26-Apr-2024

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किसानों पर मोदी सरकार की नई योजना, हर साल खर्च होंगे 70 हजार करोड़

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लोकसभा चुनाव नज़दीक आते ही केंद्र की मोदी सरकार एक के बाद एक लोक लुभावन स्कीम ला रही है. चुनावी मौसम में वादों और घोषणाओं की बरसात सी हो गई है. सरकार अब किसानों को मिलने वाली सब्सिडी को कैश रूप में ट्रांसफर करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. जल्द ही इसका ऐलान किया जा सकता है. अभी तक किसानों को उर्वरक, बीज, खाद, यूरिया पर सब्सिडी के तहत दाम में छूट मिलती है, लेकिन अब इस सब्सिडी को कैश के रूप में देने का प्रावधान किया जाएगा. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये प्रस्ताव लागू होने पर हर साल सरकार 70 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट किसानों को मिलने वाली सभी तरह की सब्सिडी को मिलाकर एक करने जा रही है. इसमें उर्वरक की कीमत भी शामिल है. चालू वित्त वर्ष में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों की कैश सब्सिडी के लिए बजट में 71, 000 करोड़ दिए जाने का प्रावधान किया था.

अपने आखिरी बजट में ये ऐलान शायद ही करे मोदी सरकार

हालांकि, इस स्कीम को लागू करने में कई दिक्कतें भी हैं. दरअसल, मोदी सरकार पहले ही राजकोषीय घाटे के बजटीय लक्ष्य को पार कर चुके हैं. ऐसे में चालू वित्त वर्ष में सरकार के पास अतिरिक्त खर्च की कोई गुंजाइश नहीं बनती है.

चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा लक्ष्य के मुकाबले करीब 115 फीसदी के स्तर को पार कर चुका है. अप्रैल से नवंबर के बीच राजकोषीय घाटा 7.17 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछली तिमाही से कई गुना ज्यादा है.

वित्त वर्ष 2018-19 के शुरुआती 8 महीनों में सरकार ने टैक्स के रूप में कुल 7.72 लाख करोड़ रुपये ही कमाया है. इन्हीं आंकड़ों के आधार पर माना जा रहा है कि अंतरिम बजट में सरकार के लिए राजकोषीय घाटे को पूरा करना मुश्किल होगा.

वैसे देखा जाए तो आम चुनाव से पहले सरकार किसानों वोट बैंक के लिए ये रिस्क ले भी सकती है. क्योंकि, रुपये में आंशिक तेजी और बॉन्ड में मजबूती के कारण सरकार को अतिरिक्त खर्च निकालने में थोड़ी बहुत मदद मिल जाएगी.

साभार- न्‍यूज 18

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