Publish Date:03-Jun-2020 00:45:58
मध्य प्रदेश में इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के संगठन और सत्ता दोनों की चाल सुस्त है। प्रदेश में पार्टी के संगठन चुनाव की प्रक्रिया को लगभग एक साल होने वाला है पर अब तक न तो 57 जिलों में कार्यसमिति का गठन हो पाया है और न ही 1060 मंडलों में अध्यक्ष अपनी टीम बना पाए हैं। 34 जिलों के अध्यक्षों को तो नियुक्त हुए सात महीने हो गए पर वे अब तक टीम घोषित नहीं कर पाए। यही हाल प्रदेश स्तर पर है।
प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अब तक अपनी टीम नहीं बना पाए हैं। कैबिनेट विस्तार पर भी संशय है। मप्र भाजपा में 1060 मंडल हैं। इनके चुनाव पिछले साल सितंबर में हुए थे, लेकिन कार्यसमिति का गठन अब तक नहीं हो पाया है। मंडल स्तर पर अध्यक्ष के अलावा 60 नेताओं की कार्यसमिति बनाए जाने का प्रावधान भाजपा के संविधान में है। इनमें 20 महिलाएं और चार सदस्य अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग से होना अनिवार्य है।
पार्टी नेताओं के मुताबिक मंडल कार्यसमिति में छह उपाध्यक्ष, दो महामंत्री, एक कोषाध्यक्ष और छह मंत्री बनाए जाने हैं। इनमें पांच महिला और दो सीट अजा-जजा के लिए आरक्षित है।
जिला स्तर पर भी संगठन नहीं
भाजपा के 57 जिलों में भी सिर्फ अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। नए अध्यक्ष अब तक नई टीम नहीं बना पाए हैं। जिला स्तर पर अध्यक्ष के अलावा 90 सदस्यों की कार्यसमिति बनाने का प्रावधान भाजपा के संविधान में है।इनमें भी 30 महिलाएं और छह अजा-जजा के लिए कोटा सुरक्षित है।
इसी तरह आठ उपाध्यक्ष, तीन महामंत्री, एक कोषाध्यक्ष, आठ मंत्री जिला कार्यकारिणी में अध्यक्ष की मदद करते हैं पर अब तक किसी भी जिले में कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया है।
प्रदेश संगठन भी सिर्फ मुखिया के हवाले
भाजपा के प्रदेश संगठन का भी यही हाल है। प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा फरवरी में नियुक्त हुए, लेकिन उनकी टीम अब तक नहीं बन पाई। इससे पहले भी नंदकुमार सिंह चौहान के बाद बनाए गए अध्यक्ष राकेश सिंह अपनी टीम नहीं बना पाए थे। अब माना जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार के बाद ही शर्मा की टीम बनेगी। फिलहाल संगठन में प्रदेशाध्यक्ष के अलावा संगठन महामंत्री सुहास भगत सक्रिय हैं। संगठन के साथ-साथ सत्ता की चाल भी सुस्त है। सरकार के मुखिया मात्र पंचरत्नों के साथ अपनी सरकार चला रहे हैं। कई बार विस्तार की तारीख तय हुई, लेकिन हर बार शपथ का कार्यक्रम टल गया।
इनका कहना है
संगठन और सरकार अपेक्षा से अधिक गतिमान है। लॉकडाउन के दौरान संगठन ने सेवा व सहयोग की गतिविधियां लगातार आयोजित कीं तो सरकार ने भी कोरोना से लड़ते हुए जनकल्याणकारी कार्यक्रम चलते हुए श्रमिक और किसान को संबल दिया। प्राथमिकता के आधार पर दोनों ने कार्य किए। निश्चित ही अब अनलॉक की अवधि में तेजी से दोनों अपनी टीम का विस्तार भी करेंगे।
- रजनीश अग्रवाल, प्रवक्ता, मप्र भाजपा
साभार- नईदुनिया