Publish Date:12-Jan-2018 10:47:04
चीन-पाकिस्तान की हरकतों पर रखेगा नजर
बेंगलूरू: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपना शतक पूरा कर लिया। इसरो ने आज एकसाथ 31 उपग्रहों को छोड़ा, इसमें भारत के 3 और 6 अन्य देशों के 28 उपग्रह शामिल हैं। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से आज सुबह 9.28 बजे पीएसएलवी-सी40 राकेट को छोड़ा गया। सैटेलाइट केन्द्र निदेशक एम. अन्नादुरई ने बताया कि माइक्रो उपग्रह अंतरिक्ष में भारत का 100वां उपग्रह है। अंतरिक्ष वैज्ञानिक और इंजीनियरों ने गुरुवार को राकेट के निचले, मध्य और ऊपरी हिस्से की तेल की टंकी में द्रव्य और ठोस ईंधन गुरुवार को ही भरना शुरू कर दिया था।
पिछले साल भी हुआ था प्रक्षेपण
पिछले साल 31 अगस्त को इसी तरह के राकेट से नौवहन उपग्रह आई.आर.एन.एस.एस.1-एच लांच किया गया था, लेकिन हीट शील्ड न खुलने की वजह से सैटेलाइट राकेट के चौथे चरण में असफल हो गया था।
पाकिस्तान भी डरा
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत द्वारा 3 कार्टोसैट-2 श्रृंखला के अर्थ ऑब्जर्वेशन उपग्रहों को अंतरिक्ष भेजे जाने की योजना का मकसद सैन्य इस्तेमाल है और सभी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियां दोहरे इस्तेमाल की क्षमता से युक्त हैं। भारतीय उपग्रहों में 100 किलोग्राम का एक माइक्रो सैटेलाइट और 5 किलोग्राम का एक नैनो सैटेलाइट भी शामिल है। बाकी 28 सैटेलाइट कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और अमरीका के हैं। सभी उपग्रहों का कुल वजन 1323 किलोग्राम है। पाक ने कहा कि यह जरूरी है कि इनका इस्तेमाल सैन्य क्षमताओं के लिए न किया जाए, अगर ऐसा होता है कि इसका क्षेत्र पर गलत प्रभाव पड़ेगा।
चीन-पाकिस्तान की हरकतों पर रखेगा नजर
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने इतिहास रचते हुए अपना 100 सैटेलाइट लॉन्च कर दिया है। पीएसएलवी श्रृंखला के सैटेलाइट का नाम कार्टोसैट-2, है। इस सैटलाइन को 'आई इन द स्काइ' के नाम से भी जाना जा रहा है, क्योंकि ये अतंरिक्ष से तस्वीरें लेने के लिए ही बनाया गया है। खास बात है कि ये पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर पैनी नजर बनाए रखेगा।
ये लॉन्चिंग भारत के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि इससे पहले पीएसएलवी-39 मिशन फेल हो गया था और भारतीय वैज्ञानिकों ने एक बार फिर इसकी मरमत करेक फिर से लॉन्च किया। दरअसल, एक मिशन को मरमत करके फिर से लॉन्च करना बहुत बड़ी बात होती है। सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग पर पीएम मोदी ने इसरो को बधाई दी है। पीएम ने इस नए साल का तोहफा करार देते हुए कहा कि तकनीकी में ये बदलाव देश के नागरिकों, किसानों और मछुआरों की मदद में सहयोगी देगी।