Publish Date:08-Dec-2017 23:26:24
नाबालिग से दुष्कर्म से संबंधित विधेयक पारित होने के बाद दुष्कर्म के बाद उनकी हत्याओं की बढ़ी संभावनाऐं
गृृहमंत्री के जिले में इस आशंका ने दी दस्तक: के.के. मिश्रा
भोपाल 08 दिसम्बर। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने हाल ही में संपन्न विधानसभा में कांग्रेस सहित अन्य दलों के सहयोग से नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अपराधी को फांसी दिये जाने के पारित विधेयक की राज्य सरकार और भाजपा द्वारा अपनी ब्रांडिंग के लिए इस्तेमाल किये जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि जिस वक्त भाजपा इसे सरकार के पक्ष में भुनाने की योजना बना रही थी, उसी वक्त प्रदेश के गृह मंत्री श्री भूपेन्द्रसिंह के गृह जिले सागर के मानगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत देवला ग्राम में एक 15 वर्षीय नाबालिग के साथ दो युवकों ने घर में घुसकर उसके साथ न केवल सामूहिक दुष्कर्म किया, बल्कि बालिका के शोर मचाने पर आरोपियों ने उसे तेल डालकर जला भी दिया है। पीडि़ता लगभग 80 फीसदी से अधिक जल चुकी है।
मिश्रा ने अपनी पार्टी के इस विषयक रूख को स्पष्ट करते हुए दोहराया है कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह ऐसे दुष्कर्मियों को फांसी दिये जाने के पक्ष में है, किंतु इस कानून के बन जाने के बाद अब इससे जुड़े अपराधी फांसी के डर से साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से दुष्कर्म पीडि़ताओं की हत्या करने में भी कोई गुरेज नहीं करेंगे। गृह मंत्री के जिले से ही इस तरह के अपराधियों ने इस आशंका को दस्तक में तब्दील कर दिया है। मिश्रा ने यह भी कहा कि प्रदेश में बिगड़ती हुई कानून-व्यवस्था और इस तरह की बारदातों में यदि गृह मंत्री का ही जिला सुरक्षित नहीं है तो अन्य जिले/ प्रदेश किन स्थितियों से गुजर रहा होगा, कहना कठिन है।
नंदकुमारसिंह चौहान के विरूद्व दर्ज हो न्यायालय की अवमानना का प्रकरण: जे.पी. धनोपिया
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जे.पी. धनोपिया ने कहा है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है तथा अब तो न्यायालय की गरिमा भी खंडित की जा रही है। राज्यमंत्री लालसिंह आर्य के विरूद्व हत्या के आरोप में न्यायालय का गैर जमानती वारंट जारी होने पर भी पुलिस सरकार के दबाव में कोई कार्यवाही नहीं कर रही है तथा मंत्री श्री आर्य सरेआम कानून को धता दिखा रहे हैं। इतना ही नहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान द्वारा सार्वजनिक रूप से बयानबाजी की जा रही है कि वारंट जारी होने से कुछ नहीं होता, जब तक मंत्री आर्य को अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी, वह न्यायालय में उपस्थित नहीं होंगे, यह कथन सरासर न्यायालय की अवमानना है।
श्री धनोपिया ने बयान जारी करते हुए कहा है कि भाजपा राज में जिस तरह से न्यायालय के महत्व को कम करने का षड्यंत्र भाजपा और उसकी सरकार द्वारा किया जा रहा है, वह प्रदेश के हित में नहीं है तथा इस तरह के कृत्य आम जनता में एक उदाहरण बन जायेंगे और लोगों में न्यायालय का भय खत्म हो जायेगा।
धनोपिया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मांग की है कि वे संविधान की शपथ लेकर सरकार चला रहे हैं, इसलिए उन्हें चाहिए कि वे अपने मंत्रिमंडल के सदस्य लालसिंह आर्य को न्यायालय में सरेन्डर करने के लिए आदेशित करें तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री नंदकुमारसिंह चौहान द्वारा न्यायालय के विरूद्व की जा रही बयानबाजी पर लगाम लगायें।