Publish Date:21-Feb-2017 00:29:01
पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि उनके प्रशासन ने कश्मीर में ‘आजादी के लिए लड़ रहे लोगों’ (फ्रीडम फाइटर्स) को अपने वश में कर रखा था, लेकिन बाद में यह लगा कि भारत के साथ मुद्दे पर बातचीत के लिए राजनीतिक प्रक्रिया की जरूरत है। साल 1999 में तख्तापलट के बाद पाकिस्तान की सत्ता पर आसीन हुए मुशर्रफ 2001 से 2008 तक राष्ट्रपति रहे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार भारत को उन मुद्दों पर चर्चा के लिए मजबूर करने में सक्षम थी जिस पर वह बातचीत करने का इच्छुक नहीं था। समाचार चैनल ‘दुनिया न्यूज’ को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ‘सेना प्रमुख और देश के राष्ट्रपति के तौर पर हम सफल रहे थे। हम भारत को बातचीत की मेज पर लाने और उन मुद्दों पर गौर करने में सक्षम थे जिन पर भारत चर्चा करने के लिए तैयार नहीं था।’
मुशर्रफ ने कहा कि उनकी सरकार ने कश्मीर में ‘आजादी के लिए लड़ रहे लोगों’ को अपने वश में कर रखा था और बाद में उनको लगा कि भारत के साथ आगे की बातचीत के लिए राजनीतिक प्रक्रिया की जरूरत है। विदेश जाने से प्रतिबंधित सूची से अपना नाम हटाए जाने के बाद वह पिछले साल मार्च में पाकिस्तान से दुबई के लिए चले गए। मुशर्रफ ने यह भी आरोप लगाया कि अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय भारत के हाथों में खेल रही है और पाकिस्तान में आतंकी समूहों को मदद के लिए औजार के तौर पर इसका इस्तेमाल हो रहा है।
पाकिस्तान ने शुरू किया कश्मीर के युवाओं को भड़काने का काम, ‘जिहादियों की आर्मी’ बनाने का है प्लान
पाकिस्तान ने आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के मुखिया हाफिज सईद को नजरबंद किया हुआ है। लेकिन उससे वहां होने वाली आतंकी गतिविधियो में कोई खास बदलाव नहीं आया है। इंडियन एक्सप्रेस को जानकारी मिली है कि पाकिस्तान में पहले कि ही तरह आतंक को बढ़ावा देने का काम जारी है। लेकिन पाकिस्तान इस बात को लेकर डरा भी हुआ है कि कहीं यूएस की तरफ से उसको मिलने वाली आर्थिक मदद रोक ना दी जाए। इसलिए अब पाकिस्तान अपने काम के तरीके में बड़ा बदलाव ला रहा है। खबर है कि जैश ए मोहम्मद पर बैन के डर से पाकिस्तान उसके जैसा एक नया संगठन बनाने की तैयारी शुरू कर चुका है।
कश्मीर में भारत के खिलाफ ‘आर्मी’ खड़ी करने का प्लान: सबसे ज्यादा खतरे की बात यह है कि पाकिस्तान ने कश्मीर में अपनी जड़ें मजबूत करना शुरू कर दिया है। ऐसे में पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर के कम उम्र के बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है। इनमें ज्यादातर वो युवा शामिल हैं जो घाटी के गांवों में रहते हैं और सेना पर पत्थर फेंककर अपना विरोध दर्ज करवाते हैं। पाकिस्तान उन कश्मीरी युवाओं को लेकर भारत के खिलाफ लड़ाई के लिए एक आर्मी तैयार करना चाहता है। पाकिस्तान का यह प्लान अभी शुरुआती स्तर पर है। अभी वह कश्मीर के युवाओं को भटका कर अपने साथ मिलाने की कोशिश में है। अगले चरण में उन लोगों को हथियार और बाकी सामान के लिए पैसे का इंतजाम किया जाएगा।
जिन युवाओं को पाकिस्तान तैयार कर रहा है उनमें से ज्यादातर को बंदूक चलाना भी नहीं आता। उन्हें जंगल, खराब मौसम जैसी कठिन परिस्थिति में रहने की आदत भी नहीं है। इंटेलिजेंस से यह भी पता लगा है कि हाफिद सईद के नजरबंद किए जाने का पीओके में चल रहे आंतक की ट्रेनिंग वाले कैंपों पर भी कोई फर्क नहीं पड़ा है। साभार- जनसत्ता