोन पर भी.    डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लीक करें

कोई कितना भी बड़ा विरोधी हो, गांधी को नकार नहीं सकता- RSS प्रमुख मोहन भागवत

Previous
Next

नई दिल्ली, 17 फरवरी 2020, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने महात्मा गांधी की तारीफ की है. उन्होंने सोमवार को कहा कि गांधीजी की प्रासंगिकता तो रहती ही है. उनके विचारों को जानना पड़ेगा. आज उनके विचार का कार्बन कॉपी तो नहीं किया जा सकता, लेकिन उनके विचार समझने और अपने कामों में रचाने बसाने की जरूरत है. मोहन भागवत ने कहा कि गांधी जी भारत की आवाज थे. वह भारतीय दृष्टि के जीते जागते उदाहरण थे. गांधी जी की सत्यनिष्ठा अविवादित है. कोई कितना भी विरोधी हो, वो उन्हें नकार नहीं सकता है.

गांधी को हिंदू होने की कभी लज्जा नहीं हुई: भागवत

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ये बात जे.एस. राजपूत की पुस्तक "गांधी को समझने का यही समय" के विमोचन के अवसर पर कही. मोहन भागवत ने कहा, गांधी को अपने हिंदू होने की कभी लज्जा नहीं हुई. उन्होंने कई बार कहा कि मैं पक्का सनातनी हूं. सभी अपने अपने धर्म को मानो और शांति से रहो यही वो कहते थे. शुरू के दिनों में वो तकनीकी के विरोधी थे लेकिन बाद में उसमें परिवर्तन कर लिया. 1920 में डॉ. हेडगवार ने कहा था कि गांधीजी के जीवन का अनुसरण करना चाहिए, सिर्फ स्मरण नहीं

आरएसएस प्रमुख ने कहा, आज शंकाओं को पैदा करने वाले लोग हैं और शंकाओं के बीच में कहीं जाते हैं तो झगड़ा पैदा होता है. आज जब मैं घूमता हूं तो लगता है कि परिस्थिति निराशा की नहीं है. आज नहीं तो 20 साल बाद हम ये कह सकते हैं कि बापू आप चले गए थे. अब आकर आप आराम से रह सकते हैं. ये मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं.

गांधीजी की सत्यनिष्ठा निर्विवाद है: भागवत

भागवत ने कहा, जो निर्भय है उसे ही सत्य मिलता है, गांधीजी की सत्यनिष्ठा निर्विवाद है. जो उनका बड़ा विरोध करनेवाला है वो भी सवाल नहीं उठा सकता. गांधी जी बैरिस्टर बनकर आए, पैसा कमा सकते थे. उन्होंने कभी लोकप्रियता और सफलता और असफलता की परवाह नहीं की. अंतिम व्यक्ति का हित विकास की कसौटी है ये उनका प्रयोग था और जब कभी गड़बड़ी हुई प्रयोग में तो उन्होंने माना की तरीका गलत है. गांधी जी की प्रमाणिकता के पाठ को हमें आज से शुरू करना चाहिए honesty is the best policy. Honesty ही सबकुछ है.

उन्होंने आगे कहा, गांधीजी के आंदोलन में गड़बड़ी होती थी तो प्रायश्चित करते थे. आज के आंदोलन में कोई प्रायश्चित लेनेवाला नहीं है, लेकिन आज के आंदोलन में जो पीटता है या जो जेल जाता है वही प्रायश्चित करता है, जो कराता है वो हारता है या जीतता है.

उन्होंने कहा, शिक्षा के जरिए हमारा दिमाग बिगाड़ दिया गया. एक समय था जब हमारी चीजों को गलत मानकर चला जाता था, लेकिन अब स्थिति बदल रही है. शिक्षा में ये नहीं बताया जाना चाहिए कि ये हमारे पक्ष का है और ये विपक्ष का. शिक्षा में सत्यपरकता होनी चाहिए. परिस्थितियां बदलेंगी, मुझे उम्मीद है कि सारा रंग एक होगा.

साभार- आज तक

Previous
Next

© 2012 Rajkaaj News, All Rights Reserved || Developed by Workholics Info Corp

Total Visiter:26563978

Todays Visiter:7707