Publish Date:22-Aug-2019 14:42:20
सरकार बैंक अपने खर्च कम करने के लिए कई प्रयास कर रही हैं. इसके मद्देनज़र पब्लिक सेक्टर बैंक (Public Sector Bank) बड़े शहरों में अपनी ATM और ब्रांच को बंद कर रही हैं. इसकी वजह यह बताई जा रही है कि शहर में रहने वाले लोग इंटरनेट बैंकिंग पर बहुत ज्यादा शिफ्ट हो गए हैं, जिसकी वजह से सरकारी बैंकों का ऐसा मानना है कि ब्रांच और ATM जैसे फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को कम किया जा सकता है.
खर्च घटाने के लिए बैंकों ने बनाया प्लान
पिछले एक साल में देश के 10 सरकारी बैंक (जिनके पास सबसे अधिक ब्रांच भी हैं) ने कुल मिलाकर 5,500 ATM और 600 ब्रांच बंद किए हैं. ET की खबर के अनुसार, बैंकों के तिमाही नतीजों का विश्लेषण करके यह जानकारी हासिल की है. सरकारी बैंक बैलेंस शीट में एक्सपेंडिचर को कम करने के लिए NPA को कम करने की योजना बना रहे हैं.
SBI ने बंद की सबसे ज्यादा ब्रांच और ATM
देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने जून 2018 से 2019 के बीच 420 ब्रांच और 768 ATM बंद किए हैं. वहीं विजया और देना बैंक को मिलाने के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने कुल 40 ब्रांच और 274 ATM पर इस बीच शटर गिराया है. इस लिस्ट में पंजाब नैशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक और इलाहाबाद बैंक भी शामिल हैं.
प्राइवेट बैंक शहरों में बढ़ा रहे नेटवर्क
एक तरफ जहां सरकारी बैंक खर्च घटाने के लिए नेटवर्क में कटौती कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट सेक्टर के एक्सिस बैंक, HDFC बैंक और ICICI बैंक ने अपने बैंकिंग नेटवर्क का विस्तार किया है. RBI के आंकड़ों से पता चलता है कि इन बैंकों ने खासतौर पर शहरी क्षेत्रों में अपने ATM लगाए हैं.
गांव में नहीं हो रही कोई कटौती
इस रिपोर्ट में भी ये भी बात सामने आई है कि बैंकों की ब्रांच और एटीएम की कटौती का असर ग्रामीण बैंकों पर नहीं पड़ा है. ग्रामीण और अर्धशहरी इलाकों में इनमें कटौती नहीं की गई है.
साभार- न्यूज 18