राजकाज न्यूज, भोपाल
मध्यप्रदेश के नए मुख्य सचिव बंसत प्रताप सिंह का मानना है कि मध्यप्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकल गया है। कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा में सिंह ने कहा कि मैंने सोचा नहीं था कि मैं इस प्रदेश का मुख्य सचिव बनूगां। अगर पता होता तो मैं अपनी कार्यशैली में कुछ परिवर्तन करता। सिंह ने कहा कि प्रदेश जिस दिशा में जा रहा है, वह सर्वश्रेष्ठ है। जहां तक प्रदेश के विकास की बात है, तो इसमें और गति लाना है।
बंसत प्रताप सिंह ने कहा कि कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जो 11 एजेंडे तय किए हैं, उन्हें पूरा कराना भी मेरी प्राथमिकता में शामिल है। कानून व्यवस्था में और बेहतर सुधार पर भी जोर देंगे। एस सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में ब्यूरोक्रेसी हावी नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनेताओं, अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर काम करने की प्रणाली की वजह से प्रदेश का विकास हुआ है। फिर भी कभी ब्यूरोक्रेसी के स्थिति हावी होने की बनती है तो शासन अपने स्तर पर कार्रवाई करता है। सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुसार योजनाओं को क्रियान्वित करेंगे और मानीटरिंग करेंगे।
मेरा गांव मेरे अंदर
ओएसडी बंसत प्रताप सिंह ने कहा कि मेरा गांव मेरे अंदर बसता है। कोई भी गांव से चलकर शहर की ओर आया है। जो ज्यादा समय शहर में रहा है, उसका शहरीकरण हो रहा है। मैं गांव से आया हूं, इसलिए वहां के बारे में सोचता हूं। जब खाली समय पाता हूं तो गांव की तरक्की के बारे में सोचता रहा हूं। प्रदेश सरकार की ग्रामीणों से संबंधित जितनी भी योजनाएं हैं, उनको क्रियान्वित करना मेरी प्राथमिकता होगी।