Publish Date:16-Dec-2017 01:37:16
चेक बाउंस बाउंस से जुड़े नियम जल्द सख्त हो सकते है. कैबिनेट की बैठक में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 में बदलाव करने को मंजूरी मिल सकती है. माना जा रहा है कि नए नियमों के मुताबिक बैंक में बाउंस चेक पर भी पैसा मिलने लगेगा यानी बाउंस चैक का फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए वित्त मंत्रालय कानून में बदलाव पर विचार कर रहा है. इसके अलावा कई नियमों को सख्त करने की तैयारी भी सरकार कर रही है. आपको बता दें कि चेक बाउंस होने की घटनाओं में तब थोड़ी कमी आई थी, जब पहली बार निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत जेल का प्रावधान किया गया था.
चेक के बाउंस होने पर बैंक जहां पेनाल्टी वसूलता है, वहीं इस पर मुहर लगाकर वापस कर दिया जाता है. हालांकि पेमेंट लेने के लिए चेक जारी करने वाले व्यक्ति या कंपनी को दोबारा से इसे जारी करना पड़ता है, जिससे समय के साथ आर्थिक नुकसान भी होता है.
वित्त मंत्रालय ने जारी किया स्टेटमेंट
वित्त मंत्रालय ने स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि डिजिटल ट्रांजेक्शन और चेक पेमेंट करने के मामले में हम तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. डिजिटल के बावजूद चेक के जरिए पेमेंट की संख्या में किसी तरह की कोई कमी नहीं आई है. इसलिए सरकार अब नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 में संशोधन करने पर विचार कर रही है.
नए कानून में हो सकती हैं ये बातें
> नए विधेयक के अनुसार, अगर कोई भी व्यक्ति चेक बाउंस होने के एक महीने के अंदर कुछ दंड के साथ भुगतान नहीं करता है तो उसे जेल जाना होगा.
> ऐसे मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट से करने का प्रावधान होगा.
> मौजूदा कानून में भी जेल की सजा का प्रावधान तो है लेकिन कानूनी लड़ाई में महीनों और कई साल लग जाते हैं.
मौजूदा कानून के प्रावधान
> मौजूदा कानून के तहत चेक मूल्य के दोगुना फाइन या दो साल तक की सजा या फिर दोनोंं का प्रावधान है.
> लेकिन यह कोर्ट से निर्णय होने के बाद होता है.
इन वजहों से होते है चैक बाउंस
> नोटबंदी के बाद सरकार द्वारा डिजिटल पेमेंट को काफी बढ़ावा देने के बावजूद भी ज्यादातर कारोबारी चेक के जरिए पेमेंट करते हैं, लेकिन कई बार चेक डिसऑनर हो जाते हैं.
> खाते में पर्याप्त बैलेंस न होने के अलावा चेक बाउंस होने के कई कारण होते हैं जिनमें कटिंग, सिगनेचर मिसमैच, शब्दों में राशि लिखते वक्त and या 'और' का प्रयोग करने से भी चेक बाउंस हो जाता है.
चेक बाउंस के 20 लाख मामले हैं दर्ज
> देश भर के विभिन्न कोर्टो में चेक बाउंस के लगभग बीस लाख केस दर्ज हैं.
> इनमें से कई मामले तो पांच साल से भी ज्यादा पुराने हैं.
साभार- न्यूज 18