17-Apr-2024

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हैक कर ऑनलाइन बिल पेमेन्ट करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, पॉच गिरफ्तार

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साइबर पुलिस थाना भोपाल को बडी सफलता, एकाउन्ट
1. डार्क नेट से बिट्काईन में मूल्य चुकाकर खरीदते थे डेबिट / क्रेडिट कार्ड की जानकारी
2. तकनीकी उपयोग कर, कर देते थे ऑनलाइन ट्रॉसफर / पेमेन्ट के लिये आवश्यक ओटीपी को बाई-पास
3 पंजाब स्टेट पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड के (PSPCL) के बडे औद्योगिक बिलों तथा मोबाइल बिलो का करते थे भुगतान देते थे 50 प्रतिशत का डिस्काउन्ट
4. पोस्टपेड मोबाइल बिल, एयर टिकट तथा बस टिकट पर भी देते थे 70 प्रतिशत तक छूट
5. गिरोह को सदस्यो को होती थी कार्पोरेट आई.डी. तथा पासवर्ड की जानकारी किया करते थे बिना पेमेन्ट किये खरीददारी
6. पंजाब,दिल्ली,कोलकता,उडीसा,महाराष्ट्र,गोवा,कर्नाटक,केरल सहित संपूर्ण भारत में था गिरोह सक्रिय
7. पंजाब के मानसा जिले से पूर्व में गिरफ्तार किया गया था एजेन्ट नरेश कुमार, जिसे मिलाता था 35-50 प्रतिशत तक कमीशन
8. व्हाट्सएप लिंक के माध्यम से व्हाट्सएप ग्रुप ज्वॉइन कर, करते थे एक दूसरे से संपर्क


विशेष पुलिस महानिदेशक (साइबर अपराध) श्रीमति अरूणा मोहन राव एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री राजेश गुप्ता के मार्गदर्शन तथा पुलिस अधीक्षक(साइबर) राजेश सिंह भदौरिया एवं सहा.पुलिस महानिरीक्षक साइबर सुदीप गोयनका के निर्देशन में कार्य करते हुये साइबर एवं उच्च तकनीकी अपराध थाना भोपाल ने एक ऐसे संगठित अन्तर्राज्यीय साइबर आपराधिक गिरोह का पर्दाफाश किया है। जो विगत कई वर्षो से बैंक खाता हैक कर ऑनलाइन पेमेन्ट तथा खरीददारी करते थे। मार्च 2018 में श्रीमती ज्योति सेंगर (परिवर्तित नाम)  जो इन्दौर में सहायक प्राध्यापक है,इंदौर से भोपाल बस से यात्रा कर रही थी तभी उन्हे उनके बैंक खाते के साथ रजिस्टर्ड  मोबाइल नंबर पर ऑनलाइन ट्राजेक्शन के लिये आवश्यक ओटीपी प्राप्त हुआ तथा अगले ही पल उनके खाते से 16000 रूपये ट्रॉसफर हो गये। उन्हे न तो किसी ने बैक अधिकारी बन कर फोन किया और न ही उन्होने किसी से उनका कार्ड नंबर तथा ओटीपी साझा किया। श्रीमति सेंगर ने तत्काल अपना एटीएम कार्ड नंबर ब्लॉक किया तथा उनके खाते से बिना ओटीपी किये गये असुरक्षित आहरण के संबंध में साइबर थाना भोपाल में एक लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया। प्रार्थिया को प्राप्त एस.एम.एस. में पर्याप्त जानकारी नही होने तथा बैंक द्वारा उक्त आहरण से संबंधित जानकारी प्रदान नही किये जाने से जॉचकर्ता अधिकारी द्वारा सभी बडी पेमेन्ट गेट-वे कंपनियों से संपर्क किया गया जिसमें से एक कंपनी द्वारा उक्त आहरण के संबंध में जानकारी प्रदान की तथा बताया कि प्रार्थिया के खाते से पंजाब स्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) का बिल पे किया गया है। PSPCL द्वारा विद्युत उपभोक्ता का उपभोक्ता क्रमांक प्रदान कर बताया कि जिस विद्युत बिल का भुगतान किया गया है वह “ बालाजी राइस मिल”  सार्दुलगढ जिला मानसा (पंजाब) का है। जिसमें उपभोक्ता का कुल बिल 2,14,000 रूपये का था जिसे 14 टुकडो में अलग-अलग एटीएम कार्ड से ऑनलाइन जमा कराया गया है। आगे की जॉच में राइस मिल मालिक ने बताया कि उनका बिल एजेन्ट नरेश कुमार जो मानसा(पंजाब)  में मोबाइल फोन तथा रिचार्ज की दुकान चलाता है, के द्वारा पे किया गया है। नरेश कुमार ने पूछताछ पर बताया कि वह व्हाट्सएप के माध्यम से ऐसे साइबर अपराधियों से जुडा है जो लोगों से बिना कार्ड नंबर तथा ओटीपी पूछे लोगो के खातो से ट्रॉसफर कर लेते है। वह उपभोक्ताओ के बिजली तथा पोस्टपेड मोबाइल बिल लेकर उनके उपभोक्त क्रमांक या मोबाइल नंबर अपराधियो को व्हाट्सएप पर मैसेज कर बिल पेमेन्ट कराता था। नरेश कुमार को जुलाई माह में मानसा (पंजाब) से गिरफ्तार किया गया जो अभी भोपाल जेल में निरूध है।
साइबर पुलिस भोपाल द्वारा इस हाई-टेक गिरोह के चार अन्य़ सदस्यो को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। गिरोह के सदस्य डार्क नेट से क्रेडिट/डेबिट कार्ड की जानकारी लेकर लोगो के बैंक एकाउन्ट हैक करते थे तथा ऑनलाइन सेवाओ की कार्पोरेट आईडी हैक कर बिजली बिल,पोस्टपेड मोबाइल बिल आदि का ऑनलाइन पेमेन्ट करते थे। एक विशेष एयर लाइन के एयर टिकट बनाकर 70 प्रतिशत तक डिस्काउन्ट में बेचते थे। ग्रुप के सदस्य उपभोक्ता से सीधे संपर्क न कर बिल पेमेन्ट कराने वाले तथा ट्रेवल एजेन्टो से संपर्क करते थे तथा उन्हे 35-50 प्रतिशत तक डिस्काउन्ट ऑफर करते थे। ऐसे ही एजेन्ट नरेश कुमार तथा रतन उर्फ राजीव धनानी है। चारो आरोपी अभी पुलिस अभिरक्षा में है जिनसे पूछताछ पर गिरोह के अन्य सदस्यो की जानकारी प्राप्त हुई है, जिन्हे गिरफ्तार किये जाने के प्रयास जारी है। आरोपियो द्वारा आपस में राशि ट्रॉसफर करने के लिये ई-वॉलेट का उपोयग किया जाता था जिन्हे बकायदा फर्जी आईडी बनाकर KYC वेरीफाई कराया गया था। गिरफ्तार किये गये आरोपी प्रीतम मिश्रा वर्ष 2005 से इसी तरह के अपराध मे लिप्त है,जिसके विरूध नई-दिल्ली के विभिन्न थानो मे इन्टरनेट बैंकिंग हैकिंग एवं फोन क्लोनिंग के छः मामले पंजीबद्ध है तथा एक मामला मुंबई में पंजीबद्ध है। आरोपी प्रीतम मिश्रा क देश में सक्रिय बडे साइबर अपराधियो  से संबंध है तथा पूर्व में वह उनके साथ सह-अभियुक्त बनाय़ा गया है ।


विस्तृत जानकारी आरोपी -1. प्रांजल सिंह पिता ऐशवीर सिंह,उम्र-20 वर्ष, पताः- सेक्टर 18बी, द्वारका (नई दिल्ली) शैक्षणिक योग्यता-बी.टेक.
2. प्रीतम मिश्रा उर्फ प्रीत पिता अशोक कुमार मिश्रा,उम्रः- 35 वर्ष,पता- कृष्णा कॉलोनी,नजफगढ (नई दिल्ली) शैक्षणिक योग्यता- छःवी पास
3. मोहित कुमार पिता प्रमोद गुरूवालिया,उम्र22 वर्ष, पता-गुडगाँव (हरियाणा) शैक्षणिक योग्यता-बी.टेक.
4. रतन उर्फ राजीव धनानी उम्र 22 वर्ष, पता- फ्लोवर वेली,कोलकता (प.बंगाल) शैक्षणिक योग्यता-बी.कॉम.
5. नरेश कुमार पिता तरसेम चन्द, उम्र-26 वर्ष,पता- खोखर खुर्द, मानसा (पंजाब) शैक्षणिक योग्यता-बीए

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