Publish Date:20-Feb-2019 19:45:24
जयपुर, पुलवामा के आतंकी हमले के बाद राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को खत्म करने की मांग की है। आतंकी हमले के बाद देश भर में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच कल्याण सिंह ने अनुच्छेद 370 को देश की अखंडता के लिए खतरा बताया है और इसे समाप्त करने की मांग की है।
राज्यपाल कल्याण सिंह ने बुधवार को पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि घाटी में एक बहुत दुखद घटना हुई है। अब समय आ गया है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने पर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि इस हमले के खिलाफ के सारा देश एकजुट है। उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण ना सिर्फ अलगाववादियों को बढ़ावा मिलता है, बल्कि देश की अखंडता और एकता पर खतरा भी पैदा होता है, ऐसे में इसे खत्म करने पर विचार किया जाना चाहिए।
कल्याण सिंह ने कहा कि देश की जनता आतंकवादियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई देखना चाहती है जो भविष्य के लिए आतंकवादियो और उनके आकाओं के लिए ऐसा सबक बने, जिससे वह भारत पर हमला करना भूले। प्रधानमंत्री ने संकेतों में यह स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवादियों और उनके आकाओं के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाया जाएगा।
'जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह की जरूरत नहीं'
उन्होंने कहा कि अब जरूरत है कि केंद्र की सरकार आतंक के खिलाफ सख्त कदम उठाए। वहीं राजनीतिक दल मक्कल निधि मय्यम के प्रमुख कमल हासन द्वारा जनमत संग्रह कराये जाने को लेकर कल्याण सिंह ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में कोई जनमत संग्रह नहीं होना चाहिए। कल्याण सिंह ने कहा कि देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अपने वक्त में जनमत संग्रह की बात कहकर गलती की थी, लेकिन वहां अब चुनाव हो चुके हैं जिनसे कई बार जनमत संग्रह हो चुका है। इसके अलावा राज्यपाल सत्यपाल मलिक को हटाए जाने की अटकलों पर सिंह ने कहा कि मलिक सही काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें राज्यपाल बनाए रखने का निर्णय केंद्र के ऊपर निर्भर करता है।
मेघालय के राज्यपाल ने कही थी बहिष्कार की बात
बता दें कि कल्याण सिंह के इस बयान से पहले मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने पुलवामा हमले के बाद कश्मीर और कश्मीरियों के बहिष्कार का समर्थन किया था। इंडियन आर्मी के रिटायर्ड कर्नल के बयान का हवाला देते हुए तथागत रॉय ने ट्वीट किया था कि लोगों को कश्मीर से आने वाले लोगों से ना तो कोई सामान खरीदना चाहिए और ना ही दो साल तक अमरनाथ या किसी और जगह (कश्मीर में) जाना चाहिए।
साभार- नवभारत टाइम्स