Publish Date:02-Jun-2017 11:28:29
अहमदनगर के पुंटांबा गांव से शुरू हुआ 200 किसानों का छोटा सा आंदोलन महाराष्ट्र के साथ-साथ मध्यप्रदेश और गुजरात में भी जोर पकड़ने लगा है। मालवा और निमाड़ क्षेत्र में हड़ताल के दूसरे दिन शुक्रवार को दूध और सब्जी की किल्लत हो गई। शहरों में बंदी का दूध बंटना भी बंद है, क्योंकि गांवों से दूध यहां पहुंच ही नहीं पा रहा है। किसानों को सब्जी उत्पादक और दूध विक्रेताओं का भी साथ मिल गया है।
उधर उज्जैन सब्जी मंडी में पुलिए के साए में सब्जियों की बिक्री हुई। लोगों को दो गुना दाम पर सब्जी खरीदना पड़ी। किसानों के हंगामें के बाद पुलिस ने यह व्यवस्था की थी। भोपाल में दूध विक्रेताओं ने हड़ताल का समर्थन नहीं किया, राजधानी में सभी स्थानों दूध मिला।
फसलों और दूध के उचित दाम दिलाने की मांग को लेकर हड़ताल के पहले दिन अंचल में गुरुवार को किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। जगह-जगह सब्जी और उपज लाने से लोगों को रोका गया। सड़कों पर दूध बहा दिया गया। शाजापुर में किसानों ने एबी रोड पर आलू-प्याज फेंक जाम लगा दिया। पुलिस पर पथराव भी किया, इससे एसडीओपी सहित 8 पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं।
कहां-क्या स्थिति
शाजापुर : किसानों ने भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में रैली निकाली। हाईवे पर सैकड़ों किसानों ने नारेबाजी कर जाम लगा दिया। लगभग 3 घंटे हंगामा मचाया। कुछ किसानों ने बस स्टैंड पर होटल, ढाबे, किराना, जनरल स्टोर्स, फल-सब्जी दुकानों से लूटपाट की। इससे दुकानदारों में दहशत फैल गई और बाजार बंद हो गए।।
उत्पातियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इससे एसडीओपी देवेंद्रकुमार यादव, टीआई राजेंद्र वर्मा समेत 8 पुलिसकर्मियों को चोट आई। जवाब में पुलिसकर्मियों ने किसानों पर लाठियां भांजी और आंसू गैस के गोले छोड़े, तब स्थिति काबू में आई। देवासः जिले के सिंगावदा में दो वाहनों को रोककर आंदोलनकारियों ने दूध ढोल दिया। एबी रोड पर भी इंदौर से आने वाले दूध वाहनों को रोका गया। सब्जी मंडी में व्यापारियों के साथ विवाद होने पर पुलिस ने डंडे चलाकर हुड़दंगियों को खदेड़ा। मामला थाने पहुंच गया।
झाबुआ/मंदसौर/नीमच : झाबुआ के बिजोरी में पशुपालकों ने सैकड़ों लीटर दूध बहा दिया। खंडवा में कृषि उत्पादों की शहर में आपूर्ति बंद करने की चेतावनी बेअसर रही। पंधाना रोड स्थित सब्जी मंडी खुली रही लेकिन सब्जी लाने वाले किसानों की संख्या कम रही। मंदसौर मंडी में सिर्फ 15 लाख रुपए का व्यवसाय हुआ, जबकि एक दिन पहले 15 करोड़ रुपए का हुआ था। सुवासरा में किसानों और आंदोलनकारियों के बीच नोक-झोक हुई। दलौदा क्षेत्र में डेअरियों को भी बंद कराया गया। नीमच में भी आंदोलन का असर दिखा।
रतलाम/उज्जैन : किसान गांवों से सब्जी, दूध, उपज आदि लेकर नहीं आए। सब्जी की कुछ दुकानें खुली देख आंदोलनकारियों ने सब्जियां सड़कों पर फेंक दी और दूध सड़क पर उड़ेल दिया। सैलाना बस स्टैंड चौराहा पर दोपहिया वाहन चालक फिसलकर गिरते रहे। उज्जैन में किसानों को मंडी में अनाज, फल, सब्जी नहीं लाने दिया गया। मंडी में नीलामी ठप रही।
महाराष्ट्र में भी आंदोलन : महाराष्ट्र में भी गुरुवार को आंदोलन का बड़ा असर दिखा। शिर्डी, नासिक, पुणे, सातारा और कोल्हापुर जिले में दूध सड़कों पर फेंक दिया गया। मुंबई की सबसे बड़ी एपीएमसी मंडी में सब्जियों की आवक आंदोलन के पहले ही दिन 30 फीसदी और पुणे में आवक 50 फीसदी घट गई। आंदोलनकारी किसानों ने महाराष्ट्र के फड़णवीस सरकार से स्पष्ट कहा है कि उत्तरप्रदेश सरकार की तरह कर्ज माफ करो अन्यथा मुंबई जैसे बड़े शहरों को दूध और सब्जी की सप्लाई बंद कर दी जाएगी जाएगी।