Publish Date:20-Feb-2018 00:24:31
गीताजंलि जेम्स के पूर्व MD दावा: चौकसी ने नकली हीरे अधिक मूल्य पर बेचे
मुंबई: देश के बैंकिंग इतिहास की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी के मुख्य कर्ताधर्ता नीरव मोदी ने कहा है कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने मामले को सार्वजनिक कर उससे बकाया वसूलने के सारे रास्ते बंद कर लिए हैं। इसके साथ ही मोदी का दावा है कि पीएनबी का उसकी कंपनियों पर बकाया बैंक द्वारा बताई गई राशि से बेहद कम है।
मोदी ने 15/16 फरवरी को लिखा पत्र
पीएनबी प्रबंधन को 15/16 फरवरी को लिखे एक पत्र में मोदी ने कहा कि उसकी कंपनियों पर बैंक का बकाया 5,000 करोड़ रुपए से कम है। पत्र के अनुसार, ‘गलत तौर पर बताई गई बकाया राशि से ‘मीडिया में होहल्ला’ हो गया और परिणाम स्वरूप तत्काल तौर पर खोज का काम शुरू हो गया और परिचालन भी बंद हो गया।
बैंक का बकाया चुकाने की हमारी क्षमता खतरे में
पत्र में मोदी ने लिखा है, ‘इससे समूह पर बैंक के बकाया को चुकाने की हमारी क्षमता खतरे में पड़ गई है।’ उल्लेखनीय है कि मोदी, अपने परिवार समेत जनवरी के पहले हफ्ते में ही देश छोड़कर भाग गया था। उसने कहा, ‘13 फरवरी को की गई मेरी पेशकश के बावजूद बकाया को तत्काल पाने की व्यग्रता में (बैंक ने जानकारी 14/15 फरवरी को सार्वजनिक की) आपकी (बैंक) कार्रवाई ने मेरे ब्रांड और कारोबार को तबाह कर दिया और इससे अब बकाया वसूलने की आपकी क्षमता सीमित हो गई है।
गीताजंलि जेम्स के पूर्व MD दावा: चौकसी ने नकली हीरे अधिक मूल्य पर बेचे
गीताजंलि जेम्स के पूर्व एमडी ने दावा किया है कि मेहुल चौकसी ने अधिक मूल्य और जाली हीरे बेचे हैं। पूर्व एमडी श्रीवास्तव ने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी ने नकली हीरों को असली हीरों के रूप में बेचा। मेहुल चौकसी की गीताजंलि जेम्स ने पंजाब नेशनल बैंक द्वारा जारी किए गए नकली लैटर आॅफ अंडरटेकिंग (LOU) बनाए हैं।
नकली हीरों को असली बताकर उपभोक्ताओं को बेचा
इन आरोपों के बाद अब एक वरिष्ठ पूर्व अधिकारी ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने अपने हीरों की गुणवत्ता के बारे में झूठ बोला और नकली हीरों को असली बताकर पेश किया। कंपनी के पूर्व एमडी संतोष श्रीवास्तव के अनुसार चौकसी द्वारा बेचे गए भारी संख्या में हीरे लैब में बनाए गए।जिसका कोई भी मूल्य नही, उसने उपभोक्ताओं को भारी कीमत पर बेचा।
C ग्रेट के हीरे को A ग्रेड की दर पर बेचा गया
श्रीवास्तव ने एक एजेंसी को बताया कि ये हीरे ब्रॉंड वेल्यू और प्रमाणपत्र के नाम पर प्रीमियम की दर पर बेचे गए। प्रमाणपत्र भी जाली थेे। खरीदारी में जो हीरा ग्रेड ए का दावा किया गया वह वास्तव में सी ग्रेड का था। वह 2013 तक गीताजंलि में रिटेल कारोबार का प्रमुख था। श्रीवास्तव के आरोपों से गीतांजलि के उपभोक्ताओं की रात की नींद हाराम हो सकती है।
श्रीवास्तव के अनुसार गीताजंलि में बेचे गए हीरे के लिए चार्ज किया गया प्रीमियम बहुत अधिक था। लैब में बनाए गए हीरे के लिए चार्ज किया गया प्रीमियम बहुत अधिक था। लैब में बनाए गए हीरे की वैल्यू उसकी विक्री के मूल्य की तुलना में केवल 5-10 प्रतिशत थी। एजेंसी के अधिकारी गीताजंलि जेम्स के अधिकारियों तक पहुंचे, मगर कंपनी ने इस संबंध में कोई बयान नही दिया।
साभार- पंजाब केसरी