Publish Date:30-Mar-2020 21:46:23
राजभवन से भेजे जाने वाले पैकेट के भोजन को चखा
राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में वितरण के लिए बन रहें भोजन व्यवस्था की आज समीक्षा की। पैकेट में रखे गये भोजन को चखा और भोजन निर्माण कार्य में लगे कर्मचारियों को स्वच्छता के नियमों का कड़ा पालन करने, शुद्ध एवं स्वादिष्ट भोजन बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। आर्शीवचनों से उनका उत्साहवर्धन किया।
राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि कोरोना से संघर्ष के इस दौर में हम सबका यह दायित्व है कि कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहें। उन्होंने कहा कि राजभवन द्वारा भोजन वितरण व्यवस्था सांकेतिक पहल है ताकि समाज के समर्थ व्यक्ति इससे प्रेरणा लेकर गरीब, वंचित और जरूरतमंद व्यक्ति के सहयोग और मदद का दायित्व स्वीकार करें। उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि आपकी संकटकाल की यह सेवायें राष्ट्र सेवा है। श्री टंडन ने कहा कि भोजन तैयार करने की आकस्मिक व्यवस्थाओं की तैयारी रखे ताकि आवश्यकता पड़ने पर राजभवन तत्काल प्रशासन को भोजन के पैकेट उपलब्ध करा सकें। श्री टंडन आज प्रात: राजभवन के रसोई घर में पहुँचे। वहाँ भोजन पैकेट में रखी जाने वाली खाद्य सामग्री की जानकारी ली। उनकी स्वच्छता और शुद्धता व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। रसोई घर और पैकेट पैकिंग व्यवस्थाओं उनकी शुद्धता, स्वच्छता और सेनेटाइजेशन व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
घर से कार्य कर सामाजिक दायित्व के निर्वहन का मॉडल बनाएं कुलपति
राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिये चर्चा की। उन्होंने कुलपतियों से कहा कि कोरोना वायरस के इस विश्वव्यापी संकट से भारत भी अछूता नहीं है। संतोष की बात यह है कि प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता और मार्मिक अपील ने देशवासियों के दिलों पर गहरा असर किया है। लोग स्वयं ही जनता कर्फ्यू का पालन करने के बाद 21 दिनों के लॉक डाउन में संयम बरतते हुए घर पर रहकर जानलेवा वायरस से बचाव में सहयोग कर रहे हैं।
श्री लालजी टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा संक्रमण से बचाव के लिये किए गए प्रयासों के परिणाम संतोषप्रद हैं। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के इस दौर में सभी छात्र-छात्राएँ अपने-अपने घर पर है। विश्वविद्यालय का स्टाफ भी अपने घर पर है। इसलिए जरूरी है कि युवाओं की ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग हो। विद्यार्थी घर पर ही पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करें। आईसीटी तकनीक का उपयोग कर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक उनका मार्गदर्शन करें। श्री टंडन ने कहा कि कोरोना वायरस का प्रकोप अभी गाँवों तक नहीं फैला है। अत: छात्रों को इस सामाजिक अभियान से जोड़कर उन्हें दायित्वों का बोध करायें। छात्र-छात्राएँ कोरोना से बचाव संबंधी मूलभूत बातें लोगों तक पहुँचायें।
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना से लड़ाई के लिये किसी अस्त्र-शस्त्र की नहीं, आत्म-नियंत्रण एवं संयम की जरूरत है। इसलिये सभी कुलपति अपने-अपने घरों से इस सामाजिक दायित्व के निर्वहन के साथ-साथ छात्रों के लिये ऑन लाइन शिक्षण की व्यवस्था भी करें।
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में जीवाजी विश्वविद्यालय-ग्वालियर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय-इन्दौर, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय-भोपाल, विक्रम विश्वविद्यालय-उज्जैन, आर.जी.पी.वी.-भोपाल, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय-रीवा, नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय-जबलपुर, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय-चित्रकूट, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय-जबलपुर, भोज मुक्त विश्वविद्यालय-भोपाल, मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय-जबलपुर, महाराजा छत्रसाल बुन्देलखंड विश्वविद्यालय-छतरपुर एवं विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा के कुलपतियों ने भाग लिया।
कुलपतियों ने बताया कि उन्होंने एस.एम.एस., वाट्सएप और ई-मेल के द्वारा सभी विद्यार्थियों को कोरोना विषयक जानकारियाँ भेजी हैं एवं विद्यार्थियों से इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिये कहा है। कुलपतियों से चर्चा के दौरान जानकारी मिली कि अभी तक प्रदेश के लगभग 48 लाख छात्र-छात्राएं इस अभियान से जुड़ चुके हैं। इसके अलावा, विश्वविद्यालयों से जुड़े सभी प्राध्यापक, अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में दिया है। कुलपतियों ने कॉन्फ्रेसिंग के दौरान बताया कि सभी विश्वविद्यालय अपने छात्रों को अध्ययन के लिये ऑन लाइन प्लेटफार्म उपलब्ध करवा रहे हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय में परिस्थितिवश रूके लोगों को दवाईयाँ, सेनेटाइजर, मॉस्क और भोजन भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
राजभवन की पत्रिका 'प्रवाह'' का लोकार्पण
राज्यपाल श्री टंडन ने राजभवन में अर्धवार्षिक पत्रिका 'प्रवाह'' का ऑन लाइन लोकार्पण किया। राजभवन की गतिविधियों पर केन्द्रित यह पत्रिका सभी विश्वविद्यालय उनकी वेबसाइट पर देख सकेंगे।