सिंधी पत्रकारिता पर दो दिवसीय संगोष्ठी का समापन
संगोष्ठी में एक शोध पत्र में बताया गया कि यूनीवार्ता समाचार एजेंसी को प्रतिष्ठापित करने में मीरचंदानी ने महत्वपूर्ण योगदान
भोपाल में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अखण्ड सिंधु संसार समाचार पत्र के सहयोग से आयोजित सिंधी पत्रकारिता पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आज समापन हुआ। आज मुख्य रूप से अखबारों और लघु पत्रिकाओं की स्थिति पर चर्चा हुई। डॉ. कमला गोकलानी अजमेर ने साहित्यिक पत्रकारिता पर अपने विचार रखे। भोपाल के मासिक अखबार अमन ए हिंद के प्रधान संपादक देव झूरानी ने स्वयं के समाचार पत्र प्रकाशन के अनुभव बताए। मुख्य रूप से इंदौर के किशोर कोडवानी ने स्व. श्री दीपक कोडवानी के संपादन में इंदौर से 60 के दशक के प्रारंभ मातृभूमि और शकुंतला समाचार पत्रों की लोकप्रियता और उनकी अखिल भारतीय पहुंच के बारे में जानकारी दी। आज ईश्वर झामनानी ने भी प्रसारण पत्रकारिता से जुड़े संस्मरण साझा किए।
इस अवसर पर लेखकों ने के.आर. मलकानी, लालकृष्ण आडवानी द्वारा राजनीति के साथ पत्रकारिता की भूमिका का भी उल्लेख किया गया। अशोक मनवानी ने अपने शोध पत्र में बताया कि यूनीवार्ता समाचार एजेंसी को प्रतिष्ठापित करने में जी.जी. मीरचंदानी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके साथ ही भोपाल के राजकुमार केसवानी द्वारा भोपाल गैस त्रासदी के बारे में आगाह किए जाने संबंधी रिपोर्ट त्रासदी के कुछ माह पूर्व प्रकाशित कर दी गई थी। मुम्बई में अनेक सिंधी भाषी पत्रकार फिल्म पत्रकारिता में संलग्न है। इस शोध पत्र में मध्यप्रदेश से प्रकाशित सिंधी पत्र-पत्रिकाओं और सिंधी भाषी पत्रकारों द्वारा हिंदी और अंग्रेजी अखबारों में लेखन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। संगोष्ठ में एक अन्य सत्र में डॉ. रोशन गोलाणी, अहमदाबाद, डॉ. सुरेश बबलाणी, अजमेर और बल्लू चौइथाणी, भोपाल ने शोध पत्र प्रस्तुत किए। संगोष्ठी के संयोजक ज्ञान लालवानी ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर जयपुर से हरीश मेघानी, दिलीप पारवानी, अजमेर से डॉ. कमला गोकलाणी, अहमदाबाद से चंदर सावनाणी, इंदौर से ईश्वर झामनाणी, भुसावल से दीपक चांदवाणी, रायपुर से प्रेम तनवाणी, कटनी से संजय खूबचंदानी, शहडोल से चंदन बहरानी भोपाल के दिलीप मोटवानी सहित अनेक पत्रकार और संपादक उपस्थित थे। संगोष्ठी में सिंधी समाचार पत्रों द्वारा भाषा संरक्षण और सामाजिक एकता के लिए निभाई जा रही भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन से संबंधित समस्याओं पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। संगोष्ठी के सत्रों के पश्चात आज समन्वय भवन, न्यू मार्केट, भोपाल में अशोक बुलानी के निर्देशन में दो सिंधी नाटक भी मंचित किए गए।