20-Apr-2024

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मंगल पर पहुंचा नासा का इंसाइट लैंडर, क्या खोल पाएगा अरबों साल पुराने राज...

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अमरीकी अंतरिक्ष संस्थान नासा का महत्वपूर्ण अंतरिक्ष यान इंसाइट लैंडर भारतीय समयानुसार 26-27 नवंबर की दरम्यानी रात यानी करीब डेढ़ बजे मंगल ग्रह पर उतरा।  यान में भेजे गए रोबोट के माध्यम से वैज्ञानिक मंगल के जीवन से जुड़े कई राजों को खोलने में अहम भूमिका निभाएगा। जब यान मंगल पर उतरने वाला था तब इसके साढ़े छह मिनट काफी अहम थे वैज्ञानिकों की स्पेशसेंटर में सांसे रुकी हुई थीं। नासा की रिपोर्ट के अनुसार यान लगातार धरती पर संदेश भेज रहा था। जैसे ही इंसाइट मंगल पर सुरक्षित उतरा उस समय कैलिफोर्निया स्थित नासा के  कंट्रोल रूम में खुशी का माहौल था। वैज्ञानिकों ने अपनी पहली परीक्षा मानो सौ फीसदी अंकों से पास कर ली हो।

वैज्ञानिकों का कहना है कि चूंकि मंगल पर यान सघन वातावरण में हाइपरसोनिक स्पीड से प्रवेश कर रहा था और उसे अपनी गति घटाते हुए बैलगाड़ी की गति पर आना था और इसके लिए उसके पास महज साढ़े छह मिनट ही थे जिसमें उसे सबकुछ कर लेना था, एक छोटी सी चूक पूरी मेहनत खराब कर सकती थी इसलिए वह सात मिनट काफी खतरनाक थे। लेकिन इन मिनटों में न केवल यान बैलगाड़ी जितना धीमा हुआ बल्कि उसने धीरे से मंगल की जमीन पर अपनी जगह भी बना ली। मंगल को लेकर वैज्ञानिकों के जेहन में काफी सारी जिज्ञासाएं बनी हुई हैं। मंगल में जीवन को लेकर भी वैज्ञानिक कई तरह के शोध कर रहे हैं।

नासा का इंसाइट लैंडर यान एलिसियम प्लानिशिया नामक सपाट मैदान में उतरा है जो इस लाल ग्रह की भूमध्य रेखा के काफी करीब है। इस यान के मंगल पर उतरने के बाद से ही वैज्ञानिक  इसके आस-पास की जानकारियों और तस्वीरों का इंतजार में हैं। उन्हें उम्मीद है कि यान कुछ ही घंटों में मंगल से जुरी जानकारियां धरती पर भेजना शुरू कर देगा।

मंगल पर उतरने के दौरान वैज्ञानिकों का कहना था कि यान के लिए पहले सात मिनट काफी अहम होंगे। यान जो 20 हजार किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से भाग रहा था उसे थम जाना था ऐसा करने के दौरान यान के साथ कुछ भी हो सकता था।

इंसाइट को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह मंगल ग्रह के बारे में जुड़ी सारी मिस्ट्री को सुलझाएगा।  वह इससे जुड़ी अरबों सालों से नहीं मिली जानकारियां भी दे सकता है। वैज्ञानिकों ने यान में कई तरह के यंत्र भेजे हैं जिसमें साइज्मोमीटर सबसे महत्वपूर्ण है जो मंगल के अंदर की हलचलों को रिकॉर्ड करेगा। यह पता लगाएगा कि मंगल के अंदर कोई भूकंप जैसी हलचल होती भी है या नहीं।

इंसाइट पहला यान है जो मंगल की खुदाई करके उसकी रहस्यमय जानकारियां जुटाने का भी काम करेगा। साथ ही इसमें कई ऐसे उपकरण लगाए गए हैं जो मंगल की जमीन के पांच मीटर नीचे जाकर उसके तापमान का पता लगाने का काम करेंगे। तापमान की स्थिति से यह पता चल सकेगा कि मंगल ग्रह अभी भी कितना सक्रिय है।

यान यहां तीन चरणों में काम करने जा रहा है। जिसमें खुदाई और  तापमान की जानकारी के बाद तीसरे प्रयोग में रेडियो ट्रांसमिशन का इस्तेमाल होगा जिससे यह बता चलेगा कि यह ग्रह अपनी धुरी पर डगमगाते हुए कैसे घूमता है या फिर घूमता भी है या नहीं। 

इस अभियान से जुड़ी एक वैज्ञानिक सुजैन स्म्रेकर कहती हैं, "आप एक कच्चा अंडा लें और एक पक्का अंडा, दोनों को घुमाने पर वह अलग-अलग तरीके से घूमेगा क्योंकि उसके अंदर तरल पदार्थ अलग-अलग है। आज हम यह नहीं जानते हैं कि मंगल के अंदर तरल चीज है या ठोस चीज। साथ ही इसका भीतरी भाग कितना बड़ा है यह भी हमें मालूम नहीं है।  इंसाइट हमें इस तरह की तमाम जानकारियां मुहैया कराएगा।

साभार- अमर उजाला

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