Publish Date:05-Jun-2019 01:15:59
नई दिल्ली, 04 जून 2019, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव अमरनाथ यात्रा के बाद होंगे. ये ऐलान चुनाव आयोग ने किया है. इस साल अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू हो रही है. अमरनाथ यात्रा डेढ़ महीने यानी कि 46 दिनों तक चलेगी. इसकी समाप्ति 15 अगस्त को होगी. चुनाव आयोग ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है कि सभी संबंध पक्षों से बातचीत करने के बाद ये फैसला किया गया है कि अमरनाथ यात्रा खत्म होने के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान किया जाएगा.
साल के अंत तक चुनाव संभव
चुनाव आयोग के अंडर सेक्रेटरी पवन दिवान ने एक प्रेस नोट में कहा कि चुनाव आयोग ने संविधान की धारा 324 और दूसरे कानूनों को ध्यान में रखकर यह तय किया है कि जम्मू कश्मीर में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. तब तक चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर की स्थिति की लगातार समीक्षा करेगा, इसके लिए सभी पक्षों से सूचनाएं ली जाएंगी, और उनको ध्यान में रखते हुए अमरनाथ यात्रा के बाद विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान किया जाएगा. माना जा रहा है कि अक्टूबर नंवबर के महीने में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पिछला चुनाव नवंबर 2014 में हुआ था. ये चुनाव 25 नवंबर 2014 से लेकर 20 दिसंबर 2014 तक 5 चरणों में हुआ था. इस चुनाव के नतीजे 23 दिसंबर 2014 को आए थे.
कैसा था 2014 का जनादेश
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 87 सीटें हैं. ये 87 सीटें जम्मू-कश्मीर के तीन क्षेत्रों में बंटी हैं. इनमें कश्मीर में 46, जम्मू में 37 और लद्दाख में 4 विधानसभा सीटें हैं. अगर चुनाव में महिलाओं का समुचित प्रतिनिधित्व न हो तो राज्यपाल 2 महिलाओं को विधानसभा में नियुक्त कर सकते हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. 2014 में पीडीपी को 28 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी ने 25 सीटों पर जीत हासिल की थी. 15 सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस जीतने में कामयाब हुई थी. कांग्रेस यहां 12 सीटें जीतने में सफल रही थी. यहां पर अन्य दल 4 सीटें जीतने में कामयाब रहे थे. जबकि निर्दलियों ने 3 सीटों पर कब्जा जमाया था.
बीजेपी ने महबूबा से वापस लिया समर्थन
चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और बीजेपी ने मिलकर सरकार बनाई थी. पीडीपी के कद्दावर नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद राज्य के सीएम बने. हालांकि बीमारी की वजह से उनका इंतकाल हो गया. इसके बाद महबूबा मुफ्ती सीएम बनी थीं. लगभग साढ़े तीन साल बाद जून 2018 में बीजेपी ने महबूबा की सरकार से समर्थन वापस ले लिया. इसके बाद ये सरकार गिर गई. इसके बाद से लेकर आजतक जम्मू कश्मीर में राज्यपाल का शासन चल रहा है.
साभार- आज तक