Publish Date:20-May-2019 22:09:18
मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने कहा है कि भाजपा पहले दिन से ही ऐसा प्रयास कर रही है। मैंने पांच महीने में चार बार बहुमत साबित किया है। वे फिर ऐसा करना चाहते हैं। मुझे कोई दिक्कत नहीं है। सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में भाजपा नेता ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर रही है। यहां अल्पमत की सरकार बैसाखी के सहारे खड़ी है। आंतरिक कलह के कारण कांग्रेस की सरकार जा रही है। फिलहाल हम यह चर्चा नहीं कर रहे कि मध्यप्रदेश में किसकी सरकार रहेगी या जाएगी, बल्कि हमारा ध्यान चुनाव के नतीजों और केंद्र में सरकार गठन की ओर है। अगर भाजपा फिर से फ्लोर टेस्ट कराना चाहती है तो उसके लिए भी तैयार हैं। वे सरकार को परेशानी में डालने की कोशिश कर लें, बहुमत साबित कर फिर उनके इरादों का पर्दाफाश करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश के राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर कहा कि है राज्य सरकार अल्पमत में है। इसके साथ ही भाजपा ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग भी की है। मालूम हो कि मध्यप्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस का 114 सीटों पर कब्जा है, जबकि भाजपा ने 109 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दो सीटों पर बसपा, जबकि पांच सीटों पर अन्य का कब्जा है। कांग्रेस यहां 116 के जादुई आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई थी, जिसके बाद भाजपा के विरोध में बसपा ने समर्थन दिया और कांग्रेस की सरकार बन पाई।
4 बार साबित किया बहुमत
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के लोकसभा चुनाव प्रबंधन प्रभारी सुरेश पचौरी ने कहा कि संवैधानिक प्रक्रिया के तहत फ्लोर टेस्ट (मत विभाजन) कराया जाए तो कांग्रेस तैयार है। इसके पहले भी प्रदेश सरकार विस अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव सहित चार बार अपना बहुमत साबित कर चुकी है।
यह पहली बार नहीं है जब भाजपा ने कमलनाथ सरकार पर ऐसा निशाना साधा हो। रविवार को इंदौर में वोट देने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने भी यह कहा था कि 22 सीटों का सपना देखने वाले कमलनाथ 22 दिन तक सीएम रहेंगे भी या नहीं इस बात पर प्रश्नचिन्ह है।
मंत्री जीतू पटवारी ने किया ट्वीट
मध्यप्रदेश के मंत्री जीतू पटवारी ने भाजपा के विधानसभा सत्र की मांग पर ट्वीट कर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि मप्र सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग रहे है गोपाल भार्गव जी को विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव में मुंह की खानी पड़ी है। अब भार्गव जी को मंत्री रहते हुए पंचायती विकास मंत्रालय में किए गए 'कारनामों की जांच' का डर सता रहा है। यह कमलनाथ जी की सरकार है, जहां भाजपा की सोच खत्म होती है, वहाँ से कमलनाथ जी की सोच शुरू होती है। भार्गव जी, आप कितने भी फ्लोर टेस्ट करवा लो आप आपके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार से बच नहीं सकते। एग्जिट पोल की 'जुमलेबाज़ी' से मध्यप्रदेश के एक 'जुमलेबाज' भरी 'दोपहरी' में 'मस्त' हो गए और कर दी विशेष सत्र की मांग। विधानसभा चुनाव में 'कमल' की दुर्गति के सदमें में वे पूरे ‘5 साल' नहीं उबर पाएंगे।
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