Publish Date:20-Jun-2019 20:09:29
दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका और ईरान के बीच तनाव गहराने लगा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने अमेरिकी सेना का एक ड्रोन मार गिराया है. इस खबर के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रूड यानी कच्चे तेल की कीमतों में आग लग गई है. कुछ ही मिनटों में क्रूड की कीमतें 3 फीसदी से ज्यादा उछल गई. अगर दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बने रहते है तो कच्चा तेल यहां से 10 फीसदी बढ़ने का अनुमान है. ऐसे में भारत के लिए कच्चा तेल खरीदना महंगा हो जाएगा. ऐसे में पेट्रोल-डीज़ल के दाम भी भारत में 8 फीसदी तक बढ़ सकते हैं. लिहाजा देश में महंगाई बढ़ेगी और आर्थिक ग्रोथ पर इसका निगेटिव असर होगा. आफको बता दें कि ईरान के सबसे बड़े तेल ग्राहक चीन और भारत हैं. भारत चीन के बाद कच्चे का सबसे बड़ा खरीदार है. भारत ईरान से हर रोज करीब 4.5 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद करता है.
अब क्या हुआ- मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अमेरिका तथा ईरान के बीच तनाव बढ़ने से मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा बढ़ा है.
अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि ईरान की सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल ने स्ट्रेट ऑफ हॉर्मूज के ऊपर अंतरराष्ट्रीय एयरस्पेस में अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया है.वहीं, ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा है कि ड्रोन दक्षिणी ईरान के ऊपर उड़ान भर रहा था.
दो महीने में 20 फीसदी तक सस्ता हुआ कच्चा तेल- दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में सुस्ती की चिंता के चलते कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. ब्रेंट क्रूड अप्रैल में 2019 के ऊपरी स्तर पर 75 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था. लेकिन इसके बाद कीमतें गिरकर 60 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई.
हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि तनाव बढ़ने से क्रूड की कीमतों में 10 डॉलर तक का उछाल आ सकता है. मतलब साफ है कि कीमतें फिर से 70 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच जाएंगी.
साभार- न्यूज 18