Publish Date:07-Apr-2018 22:44:46
दो दिन पूर्व भोपाल में रवीन्द्र भवन के मुक्ताकाश मंच पर आसरा लोक कल्याण संस्था द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, कवियों की प्रस्तुती एवं व्यवस्थाओं के लिहाज से अविस्मरणीय रहा। मौका था, भोपाल के लाड़ले सांसद आलोक संजर का जन्मदिन का। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य एवं सांसद आलोक संजर के सानिध्य में देश के प्रख्यात गीतकार रामेन्द्र मोहन त्रिपाठी एवं वरिष्ठ कवि हरिओम पंवार का सम्मान किया गया। 5000 से अधिक श्रोताओं ने 5 घण्टे से अधिक चले इस चिरस्मरणीय कवि सम्मेलन का भरपूर आनन्द लिया। आईपीएस अफसर पवन जैन ने दुनिया के सबसे बड़े खेल महाकुंभ ''ओलम्पिक'' में जन-मण-मन की धुन पर तिरंगा फहराने की मेरी अभिलाषा को व्यक्त करती व्यंग्य रचना ''ओलम्पिक'' एवं पुलिस शहीदों की व्यथा को व्यक्त किया। जैन को जिस तरह से श्रोताओं ने जमकर सराहा।
'' ओलम्पिक ''
हम ओलम्पिक में स्वर्ण पदक क्यॅूं नहीं जीत पाते,
ज्यादातर खाली हाथ लौट के आते हैं,
सरकार ने इसके कारणों की जाँच के लिए एक जाँच आयोग बिठाया,
और जॉंच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह पाया,
कि भारत का ओलम्पिक में पदक न जीत पाना विदेशी साजिश का एक हिस्सा है,
और यही हमारी दर्द भरी दास्तान का किस्सा है,
हम आंकड़ों के खेल में सारी दुनिया को धता बता सकते हैं,
कागजी वायदों से भूचाल ला सकते हैं,
शिलान्यास के पत्थरों से हवाई किले बना सकते हैं,
झूठ बोलने में हम ओलम्पिक का नया इतिहास बना सकते हैं,
चमचागिरी में सारे जहॉं से अपना लोहा मनवा सकते हैं,
दलबदल के सारे कीर्तिमान मिटा सकते हैं,
और नकल करने में बंदर को भी उल्लू बना सकते हैं,
लेकिन मुश्किल तो ये है कि ओलम्पिक में यह सब खेल नहीं करवाते हैं,
इसलिए हम मॅुंह की खाते हैं और खाली हाथ लौट कर घर आते हैं,
लेकिन जहॉं सच्चाई को छिपाने के लिए जाँच आयोग बैठाते हो,
खिलाडि़यों से ज्यादा खेल अधिकारी दिखाते हों,
खेलों के उद्घाटन अनाडि़यों की जय जय कार के लिए किए जाते हों,
और काम के नाम पर सिर्फ भाषण दिए जाते हों,
वहां हम इतना क्यों नहीं सोच पाते,
कि खोखले वायदों से कभी ओलम्पिक में पदक नहीं जीते जाते।