Publish Date:20-Jan-2019 01:34:32
मुंबई, अमेरिका में एंप्लॉइमेंट ऑथराइजेशन डॉक्युमेंट्स (EAD) के जरिए काम कर रहे एक लाख से अधिक H-1B वीजा धारकों के जीवनसाथी भविष्य को लेकर दुविधा में हैं। वे नहीं जानते कि कब उनके पैरों के नीचे से कालीन खींच ली जाएगी। इसके अलावा ऐसे लोगों की संख्या भी बहुत है जिन्होंने EAD प्राप्त नहीं किया है और यह स्वीकार कर चुके हैं कि उनका करियर होल्ड पर है।
ओबामा समय की मौजूदा नीति, जिसने इन जीवनसाथियों को काम का अधिकार दिया, को रद्द करने वाले एक मसौदे के 2018 के अंत तक खत्म होने की उम्मीद थी। हालांकि, अमेरिकी प्रशासन इसे ठंडे बस्ते में रखता हुआ प्रतीत हो रहा है और मामला एक बार फिर कोर्ट में है।
अब उम्मीद की कोई किरण नहीं है, क्योंकि यह माना जा रहा है कि यदि कोर्ट का फैसला पक्ष में भी आता है तो अमेरिकी प्रशासन EAD प्रोग्राम को खत्म कर सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अक्टूबर 2018 में इस बात को दोहराया था कि विशेष कैटिगरी H-1B वर्कर्स के जीवनसाथियों को हासिल काम की स्वतंत्रता जल्द खत्म होगी।
अमेरिकी वर्कर्स के एक समूह 'सेव जॉब्स यूएसए' ने सबसे पहले अप्रैल 2015 में केस दायर किया था। ट्रंप प्रशासन ने समय-समय पर इस मुकदमे को यथावत रखने की मांग की तो EAD प्रोग्राम को रद्द करने के लिए नई नीति को लंबित रखा। हालांकि, पिछले साल समूह ने कोर्ट में कहा कि ट्रंप प्रशासन EAD प्रोग्राम को खत्म करने में काफी समय लगा रही है।
पिछले महीने यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स ने मुकदमे की सुनवाई को हरी झंडी दी। सेव जॉब्स यूएसए ने 16 जनवरी को कोर्ट को बताया कि यूएस कांग्रेस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्यॉरिटी को H-4 होल्डर्स को EAD प्रदान करने की अनुमति नहीं दी। इसने यह भी कहा कि काम के इस अधिकार से अमेरिकियों के हितों का नुकसान हो रहा है।
गौरतलब है कि ओबामा प्रशासन ने मई 2015 में H-4 के लिए EAD नियम की शुरुआत की थी। यह ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे H-1B वीजा होल्डर्स के जीवनसाथी को काम का अधिकार देता है।
साभार- नवभारत टाइम्स
मुबंई से लुबना काबली की रिपोर्ट