Publish Date:01-Apr-2020 20:12:01
नई दिल्ली. दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके (Nizamuddin Markaz) में हुए धार्मिक समारोह के बाद वहां की बंगले वाली मस्जिद को खाली कराने का काम शुरू किया गया था. वहां से बड़ी संख्या में लोगों को अस्पताल ले जाकर उनकी कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) की जांच कराई गई थी. लेकिन यह सब इतना भी आसान नहीं था. दरअसल मस्जिद के मौलाना साद (Maulana Saad) उसे खाली करवाने के लिए राजी नहीं थे. ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (Ajit Doval) ने अहम भूमिका निभाई थी. वह देर रात 2 बजे मस्जिद पहुंच गए थे. इसके बाद ही पुलिस का 'ऑपरेशन मरकज' शुरू हो पाया था.
बात मानने से कर दिया था इनकार
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख मौलाना साद ने बंगले वाली मस्जिद को खाली करने के लिए दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की बात मानने से मना कर दिया था. वह उसे खाली करने के तैयार नहीं थे. ऐसे में गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल से मौके पर पहुंचकर हालात संभालने को कहा था.
28 मार्च की देर रात पहुंचे थे डोभाल
गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के अनुसार, डोभाल 28-29 मार्च की दरम्यानी रात करीब 2 बजे निजामुद्दीन मरकज पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने मौलाना साद से वहां रह रहे लोगों की कोविड-19 संक्रमण की जांच करवाने के लिए कहा था. शाह और डोभाल बिगड़े हालात के बारे में जानते थे. सुरक्षा एजेंसियों ने तेलंगाना के करीमनगर में 9 इंडोनेशियाई लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें ट्रैक किया था. वे सभी मरकज से लौटे थे. सुरक्षा एजेंसियों ने अगले दिन इसके संबंध में सभी राज्यों की पुलिस को अलर्ट भेजा था.
दखल के बाद आगे बढ़ा ऑपरेशन मरकज
एनएसए अजित डोभाल के दखल देने के बाद ही मरकज ने 27, 28 और 29 मार्च को 167 तबलीगी कार्यकर्ताओं को अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति दी थी. डोभाल के हस्तक्षेप के बाद ही जमात के शीर्ष नेता मस्जिद की सफाई के लिए भी माने थे. डोभाल ने पिछले दशकों में भारत और विदेशों में विभिन्न मुस्लिम आंदोलनों के साथ बहुत करीबी संबंध बनाए हैं. वह लगभग सभी मुस्लिम उलेमाओं को जानते हैं और देश के लिए राष्ट्रीय रणनीति बनाने के लिए उनके साथ समय बिताते हैं.
दूसरे चरण में है ऑपरेशन
ऑपरेशन मरकज अब दूसरे चरण में है. अधिकारियों के अनुसार इसके तहत देश भर में ठहरे विदेशी नागरिकों की पहचान कर उनकी कोरोना जांच कराई जाएगी. यह भी जांचा जाएगा कि उन लोगों ने कहीं वीजा नियमों का उल्लंघन न किया हो. दिल्ली में मरकज में 216 विदेशी थे. लेकिन इनके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में 800 विदेशी मौजूद हैं. इनमें अधिकांश मलेशिया, इंडोनेशिया और बांग्लादेश से आए हैं.
देश में 38 लोगों की मौत
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल 1637 मामले हो गए हैं जबकि संक्रमण से पीड़ित मरीजों की मौत का आंकड़ा 38 तक पहुंच गया है.
साभार- न्यूज 18