Publish Date:23-May-2018 23:19:07
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही कुमारस्वामी ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि 2019 में जेडीएस-कांग्रेस मिलकर अगला लोकसभा चुनाव लड़ेगी. उन्होंने यह भी विश्वास दिलाया कि कर्नाटक में उनकी सरकार पांच सालों तक रहेगी.
58 वर्षीय वोक्कालिगा नेता ने कर्नाटक के 23वें मुख्यमंत्री के रूप में बुधवार को भव्य समारोह में शपथ लिया. इस समारोह में 11 दलों के नेताओं ने भाग लिया. शपथ ग्रहण में इतने नेताओं के भाग लेने को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोधी गठबंधन के रूप में देखा जा रहा है.
- कुमारस्वामी ने किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान करते हुए कहा, ''मेरे पास पहले से ही एक ब्लूप्रिंट है कि किसानों का लोन कैसे माफ किया जाए. चलिए अब राजनीति को एक तरफ रखते हैं और राज्य के विकास के लिए काम करते हैं.''
- लिंगायत समुदाय के लोगों को अल्पसंख्यक का दर्जा देने को लेकर कुमारस्वामी ने न्यूज 18 से कहा कि यह उनके लिए प्रमुख मुद्दा नहीं था और वे पूरे राज्य का साथ में विकास करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'हम सबके लिए न्याय, खाना, घर और शांति चाहते हैं और यही सरकार मुख्य उद्देश्य है.''
- कावेरी जल विवाद पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार केन्द्र के प्रपोजल को सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू करेगी.
बता दें सीएम बनने के बाद कुमारस्वामी गुरुवार को फ्लोर टेस्ट देंगे. विधानसभा में बहुमत साबित होने के बाद कैबिनेट का विस्तार होगा. फिर मंत्रियों के बीच पोर्टफोलियो का बंटवारा होगा. 25 मई को दोपहर 12:15 में कर्नाटक विधानसभा का सत्र बुलाया गया है.
कुमारस्वामी के कैबिनेट में कांग्रेस-जेडीएस के मंत्रियों की संख्या को लेकर भी सहमति बन गई है. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने बताया, "मीटिंग में कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा हुई. 34 मंत्रियों में से 22 कांग्रेस से होंगे. जबकि, सीएम समेत 12 मंत्री जेडीएस से होंगे.
साभार- न्यूज 18