19-Apr-2024

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मुख्यमंत्री इसीलिये साधे हुए है चुप्पी..- अरूण यादव

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भोपाल 07 जनवरी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने शनिवार को जारी एक बयान में आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश के कटनी में मंत्री द्वारा अपने 500 करोड़ रूपये के काले धन को सफेद कर लेने सरीखे का खेल पूरे प्रदेश में हुआ है। कई मंत्री इस तरह के गोरखधंधे में संलिप्त रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश सरकार के मंत्री, भाजपा के सांसद और विधायक समेत अन्य जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग नोटबंदी के बाद 8 नवंबर से 31 दिसंबर तक उनके खातों में हुए लेनदेन का ब्यौरा देने में आनाकानी कर रहे हैं।

यादव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल किया है कि वे भ्रष्टाचार पर नकेल की बड़ी.बड़ी बातें भर क्यों करते हैं? कटनी में जिस तरह का मामला सामने आया है, उसे दबाने का प्रयास सरकार की ओर से क्यों हो रहा है? मुख्यमंत्री कहते हैं, भ्रष्टाचार करने वाला चाहे कितना भी बड़ा शख्स क्यों ना हो, उसे वे बख्शेंगे नहीं। यदि कथनी और करनी में अंतर नहीं है तो बिना देर किये कटनी मामले की उच्च-स्तरीय जांच का आदेश मुख्यमंत्री श्री चौहान को देना चाहिए। यादव ने कहा है कि प्रदेश कांग्रेस ने पहले भी मांग की थी कि 08 नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद मुख्यमंत्री, प्रदेश के मंत्रियों, भाजपा के सांसदों-विधायकों और अन्य जिम्मेदार पदाधिकारियों के खातों में हुए लेन-देन का ब्यौरा मध्यप्रदेश भाजपा अपनी अधिकारिक वेबसाइट पर डाल दे। सरकार ने इस मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया। ज्यादातर मंत्रियों, सांसदों-विधायकों और भाजपा के पदाधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बावजूद आज तक अपने बैंक खातों का ब्यौरा भाजपा को ही उपलब्ध नहीं कराया है।

यादव ने कहा है, भाजपा चाल, चरित्र और चेहरे की दुहाई भर देती है। कटनी में नोटबंदी के बाद जिस तरह का बड़ा घोटाला सामने आया है, वैसे ही मामले भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और प्रदेश के अन्य उन शहरों में खुलकर हुए हैं जिनमें प्रभावशाली मंत्री, सांसद-विधायक और भाजपा के पदाधिकारी शामिल हैं। श्री यादव ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि रिजर्व बैंक द्वारा सहकारी बैंकों में एक हजार और पांच सौ के नोटों की अदला-बदली नहीं करने के आदेश के पहले मध्यप्रदेश सहकारी बैंकों में हुई नोटबंदी का ब्यौरा भर मुख्यमंत्री सार्वजनिक कर दें, देश के बड़े स्कैमों में से एक स्कैम मध्यप्रदेश में सामने आ जायेगा। यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के भ्रष्टाचार निरोधक प्रयासों को सबसे ज्यादा किसी ने पलीता लगाया है तो वह भाजपा और उससे जुड़े अनुषांगिक संगठन हैं। काला कर्म करने में मध्यप्रदेश, भाजपा शासित और उसके समर्थन से बनी सरकार वाले राज्यों में ऊपरी पायदान पर है।

शिवराज जी नोटबंदी का बोझ म.प्र. की जनता पर क्यों ?: अरूण यादव

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने लाइसेंस और वाहनों के पंजीयन शुल्क में पांच से सात गुना तक की वृद्धि का कड़ा विरोध किया है। यादव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मशविरा दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लागू की गई नोटबंदी के बाद प्रदेश की आय में जबरदस्त गिरावट की पूर्ति के लिये आम जनता पर टैक्स थोपने की बजाय सरकार कोई दूसरा रास्ता निकाले।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यादव ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि बिना सोचे-विचारे प्रधानमंत्री द्वारा थोपी गई नोटबंदी के दुष्परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं। उद्योग-धंधे बंद हो गये हैं। बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है। विकास दर में तेजी से गिरावट आ रही है। जीडीपी घट गया है। सच को स्वीकारने और गलती को सुधारने की बजाय केन्द्र सरकार और भाजपा शासित राज्य सरकारें प्रधानमंत्री की चाटुकारिता में जुटकर तालियां बजा रही हैं।

यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश की सरकार ने ड्राइविंग लाइसैंस फीस और वाहनों के रजिस्ट्रेशन की फीस में अनाप-शनाप वृद्धि कर संकेत दे दिये हैं कि नोटबंदी के घातक परिणाम आम और गरीब जनता को ही भुगतना पड़ेंगे। देश में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल मध्यप्रदेश की सरकार ज्यादा टैक्स लगाकर बेच रही है। मुख्यमंत्री चौहान झूठे सपने और थोथे वायदे भर प्रदेश की जनता से करते रहे हैं। यादव ने ड्राइविंग लाइसैंस और वाहनों के पंजीयन शुल्क में की गई बेतहाशा वृद्धि तुरंत वापस लेने की मांग प्रदेश की सरकार से की है। यादव ने कहा है कि बढ़ोतरी वापस नहीं ली गई तो प्रदेश कांग्रेस आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।

कुपोषण एवं शिशु मृत्यु दर में मध्यप्रदेश बना नंबर-1: रवि सक्सेना 

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना ने 6 जनवरी को भारत सरकार के सेंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस 2015) के जारी आकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कुपोषित बच्चों के लिए बनाई गईं सरकार की तमाम योजनाएंे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने से स्वर्णिम मध्यप्रदेश में प्रति एक हजार में से पचास बच्चे जन्म लेने के एक वर्ष के भीतर ही कुपोषण के कारण काल के गाल में समा जाते हैं। केन्द्र सरकार के इस सर्वे के अनुसार शिशु मृत्यु दर के मामले में भी मध्यप्रदेश पूरे देश में नम्बर वन बन गया है।

रवि सक्सेना ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि वर्ष 2014 के एस आर एस सर्वे में भी मध्यप्रदेश शिशु मृत्युदर में देश में प्रथम रहने के पश्चात् भी मध्यप्रदेश सरकार की नींद नहीं खुली और करोड़ों रूपयों की योजनाऐं बनाने के बाद भी इस मृत्युदर में किंचित मात्र भी कमी नहीं लाई जा सकी जो कि सरकार की अक्षमता को प्रतिपादित करती है। एसआरएस 2015 के आंकड़ों के अनुसार 54 बच्चे ग्रामीण क्षेत्रों में तथा ३४ बच्चे  शहरी क्षेत्रों  मृत्युदर के हिसाब से मृतु को प्राप्त हो जाते है  ग्रामीण क्षेत्रों के  मुकाबले लगभग डेढ़ गुना है। इन आंकड़ों ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की पोल खोलकर रख दी है।

सक्सेना ने कहा एक ओर तो प्रदेश के मुख्यमंत्री बच्चों के मामा बनते हैं, वहीं दूसरी ओर उनके भांजे/भांजियों की मृत्युदर पूरे देश में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि कुपोषण और शिशु मृत्यु दर में देश में प्रदेश का नंबर-1 होना एक कलंक के समान है।

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