Publish Date:04-Jan-2017 20:14:45
भोपाल 04 जनवरी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने मध्यप्रदेश की पंचायतों में हालात और बदतर होने से रोकेने के लिये बिना देर किये गये कदम उठाने की मांग मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से की है।
यादव ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा है कि नोटबंदी के बाद से गांवों के हालात पहले से बेहद खराब हैं। प्रदेश की 23 हजार से ज्यादा पंचायतों के सरपंच सचिवों का सरकार से टकराव चल रहा है। इस टकराव में पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव और विभाग के अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया के बीच तनातनी ने स्थितियों को और बिगाड़कर रख दिया है। श्री यादव ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सरकारी सूत्रों से खबर मिली है कि राज्य की 15 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों में नये साल में रोजगार पूरी तरह से ठप्प हो गया है। 01 जनवरी 2017, के बाद से किसी भी तरह का रोजगार इन पंचायतों में नहीं खुला है। इसके चलते स्थिति हाहाकारी हो गई है।
यादव ने कहा कि 31 दिसम्बर की रिपोर्ट के अनुसार इन 15195 ग्राम पंचायतों में श्रमिकों को रोजगार शून्य है:- जिसमें रीवा 512, सागर 507, सिवनी 483, सतना 475, धार 450, सीहोर 431, देवास 429, नरसिंहपुर 404, छतरपुर 386, होशंगाबाद 386, मंडला 374, कटनी 371, मुरैना 357, विदिशा 346, खंडवा 345, भिंड 343, रतलाम 334, बड़वानी 328, बैतूल 312, राजगढ़ 305, शिवपुरी 304, दमोह 297, जबलपुर 297, मंदसौर 296, पन्ना 284, रायसेन 271, गुना 268, अनूपपुर 262, टीकमगढ़ 261, झाबुआ 248, शहडोल 239, सीधी 230, शाजापुर 228, अलीराजपुर 218, नीमच 197, हरदा 186, सिंगरौली 184, उमरिया 183, ग्वालियर 180, श्योपुर 179, खरगोन 167, अशोकनगर 161, आगर मालवा 123, बुरहानपुर 117, इंदौर 111, डिंडोरी 85, दतिया 56, और भोपाल जिले की 6 ग्राम पंचायतें शामिल हैं।
यादव ने कहा है कि स्थितियां और भी भयावह हों इसके पहले मुख्यमंत्री हस्तक्षेप कर पंचायतों के सरपंच और सचिवों की जायज मांगों को हल करने की पहल करें। श्री यादव ने कहा कि गोपाल भार्गव से विभाग संभल नहीं पा रहा है, इन हालातों में मुख्यमंत्री को बिना देर किये उनसे विभाग वापस लेकर किसी सक्षम मंत्री के हाथों में इस विभाग को सौंपने की पहल भी करना चाहिए।
शहर की सीवेज व्यवस्था सुधारें, दीवारों पर पेंटिंग से नहीं होगा विकास: विभा पटेल
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एवं पूर्व महापौर श्रीमती विभा पटेल ने भोपाल नगर पालिक निगम के महापौर श्री आलोक शर्मा को पत्र लिखकर शहर की सीवेज व्यवस्था सुधारने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जनता ने बहुत सी आशाओं और विश्वास के साथ आपको शहर का प्रथम नागरिक चुना था। प्रथम नागरिक होने के नाते शहर का समस्त विकास आपका दायित्व है। सफाई के लिए जनप्रतिनिधि फोटो खिंचवा रहे हैं एवं नगर निगम कई इलाकों की सफाई व्यवस्था निजी या ठेकेदारों के हाथ में सौंपने जा रही है। यदि प्रायवेट ठेकेदारों के हाथों में सफाई व्यवस्था सौंपी गई तो क्या नगर निगम स्वच्छता कर एवं सफाई व्यवस्था के नाम पर जो कर लेते हैं वह समाप्त करेंगा?