Publish Date:20-Mar-2019 22:28:27
तेजस्वी यादव बोले 'सब ठीक है.' कांग्रेस भी कहती है 'ऑल इज वेल.' मांझी को यकीन है कि 'बात बन जाएगी.' कुशवाहा भी कहते हैं 'हम इंटैक्ट हैं.' मुकेश सहनी बोले 'मंथन से निकल आएगा हल'... लेकिन हकीकत ये है महागठबंधन के भीतर अब भी 'लट्ठबंधन' जैसे हालात हैं. यकीन न हो तो ऑल इज वेल के दावे के बाद के हालात पर गौर करिये.
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के भीतर कुछ सीटों को लेकर अब भी दुविधा की स्थिति बनी हुई है. दरभंगा, मधुबनी, बेतिया और वाल्मीकिनगर में से किसी भी सीट से कीर्ति आजाद को लड़ाने की तैयारी में है. ये वो सीटें हैं जो कांग्रेस दिए जाने वाले कोटे से अलग है.
बता दें कि कांग्रेस के खाते में सासाराम, समस्तीपुर, सुपौल, कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, मुंगेर, पटना साहिब की सीटें मानी जा रही हैं. इनमें दरभंगा, मधुबनी, बेतिया और वाल्मीकिनगर को जोड़ दिए जाएं तो ये 12 के आंकड़े तक पहुंच जाते हैं.
वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर ताल ठोक दिया है. वह 4 सीटों से बढ़ाकर 7 सीटों की मांग पर अड़ गए हैं. कुशवाहा ने काराकाट, सीतामढ़ी, उजियारपुर, वाल्मीकि नगर, मोतिहारी, जमुई और गोपालगंज सीटों की मांग कर दी है.
मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी ने अब तीन सीटों से बढ़ाकर अपनी मांग चार सीटों की कर दी है. वह दरभंगा, मुजफ्फरपुर, खगड़िया और कटिहार से अपने कोटे की सीटें मांग रही है. ऐसे भी वीआईपी की दरभंगा सीट की मांग पर कांग्रेस पसोपेश में पड़ी है.
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्यूलर) भी 5 सीटों की मांग पर अड़ा हुआ है. गया, औरंगाबाद, नालंदा के अलावा उसकी दावेदारी मुजफ्फरपुर सीट पर भी है. वहीं मधेपुरा से शरद यादव को टिकट मिलना पक्का माना जा रहा है जबकि वह एक और सीट की मांग कर रहे हैं.
अब अगर कांग्रेस की 12, कुशवाहा की 7, मुकेश सहनी की 5, हम की 5 और शरद यादव की 2 सीटें जोड़ दी जाएं तो यह संख्या 31 हो जाती है. जाहिर है इसके बाद बिहार की 40 सीटों में महज 9 सीटें ही बचती हैं जिसपर आरजेडी लड़ सकती है.
वहीं अगर आरजेडी 20 सीटों से पीछे नहीं हटती है तो महागठबंधन को बिहार में 51 सीटें चाहिए. यानी 40 अनार ही है, लेकिन महागठबंधन में बीमारों की संख्या 51 है. हालांकि इन सब के बीच यह कहा जा रहा है कि बात बन गई है, लेकिन इन सबके बीच कई सवालों के जवाब अब भी अनसुलझे हैं.
साभार- न्यूज 18