राजकाज न्यूज, भोपाल
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा और विधानसभा अध्यक्ष सीतासरण शर्मा ने मिलकर मध्यप्रदेश विधानसभा के गौरवशाली इतिहास और परंपरा को आज कंलकित कर दिया। उन्होंने कहा कि आज का दिन मध्यप्रदेश की विधानसभा और लोकतांत्रिक परंपराओं के ध्वस्त होने पर काले दिवस के रूप में याद किया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैंने यह पहले ही आशंका व्यक्त की थी कि भाजपा और शिवराज सरकार कांग्रेस विधायक दल द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने से भागेंगे। आज सदन में उन्होंने यही किया। अभी तक संसदीय कार्य मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष हमेशा प्रश्नकाल चलने की दुहाई देते थे, लेकिन आज इन दोनों ने मिलकर प्रश्नकाल चलने नहीं दिया। 18 विधेयकों को कुछ मिनटों में ही पारित कर दिया। विधायकों को उन विधेयकों पर चर्चा करनी थी, लेकिन उन्हें विधेयक दिए ही नहीं गए। सदन शुरू होने के पहले ही विधानसभा अध्यक्ष और सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा न कराने और सदन को दो दिन में ही खत्म करने की पटकथा लिख ली थी।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सरकार की कठपुतली बन गए हैं। एक ओर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा कहते हैं कि अब इस अविश्वास में दम नहीं है, तथ्य नहीं है, घिसे-पिटे मामले हैं, दूसरी ओर उसी अविश्वास पर चर्चा न हो इसके लिए उन्होंने शुरू दिन से ही साजिश रची थी। जिस तरह 2013 में विधानसभा में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने से शिवराज सरकार भागी थी, उसी तरह 2018 के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने से सरकार भागी है।
सिंह ने कहा कि आज और कल दो दिन विधानसभा चली, लेकिन सदन के नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान में इतना भी साहस नहीं था कि वे सदन के अंदर आकर विपक्ष की आंख में आंख मिलाकर चर्चा कर सके। सदन के इतिहास में यह पहला मौका था जब पक्ष की भाजपा विधायक श्रीमती नीलम अभय मिश्रा ने रीवा के मंत्री राजेंद्र शुक्ला पर उन्हें और उनके परिवार को प्रताड़ित करने तथा सुरक्षा देने की मांग की। उनके मामला उठाने के आधा घंटे बाद ही उनके पति को हरदा के पास गिरफ्तार कर लिया जाता है, गृहमंत्री के इशारे पर और आधे घंटे बाद ही उन्हें छोड़ दिया जाता है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार जवाब दे कि किस कानून के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें क्यों छोड़ा गया। अजय सिंह ने कहा कि 6 जून 2017 को मंदसौर के पिपल्यामंडी में हुई गोलीकांड की जांच रिपोर्ट भी सरकार ने पेश नहीं की। सरकार के अलोकतांत्रिक रवैये, संसदीय परंपराओं को ध्वस्त करने के षडयंत्रकारी कूट रचना के खिलाफ प्रतिपक्ष चुप नहीं बैठेगा।
उन्होंने कहा कि अगले तीन दिन में हम प्रतिदिन 11;00 बजे से 1;00 तक जनसभा लगाएंगे और सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कर उनके घपले और घोटालों को उजागर किया जाएगा। यही नहीं 29 जून 2018 के बाद सभी कांग्रेस विधायक, कांग्रेस नेता जनता के पास जाएंगे और भाजपा के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को षडयंत्रकारी तरीके से विधानसभा में चर्चा करने से रोकने की कहानी बताएंगे और उन्हें यह भी बताएंगे कि अविश्वास प्रस्ताव में क्या था, जिससे सरकार डर कर भागी। जनसभा में कांग्रेस के सभी विधायक उपस्थित रहेंगे। आज के बाद विधानसभा के किसी भी प्रकार के कार्यक्रम में कांग्रेस पक्ष के विधायक शामिल नहीं होंगे।