लोक कलाओं की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को जोड़ा, देर रात तक दर्शकों ने लिया आनन्द
Publish Date:15-May-2016 18:42:39
सिंहस्थ लोक उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिये विभिन्न प्रांत के कलाकारों द्वारा कला एवं संस्कृति की प्रस्तुतियों से दर्शकों को जोड़कर रखा जा रहा है। साथ ही क्षेत्र की कला] परम्परा एवं संस्कृति की आकर्षक प्रस्तुति जा रही है।
भारत शासन के संस्कृति मंत्रालय भी मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग से संयुक्त तत्वाधान में सिंहस्थ कला उत्सव मंच के माध्यम से देश के विभिन्न राज्य की कला एवं संस्कृति के दर्शन करवाये जा रहे हैं। शनिवार को सदावल मार्ग के भोजमंच पर सिंहस्थ कला उत्सव में श्रीमती बीना सिंह इलाहाबाद द्वारा संयोजित नृत्य विधा के माध्यम से ढेडि़या लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया। अवध के इस पारम्परिक लोक नृत्य में दर्शित किया गया कि भगवान राम के वनवास से अयोध्या वापस आने पर अयोध्यावासियों द्वारा नाच-गाकर अपनी खुशियॉं मनाई। प्रस्तुत अवध का पारम्परिक लोक नृत्य को दर्शकों द्वारा काफी सराहा।
बुन्देलखण्ड के महोवा जिले का मशहूर लोक नृत्य अखिलेश यादव एवं साथी कलाकारों द्वारा दिवारी व पाई डाण्डा लोक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। जिसमें होली के समय भगवान कृष्ण के साथ होली उत्सव तथा दिवाली के समय गोवर्धन पर्वत की पूजा पर किये जाने वाले लोक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। गाजीपुर के सुनील कुमार के साथी कलाकारों द्वारा धोबिया लोक नृत्य तथा आगरा की सुश्री बरखा सिंह द्वारा मयूर नृत्य की प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। लोक गायन के क्रम में इलाहाबाद के भजन गायक रत्नेश दुबे द्वारा भजन तथा अभयराज यादव द्वारा विरहा गायन की प्रस्तुति दी गई।
अनूप जलोटा के भजनों से गुंजायमान हुआ सिंहस्थ
सुप्रसिद्ध भजन सम्राट अनूप जलोटा के भजनों से सिंहस्थ कुम्भ मेला क्षेत्र गुंजायमान हुआ। जलोटा ने शनिवार को देर रात्रि में बड़नगर रोड स्थित पायलेट बाबाजी के शिविर में पहुंचकर भजनों की प्रस्तुति दी। जलोटा ने भजन संध्या के कार्यक्रम की शुरूआत शिव महिमा से की। उपस्थित श्रोताओं द्वारा मंत्रमुग्ध होकर भजनों का देर रात तक आनन्द लिया।