Publish Date:12-Sep-2019 15:01:15
डायनासोर के खत्म होने को लेकर उल्का के पृथ्वी से टकराने की थ्योरी के बारे में ऑस्टिन टैक्सास विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कुछ नए खुलासे किए हैं। उनका दावा है कि करीब 81 किमी बड़े आकार की उल्का पृथ्वी पर जिस जगह टकराई थी, वह मौजूदा समय में मैक्सिको के निकट है। इसने द्वितीय विश्व युद्ध में उपयोग किए गए परमाणु बमों जैसे 1000 करोड़ बमों के बराबर ताकत से पृथ्वी को टक्कर मारी थी।
वैज्ञानिकों के अनुसार, इसकी वजह से हजारों किमी. क्षेत्र में आग लग गई थी। साथ ही सुनामी पैदा हुई, जिसकी सैकड़ों मीटर ऊंची लहरें अमेरिका के मौजूदा इलिनॉयस तक पहुंच गई थी। इसमें पृथ्वी पर मौजूद 75 प्रतिशत जीव खत्म हो गए थे, जिनमें डायनासोर प्रमुख थे। इलिनॉयस आज समुद्र तट से करीब 750 किमी दूर है।
वैज्ञानिकों के अनुसार टकराव स्थल सुमद्र सतह से 500 से 1300 मीटर की गहराई पर है। इसकी वजह से मैक्सिको की खाड़ी में एक बड़ा क्रेटर बना। इस क्रेटर में विस्फोट के तुरंत बाद भारी मात्रा में कोयला, मिट्टी व विस्फोट से फैले अन्य तत्व जमा होते गए। इसी वजह से यहां टकराव और विस्फोट के हालात की जानकारी देने वाले तत्व मिल रहे हैं।
यह हुआ था टकराव के बाद
टकराव के बाद करीब 32500 करोड़ टन तत्व पृथ्वी के वातावरण में बिखर गए। इससे वातावरण नष्ट हुआ व सूर्य की किरणें लंबे समय के लिए पृथ्वी पर आने से रुक गईं। इससे तापमान में भारी गिरावट आई। डायनासोर जैसे बड़े जीव खत्म हो गए।
10 मीटर का क्रायोड्रेकन था धरती पर उड़ने वाला सबसे बड़ा जीव
अपने डैनों के 10 मीटर विस्तार के साथ क्रायोड्रेकॉन बोरियस हमारी पृथ्वी पर उड़ने वाले सबसे बड़े जीवों में से एक था। करीब 30 वर्ष पूर्व करनाडा के अल्बर्टा में मिले अवशेषों के आधार पर क्वीन मैरी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है। इस बारे में उनकी रिपोर्ट जर्नल ऑफ वर्टिब्रेट पेलियनटॉलोजी के सितंबर के अंक में प्रकाशित की गई है। अवशेषों की खोज के बाद माना जा रहा था कि क्रायोड्रेकॉन अमेरिका के टेक्सास में पहले खोजी गई टेरोसोर प्रजाति का एक डानयासोर है।
ताजा अध्ययन रिपोर्ट में इसे अलग जीव घोषित किया गया है। अध्ययनकर्ता डॉ डेविड होन और माइकल हबीब के मुताबिक यह एक बड़ी खोज है। ऐसी संभावनाएं जताई गई थीं कि इतने बड़े उड़ने वाले जीव पृथ्वी पर कभी रहे होंगे, लेकिन अब यह पुख्ता तौर पर कहा जा सकता है।
अल्बर्टा में मिले अवशेष
यह पृथ्वी के आसमान में करीब 7.7 करोड़ वर्ष पूर्व राज करता था। अल्बर्टा में इस जीव के पांव, पंख, गर्दन और पसलियों के अवशेष मिले थे। यह युवा क्रोयोड्रेकॉन था, जिसके पंखों का विस्तार लगभग 5 मीटर था। एक वयस्क क्रायोड्रेकॉन की विशाल गर्दन के अवशेष भी मिले, उसके पंखों का आकार 10 मीटर आंका गया।
7.7 करोड़ वर्ष पूर्व आसमान में करता था राज
अध्ययनकर्ताओं के अनुसार, क्रायोड्रेकॉन मांसाहारी था। इसका शिकार स्तनधारी, अन्य छोटे डायनासोर के बच्चे और सरीसृप थे। यह आसमान से उन पर हमला करता था। बाकी जीवों में उस भय की कल्पना की जा सकती है, जब आसमान से क्रायोड्रेकॉन का हमला होता था। यह भी अनुमान है कि वे उड़कर महासागर पार करने की क्षमता रखते थे।
साभार- अमर उजाला