Publish Date:26-Sep-2016 10:38:50
चेन्नई : अपने पहले बहुकक्षीय प्रक्षेपण में भारत का प्रमुख प्रक्षेपण यान पीएसएलवी आज लांच किया गया. पीएसएलवी-सी35 देश के मौसम उपग्रह स्कैटसैट-1 और पांच अन्य देशों के उपग्रह सहित कुल आठ अलग-अलग उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित करेगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महासागर एवं मौसम संबंधी अध्ययन के लिए स्कैटसैट-1 और सात अन्य उपग्रहों के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती कल शुरू हुई थी, आज इसे प्रक्षेपित कर दिया गया.
प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी35 आज सुबह 9:12 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एसएचएआर के पहले प्रक्षेपण पैड से प्रक्षेपित किया गया. पीएसएलवी-सी35 अपने साथ 371 किलोग्राम वजन वाले स्कैटसैट-1 और सात अन्य उपग्रहों को ले जा रहा है, जिनमें अमेरिका और कनाडा के भी उपग्रह हैं. इसरो ने कहा कि पीएसएलवी-सी35 जिन आठ उपग्रहों को अपने साथ ले गया है उनका कुल वजन 675 किलोग्राम है. इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने यहां हवाई अड्डे पर पत्रकारों को बताया, ‘कल उल्टी गिनती शुरु हो गई और सभी चीजें संतोषजनक तरीके से चल रही हैं.'
इन देशों के सैटेलाइट लेकर उड़ा है पीएसएलवी
इसरो के अध्यक्ष ने बताया कि पीएसएलवीसी-35 उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित करेगा. करीब 17 मिनट बाद स्कैटसैट-1 को पहले 730 किलोमीटर वाली पोलर सनसिन्क्रोनस ऑर्बिट (एसएसओ) में जारी किया जाएगा, जबकि बाकी को करीब दो घंटे के बाद 689 किलोमीटर वाली एक निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा. कुमार ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए प्रक्षेपण यान के दो पुनर्प्रज्वलन हैं.
स्कैटसैट-1 के अलावा भारत के शैक्षणिक उपग्रहों - प्रथम और पीआईसैट - अल्जीरिया के अल्सैट-1बी, अल्सैट-2बी एवं अल्सैट-1एन और अमेरिका के पाथफाइंडर-1 एवं कनाडा के एनएलएस-19 को कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा. इसरो के मुताबिक, यह पीएसएलवी का पहला मिशन है जिसके तहत उपग्रहांे को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा.