Publish Date:17-Oct-2018 19:24:26
गौतम सिंघानिया द्वारा पिता विजयपत सिंघानिया से रेमंड ग्रुप के अवकाशप्राप्त चेयरमैन की पदवी छीनने के बाद बाप और बेटे के बीच विवाद फिर सड़क पर आ गया है. रेमंड ग्रुप ने हाल ही में एक पत्र के जरिए विजयपत सिंघानिया को सूचित किया कि उनकी उपाधि खत्म की जा रही है. एक जमाने में सिंघानिया परिवार देश का सबसे अमीर परिवार रहा है. हालांकि इस परिवार का उद्योग समूह रेमंड ग्रुप अब भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन विजयपत सिंघानिया पिछले कुछ समय से बेटे पर एक एक पैसे के लिए मोहताज बनाने का आरोप लगाते रहे हैं.
यह मामला वर्ष 2015 में तब शुरू हुआ जबकि विजयपत सिंघानिया ने कंपनी का नियंत्रण और अपने सारे शेयर बेटे गौतम सिंघानिया को दे दिए. इन शेयरों की कीमत उस वक्त 1000 करोड़ रुपये थी. इसके कुछ समय बाद विजयपत ने कहना शुरू किया कि बेटे ने आर्थिक बदहाली की स्थिति में छोड़ दिया है. यहां तक की उनकी गाड़ी और ड्राइवर भी छिन लिए गए हैं.
विजयपति सिंघानिया के अन्य वारिस अपना हिस्सा लेकर जब अलग हो गए, तब उन्होंने अपने बेटे गौतम को अपना अकेला कानूनी वारिस घोषित किया. गौतम तर्क देते हैं कि बेशक पिता ने शेयर उनके नाम ट्रांसफर किए लेकिन उन्होंने इसके लिए काफी मेहनत की और लगातार कर रहे हैं. जब परिवार में किसी ने कारोबार में पिता का साथ नहीं दिया, तब वो उनके साथ खड़े रहे.
बेटे गौतम ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू में कहा था, 'स्टेक उन्होंने इसलिए दिया क्योंकि उन पर दबाव था, इसलिए उन्होंने उसे मेरे नाम ट्रांसफर कर दिया. मैं कंपनी को 35 साल से सफलतापूर्वक चला रहा हूं. उन्होंने मुझे स्टेक देकर अपना कर्तव्य निभाया.
किराए के मकान में रहते हैं
एक जमाना था जब रेमंड ग्रुप के मालिक रहे विजयपत सिंघानिया शानदार जेके हाउस में रहते थे, आज वो मुंबई की सोसायटी में किराए के मकान में रह रहे हैं. विजयपत सिंघानिया ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मालाबार हिल्स में अपने ड्यूपलेक्स घर का पज़ेशन मांगा है.
साहसिक कामों के भी चैंपियन रहे
विजयपत सिंघानिया केवल देश के नामी गिरामी उद्योगपति ही नहीं थे बल्कि साहसिक कामों के लिए भी जाने जाते रहे हैं. उनके पास ईस्ट-वेस्ट, दमानिया एलाइंस और सहारा एयरवेज में कई सौ घंटों के उड़ान अनुभव सहित कुल 5,000 घंटे की उड़ान का अनुभव है.
साभ्ाार- न्यूज 18