18-Apr-2024

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समृद्ध मध्यप्रदेश के लिये हर नागरिक का सहयोग और भागीदारी जरूरी

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ग्राम सरोवर अभिकरण बनेगा, पाँच हजार तालाब बनेंगे
रोजगार देने वाले उद्योगों को मिलेंगी रियायतें
जनजातीय क्षेत्रों में हर गाँव में बनेगी जनजातीय अधिकार सभा
मुख्यमंत्री चौहान का स्वतंत्रता दिवस पर संदेश

भोपाल : बुधवार, अगस्त 15, 2018, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नागरिकों के सक्रिय सहयोग और भागीदारी से समृद्ध मध्यप्रदेश का निर्माण होगा। उन्होंने नागरिकों से समृद्ध मध्यप्रदेश बनाने के लिये सुझाव माँगे। श्री चौहान ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में हर गाँव में जनजातीय अधिकार सभा बनाई जायेगी। इस सभा को स्थानीय विकास और संसाधनों के उपयोग के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश करने वाली जो औद्योगिक इकाई रोजगार उपलब्ध करायेगी, उसे शासकीय रियायतों में प्राथमिकता दी जायेगी। श्री चौहान आज स्थानीय लाल परेड ग्राउंड पर राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने समारोह में परेड की सलामी ली।

श्री चौहान ने उन सभी अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी, जिनके बलिदान से भारत को आजादी मिली। उन्होंने कहा कि अपना कर्तव्य निभाते हुए शहीद हुए जवानों के परिवारों को एक करोड़ रूपये की सम्मान निधि दी जायेगी। इसमें से 40 प्रतिशत राशि शहीदों के माता पिता के खातों में डाली जायेगी और बाकी शहीद के उत्तराधिकारी को दी जायेगी। माता-पिता को आजीवन पाँच हजार रूपये की पेंशन भी दी जायेगी। यदि शहीदों के बच्चे शहरों में पढ़ने आते हैं, तो उन्हें फ्लैट की सुविधा दी जायेगी। हर साल 14 अगस्त को प्रदेश में शहीद सम्मान दिवस मनाया जायेगा।

श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक सशक्त और समृद्ध भारत का निर्माण हो रहा है। नये भारत का निर्माण करने के लिये नये मध्यप्रदेश का निर्माण करना जरूरी है। हम बीमारू राज्य से प्रगतिशील और अब विकसित राज्य की ओर बढ रहे हैं। अब समद्ध मध्यप्रदेश बनाना है। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश हर क्षेत्र में आगे है। भरपूर बिजली है। भरपूर सिंचाई हो रही है। नर्मदा को गंभीर नदी से जोड़ा जा रहा है। इसके बाद पार्वती और कालीसिंध नदियों से जोड़ा जायेगा।

श्री चौहान ने कहा कि किसानों की समृद्धि राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। किसानों को कई राहतें दी गई हैं। उन्हें उनकी उपज का पूरा दाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सहायता देने पर भी विचार किया जाना चाहिये। प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है, लेकिन इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है। गरीबों को पक्का मकान बनाने के लिये पट्टे दिये जा रहे हैं। कोई गरीब बिना मकान और जमीन के नहीं रहेगा। बिजली बिल माफ किये जा रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई का खर्चा सरकार उठायेगी। इस साल के आखिर तक सभी घरों में बिजली होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा कर्मी बनाने की संस्कृति को समाप्त कर अध्यापक का सम्मानजनक पद बनाया गया है। बैतूल जिले से 'एक परिसर-एक स्कूल' का प्रयोग शुरू किया जा रहा है, जिसमें एक ही स्कूल परिसर में पढ़ाई के सभी आधुनिक संसाधन उपलब्ध होंगे। आगामी 17 अगस्त को 'मिल-बाँचे मध्यप्रदेश'' का शुभारंभ हो रहा है। उन्होंने सभी सक्षम नागरिकों से अपील की कि वे अपनी पसंद के स्कूल में जायें और बच्चों को पढायें, शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनायें और किताबें दान में दें।

 श्री चौहान ने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से छोटे तालाबों के निर्माण के लिये ग्राम सरोवर अभिकरण बनाया जायेगा। यह  अभिकरण पाँच वर्षों में पाँच हजार तालाब निर्मित करेगा। उद्योगों के जरिए रोजगार में वृद्धि के लिये अब उद्योगों को टैक्स में छूट देने के बजाय निवेश में सीधे सहायता देने के लिये औद्योगिक नीति में बदलाव किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति लगातार बेहतर बनी हुई है। हमारी विकास दर पिछले कई वर्षों में लगातार डबल डिजिट में रही है। यह  महत्वपूर्ण उपलब्धि है। गरीब परिवारों को सभी मूलभूत सुविधाएँ  जुटाने और गरीब परिवारों की आय बढ़ाने का काम किया जायेगा।

गरीबों की चिंता दूर करेगी संबल योजना

मुख्यमंत्री जन-कल्याण योजना 'संबल' की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि यह योजना प्रदेश की लगभग आधी आबादी की रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, रोजगार जैसी मूलभूत चिंताओं को दूर करने का काम करेगी। एक जनवरी 2018 से ग्रामीण क्षेत्र में भू-खण्ड अधिकार अभियान में नौ लाख से अधिक परिवारों को भू-खण्ड अधिकार-पत्र दिए गए हैं। पहले वितरित भू-खण्ड अधिकार पत्रों को शामिल कर 35 लाख से अधिक परिवार को आवासीय भू-खण्ड मिल चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 7 लाख से ज्यादा आवास बन गये हैं। सवा लाख आवासों का निर्माण पूरा हो गया है। ग्रामीण क्षेत्र के 94 प्रतिशत घरों में शौचालय सुविधा के साथ प्रदेश, देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है।

पंजीकृत श्रमिकों और संन्निर्माण कर्मकारों को अधिकतम 200 रूपये प्रति माह की दर से जुलाई माह से बिजली बिल देना प्रारंभ किया गया है। बिजली के क्षेत्र में आत्म-निर्भर होने के बाद अब लक्ष्य यह है कि हर नागरिक का घर बिजली से रोशन हो। सौभाग्य योजना के तहत 31 जिलों में सभी पात्र हितग्राहियों के घरों तक बिजली पहुँचाई जा चुकी है। अक्टूबर माह तक प्रदेश के हर घर में बिजली का प्रकाश लाने का हमारा लक्ष्य है।

किसानों के खातों में जमा कराये 35 हजार करोड़

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती की आय को पाँच वर्षों में दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये सिंचाई का रकबा बढाया जा रहा है। अभी 40 लाख हेक्टेयर है। इसे बढाकर 80 लाख हेक्टेयर कर दिया जायेगा। इस वर्ष फसल बीमा, मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि, भावांतर भुगतान, प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति और अन्य विभिन्न योजनाओं से किसानों के खातों में सीधे 35 हजार करोड़ रूपये की राशि पहुँचायी गयी है।

कृषि के सहयोगी क्षेत्रों को भी भरपूर बढ़ावा दिया जा रहा है। नियमों में संशोधन करते हुए राहत राशि को 30 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है। इस वर्ष केला फसल क्षति राहत 27 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति हेक्टेयर और अधिकतम 3 लाख रुपये प्रति कृषक की गई है, जिससे बुरहानपुर के केला उत्पादक किसानों को आपदा की घड़ी में सरकार का संबल मिला।

श्री चौहान ने कहा कि भूमि-स्वामी और बटाईदार के हितों का संरक्षण करने के लिए कानून बनाने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। अब भूमि-स्वामी निश्चिंत होकर अपनी भूमि पाँच वर्ष तक बटाई पर दे सकेगा।

स्मार्ट सिटी परियोजना में निवेश होगा 20 हजार करोड़

श्री चौहान ने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना में सात शहर भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सतना और सागर शामिल है। इन शहरों में पुनर्घनत्त्वीकरण और पुनर्निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। इस परियोजना में 20 हजार करोड़ रूपये निवेश की योजना है। स्वच्छता सर्वेक्षण में पूरे देश में नगर निगम इंदौर प्रथम और नगर निगम भोपाल द्वितीय स्थान पर लगातार दूसरे वर्ष भी रहे हैं। अगले 3 वर्षों में प्रदेश का कोई भी नगरीय निकाय ऐसा नहीं होगा, जहाँ पेयजल परियोजना अधूरी हो अथवा पेयजल का संकट हो।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सड़कों के विकास में विशेष रूप से निवेश किया है। निरंतर विकास की प्रक्रिया आगे भी जारी है। सरकार 6,600 कि.मी. की सड़कों का निर्माण/उन्नयन और 3,200 कि.मी. सड़कों के नवीनीकरण का कार्य कर रही है। सभी संभागीय मुख्यालयों को फोर-लेन तथा सभी जिला मुख्यालयों को टू-लेन से जोड़ने का कार्य आने वाले समय में प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त चंबल एक्सप्रेस-वे जैसी महत्त्वपूर्ण सड़क निर्माण परियोजनाओं पर जोर दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले समय में एक भी गाँव ऐसा नहीं बचेगा, जो बारहमासी सड़कों से जुड़ा ना हो।

आयुष्मान भारत योजना से लाभान्वित होंगे एक करोड़ 15 लाख परिवार

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गरीबों के स्वास्थ्य के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि इस योजना के तहत प्रत्येक गरीब परिवार को पाँच लाख रुपये तक के नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था  की गई है। योजना में राज्य के लगभग 75 लाख परिवारों को शामिल किया गया है। राज्य सरकार ने एक कदम आगे जाकर  22 अन्य श्रेणी के परिवारों को भी इस योजना में शामिल कर लिया है। इस कदम से आयुष्मान भारत योजना का लाभ प्रदेश के लगभग एक करोड़ 15 लाख परिवार ले सकेंगे।

श्री चौहान ने कहा कि इस शिक्षा सत्र से दतिया, विदिशा, खण्डवा, रतलाम में नये मेडिकल कॉलेज शुरू कर एमबीबीएस पाठ्यक्रम में 500 सीट की वृद्धि की गई है। सिवनी और छतरपुर में नए मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस प्रकार, आने वाले समय में शहडोल, शिवपुरी, सतना तथा छिंदवाड़ा सहित 6 नए मेडिकल कॉलेज प्रदेश में और कार्य करना प्रारंभ कर देंगे।

'एक परिसर-एक शाला''

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता के सुधार के लिए “एक परिसर-एक शाला” की अवधारणा प्रारंभ की जा रही है। इसके तहत एक परिसर में चलने वाली सभी तरह की शालाओं का एकीकरण कर उन्हें एक ही विद्यालय के रूप में चलाया जाएगा। इससे शिक्षकों के साथ-साथ अन्य संसाधनों का बेहतर उपयोग हो पाएगा। उन्होंने बताया कि स्कूलों में शिक्षा कर्मी व्यवस्था को समाप्त करते हुए अध्यापक संवर्ग और संविदा शिक्षकों का शिक्षा एवं जनजातीय कल्याण विभाग में संविलियन किया गया है। महाविद्यालयों में काफी समय बाद नियमित प्राध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है। इस वर्ष से मुख्यमंत्री जन-कल्याण योजना में पंजीकृत श्रमिकों के पुत्र-पुत्रियों को भी इसी योजना का लाभ मिलेगा।

हर साल साढ़े सात लाख युवाओं का कौशल संवर्धन

श्री चौहान ने कहा कि युवा सशक्तिकरण मिशन के तहत राज्य सरकार ने प्रति वर्ष साढ़े सात लाख युवाओं के कौशल संवर्धन का लक्ष्य रखा है। भोपाल में सिंगापुर के सहयोग से 645 करोड़ का विश्व-स्तरीय ग्लोबल स्किल पार्क स्थापित किया जा रहा है। युवाओं को रोजगार देने के लिए राज्य सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर जिला मुख्यालयों पर रोजगार मेले लगाए गए, जिनमें लगभग सवा लाख युवाओं को नौकरियाँ प्रदान की गईं। राज्य शासन की स्व-रोजगार से जुड़ी योजनाओं के तहत लगभग एक लाख युवाओं को इसी महीने विशेष शिविर आयोजित कर पूरे प्रदेश में ऋण स्वीकृति-पत्र प्रदान किए गए हैं। एमएसएमई विकास नीति 2017 में विभिन्न अनुदान का एकीकरण कर इसे मध्यम, लघु तथा सूक्ष्म इकाईयों के लिए और आकर्षक बनाया गया है। प्रदेश में पिछले वर्ष दो लाख से अधिक एमएसएमई पंजीकृत हुईं हैं, जिसमें 1,400 करोड़ के निवेश के साथ 5 लाख लोगों को रोजगार मिला है।

जनजातीय कल्याण पर खर्च होंगे दो लाख करोड़

मुख्यमंत्री ने बताया कि अगले 5 वर्षों में प्रदेश में जनजातीय कल्याण पर दो लाख करोड़ रुपए के कार्य किए जाएंगे, जिससे समस्त जनजातियों का सर्वांगीण विकास होगा। इस वर्ष 9 अगस्त को जनजातीय कल्याण की दिशा में एक नया कदम उठाते हुए अंर्तराष्ट्रीय आदिवासी दिवस को समारोह पूर्वक मनाया। अनुसूचित विकासखंडों के प्रत्येक ग्राम में जनजातीय अधिकार सभा का गठन होगा। विशेष रूप से पिछड़ी जनजातियों में कुपोषण की समस्या को देखते हुए प्रत्येक परिवार के बैंक खाते में एक हजार रुपये प्रति माह का पोषण अनुदान जमा किया जा रहा है। अनुसूचित जातियों का सर्वांगीण विकास सरकार की प्राथमिकता में है। प्रति वर्ष साढ़े 22 लाख से अधिक विद्यार्थियों को हम 732 करोड़ रूपये से अधिक राशि की छात्रवृति एवं शिष्यवृति दे रहे हैं। साथ ही इन वर्गों के आर्थिक विकास के लिये पिछले वर्ष मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना, युवा उद्यमी योजना एवं आर्थिक कल्याण योजना के तहत 11 हजार हितग्राहियों को लगभग 362 करोड़ की आर्थिक सहायता दी गई है।

महिलाओं की सुरक्षा

श्री चौहान ने कहा कि बालिकाओं से दुष्कर्म या सामूहिक बलात्कार के अपराध को मृत्यु-दण्ड से दण्डनीय बनाने वाला कानून विधानसभा से पास करवाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। ऐसे अपराधों के निराकरण के लिए 50 विशेष न्यायालय कार्यरत हैं। पिछले छ: माह में बालिकाओं से दुष्कर्म के आठ प्रकरणों में अपराधियों को मृत्यु-दण्ड की सजा दी गई है।

श्री चौहान ने कहा कि इस वर्ष भी नर्मदा तथा अन्य नदियों के केचमेंट सहित पूरे प्रदेश में उच्च गुणवत्ता के 7 करोड़ पौधे लगाये जाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। नर्मदा नदी के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा 'नर्मदा सेवा मिशन' गठित किया गया है। नर्मदा तट के 19 नगरीय निकाय में 1300 करोड़ की सीवरेज योजनाएँ प्रगति पर हैं। वनोपज संग्राहकों के कल्याण के लिए इस वर्ष राज्य सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। तेंदूपत्ता संग्राहकों को 2000 रूपये प्रति मानक बोरा राशि दी जा रही है, जो पिछले वर्ष से 60 प्रतिशत अधिक है। पहली बार 22 लाख 35 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को जूता-चप्पल, पानी की बोतल तथा महिला संग्राहकों को साड़ी प्रदाय की गई है।

गठित होगा लोक कलाकार मण्डल

राज्य सरकार कला एवं संस्कृति के संरक्षण के लिये राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि ओंकारेश्वर में आदिगुरू शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास गठित किया गया है। कला एवं संस्कृति को सहेजने के लिये लोक कलाकार मण्डल गठित किया जा रहा है। पाँच नये हिन्दी सेवा सम्मान शुरू किये गये हैं। मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना का लाभ हजारों वरिष्ठ नागरिकों ने लिया है। प्रदेश की 'स्पोर्टस हब' के रूप में पहचान बन रही है। बीते डेढ़ दशक में खेल अधोसंरचनाओं का उल्लेखनीय विकास हुआ है। राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी खिलाड़ी पदक जीत रहे हैं। राज्य शासन ने कर्मचारियों के कल्याण का पूरा ध्यान रखा है। कर्मचारियों और पेंशन-धारकों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया गया है। उन्होंने कहा कि सुशासन के लिये समाधान एक दिन-तत्काल सेवा प्रदाय व्यवस्था में 34 सेवाओं को एक दिन में प्रदाय किया जा रहा है। सीएम हेल्प लाइन नागरिक केन्द्रित सेवा प्रदाय की पहल है। इसमें अब तक प्राप्त 95 प्रतिशत शिकायतों का निराकरण हो चुका है।

प्रभावी अपराध नियंत्रण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था लगातार बेहतर रखने में सरकार सफल रही है। साम्प्रदायिक सौहार्द की दृष्टि से प्रदेश देश में मिसाल बना है। पिछले वर्षों में 161 नये पुलिस थाने तथा 111 नई पुलिस चौकियाँ स्थापित की गईं और 42 हजार 336 पदों पर भर्ती की गईं। महिलाओं के लिये 676 थानों में पृथक कक्ष के निर्माण की परियोजना में इस वर्ष 40 करोड़ का प्रावधान है। डॉयल-100 योजना से 50 लाख से भी अधिक पीड़ितों और जरूरतमंदों को मौके पर पुलिस सहायता मिली है। प्रदेश भर में संवेदनशील स्थानों पर 10 हजार सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगाकर अपराधों पर नियंत्रण की प्रभावी व्यवस्था करने वाला वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य है।

 मुख्यमंत्री के 15 अगस्त संदेश के प्रमुख बिन्दु

    मध्यप्रदेश ने शहीदों की स्म़ृति को चिर-स्थायी बनाने के अनेक काम किये हैं और आगे भी करेगा। नागरिक यह संकल्प लें कि देश के लिए हर बलिदान देने को तैयार रहेंगे।

    अब हमारा लक्ष्य प्रदेश को समृद्ध बनाने की ओर अग्रसर होना है। इसके लिए विकास और कल्याण के सभी क्षेत्रों में विभागवार पाँच साला रोडमैप पर कार्य होगा।

    विकास के लिये हम नियमित बजट प्रावधानों पर निर्भर न रहकर आय के अन्य स्त्रोत भी तलाश रहे हैं, ताकि समृद्ध प्रदेश के लिए धन की कमी आड़े न आये।

    नारो से आगे निकलकर बुनियादी सुविधा देकर गरीबी हटाने की हमारी प्रतिबद्धता है। समृद्ध मध्यप्रदेश में गरीबी का कोई स्थान नहीं होगा।

    देश और दुनिया की अनूठी मुख्यमंत्री जन-कल्याण योजना ‘संबल’ इसी वर्ष से लागू की गई है। यह योजना प्रदेश की लगभग आधी आबादी की रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, रोजगार जैसी मूलभूत चिंताओं को दूर करने में क्रांतिकारी होगी, ऐसा मेरा विश्वास हैं।

    हर व्यक्ति का सपना होता है अपना मकान। इसे पूरा करने में सरकार आगे आई है। 35 लाख से अधिक परिवारों को आवासीय भू-खण्ड मिल चुके हैं। शहरी क्षेत्र की शासकीय भूमि पर दिसम्बर 2014 तक निवासरत गरीबों को पट्टा दिया जा रहा है।

    ग्रामीण क्षेत्र के 94 प्रतिशत घरों में शौचालय सुविधा के साथ प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में है।

    पंजीकृत श्रमिकों और संन्निर्माण कर्मकारों को अधिकतम 200 रूपये प्रतिमाह की दर से जुलाई माह से सरल बिजली बिल देने प्रारंभ किया गया है।

    बकाया बिजली बिल माफी में 2018 तक की बकाया बिजली राशि सरचार्ज सहित सरकार अपने उपर लेने जा रही है।

    सौभाग्य योजना के तहत 31 जिलों में सभी घरों तक बिजली पहुँचाई जा चुकी है। अक्टूबर माह तक प्रदेश के घर में बिजली का प्रकाश लाने का हमारा लक्ष्य है।

    सभी ग्रामीण घरों को रोशन करने के लिए विभिन्न योजनाओं में 3 साल में 10 हजार करोड़ रूपये खर्च किए जायेंगे।

    प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में गरीब महिलाओं को 43 लाख नवीन गैस कनेक्शन नि:शुल्क उपलब्ध कराये जा चुके हैं।

    प्रथम चरण में सामान्य क्षेत्रों में 1000 और आदिवासी क्षेत्रों में 500 की आबादी वाले गाँवों तक नल-जल योजना पहुँचाने का कार्य किया जाएगा।

    इस वर्ष विभिन्न योजनाओं से किसानों के खातों में सीधे 35 हजार करोड़ रूपये की राशि पहुँचायी गयी है।

    प्याज के भंडारण हेतु 3 लाख मीट्रिक टन के भंडार क्षमता के भंडार गृह निर्मित किये गये हैं तथा 2 लाख क्षमता के भंडार गृह निर्माणाधीन हैं।

    सिंचाई क्षमता 80 लाख हेक्टेयर करने पर कार्य किया जा रहा है। सरकार सिंचाई परियोजनाओं में वर्ष 2024 तक 1 लाख 30 हजार करोड़ रूपये का निवेश करेगी।

    नर्मदा–मालवा लिंक परियोजनाओं से प्रदेश में 4 लाख 80 हजार हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता बढ़ेगी।

    प्रदेश में 'ग्राम सरोवर अभिकरण' स्थापित किया जाएगा। यह अभिकरण पाँच वर्षों में पाँच हजार तालाब निर्मित करेगा।

    सरकार कृषि के सहयोगी क्षेत्रों को भी भरपूर बढ़ावा दे रही है। यही वजह है कि दुग्ध उत्पादन में प्रदेश को देश में तीसरा स्थान प्राप्त हो गया है।

    प्रदेश का 98 प्रतिशत से अधिक जल-क्षेत्र मत्स्य-पालन में शामिल है।

    सरकार ने प्राकृतिक आपदा के लिए राहत राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की है। पिछले साल कुछ जिलों में गंभीर सूखे की स्थिति में किसानों को एक हजार 420 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई।

    राजस्व राहत नियमों में राहत राशि को 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है, जो भारत सरकार के मापदण्डों से दुगुना है। केला फसल क्षति राहत 27 हजार से बढ़ाकर एक लाख प्रति हेक्टेयर अधिकतम 3 लाख प्रति कृषक की गई।

    प्रदेश देश में प्रथम ऐसा राज्य है जहाँ किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण उपलब्ध कराया गया है।

    मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना लागू कर कालातीत ऋणों के ब्याज को माफ कर दिया गया है। मूल राशि के पुनर्भुगतान को किस्तों में करने की सुविधा दी गयी है।

    स्मार्ट सिटी परियोजना में 20 हजार करोड़ के निवेश की योजना है।

    अगले 3 वर्षों में प्रदेश का कोई भी नगरीय निकाय ऐसा नहीं होगा, जहाँ की पेयजल परियोजना अधूरी हो या जहाँ पर पेयजल का संकट हो।

    सभी संभागीय मुख्यालयों को फोर-लेन से तथा सभी जिला मुख्यालयों को टू-लेन से जोड़ने का कार्य आने वाले समय में प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा। चंबल एक्सप्रेस-वे जैसी महत्वपूर्ण सड़क निर्माण परियोजनाओं पर जोर दिया जाएगा।

    प्रदेश में इस वर्ष 300 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर प्रारंभ किए जाएँगे, जहाँ प्राथमिक चिकित्सा की लगभग सभी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।

    प्रदेश में मातृ मृत्यु दर में 48 अंकों की गिरावट की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर की गई है।

    डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने चिकित्सा शिक्षा के विस्तार का निर्णय लिया है।

    आने वाले समय में शहडोल, शिवपुरी, सतना और छिंदवाड़ा सहित 6 नए मेडिकल कॉलेज प्रदेश में कार्य करना प्रारंभ कर देंगे।

    स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता के सुधार के लिए 'एक परिसर-एक शाला' की अवधारणा प्रारंभ की जा रही है जिसके तहत एक परिसर में चलने वाली सभी तरह की शालाओं का एकीकरण कर एक ही विद्यालय के रूप में चलाया जाएगा।

    प्रदेश के प्रबुद्ध नागरिक मिल बाँचे कार्यक्रम में शामिल होकर बच्चों में शिक्षा के प्रति ललक जगाये।

    वर्ष 2018 में प्रदेश में 44 नये शासकीय और 3 नये मॉडल कॉलेज की स्थापना।

    कक्षा बारहवीं के सभी विद्यार्थियों के लिए इस बार 'हम छू लेंगे आसमान' के नाम से कॅरियर काउंसलिंग का कार्यक्रम प्रारंभ।

    मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना का विस्तार करते हुए मध्यप्रदेश बोर्ड परीक्षा में 70 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थियों को भी लाभ हेतु सम्मिलित किया गया। इस योजना का लाभ पंजीकृत श्रमिकों के पुत्र–पुत्रियों को भी मिलेगा।

    युवा सशक्तिकरण मिशन के तहत प्रतिवर्ष साढ़े सात लाख युवाओं के कौशल संवर्धन का लक्ष्य।

    5 वर्षों में प्रदेश के अन्य महानगरों में भी कौशल विकास के बड़े केन्द्र स्थापित करने की योजना।

    राज्य शासन की पहल पर इस वर्ष ढ़ाई लाख युवाओं को रोजगार मिला है। औद्योगिक नीति में मूलभूत परिवर्तन कर अब टैक्स में छूट देने के बजाय निवेश में सीधे सहायता देने का निर्णय है।

    पिछले वर्ष दो लाख से अधिक एमएसएमई में एक हजार 400 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 5 लाख लोगों को रोजगार मिला।

    750 मेगावाट क्षमता की रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना से बिजली का उत्पादन प्रारंभ। अब दिल्ली मेट्रो रीवा की बिजली से दौड़ेगी।

    अगले 5 वर्षों में प्रदेश में जनजातीय कल्याण पर दो लाख करोड़ रुपये के कार्य किए जाएँगे जिससे समस्त जनजातियों का सर्वांगीण विकास होगा।

    पेसा कानून को वास्तविक रूप से लागू करने के लिए अनुसूचित विकासखंडों के प्रत्येक ग्राम में जनजातीय अधिकार सभा का गठन करेंगे।

    अनुसूचित-जातियों के प्रतिभावन विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर के तकनीकी, चिकित्सा शिक्षा तथा विधि महाविद्यालयों में प्रवेश और एन.डी.ए. की प्रवेश परीक्षा के लिये भोपाल, इंदौर, रायपुर, जबलपुर और ग्वालियर में कोचिंग की योजना प्रारंभ की जा रही है।

    पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक योजना का विस्तार कर विद्यार्थियों के माता-पिता/अभिभावक की सालाना आय सीमा 75 हजार से बढ़ाकर 3 लाख, अनुरक्षण भत्ते की दरें दो गुना, शासकीय संस्थाओं में संचालित स्व-वित्तीय पाठ्यक्रमों में प्रवेशित विद्यार्थियों को पूर्ण शिक्षण शुल्क सहित अन्य अनिवार्य शुल्कों की प्रतिपूर्ति, मान्यता प्राप्त अशासकीय संस्थाओं के बी.ई. पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु जे.ई.ई. मेन परीक्षा में मेरिट रैंक डेढ़ लाख तक आने पर विद्यार्थी के पूर्ण शिक्षण शुल्क और नीट परीक्षा के आधार पर प्रदेश के निजी महाविद्यालयों में प्रवेशित एम.बी.बी.एस. के विद्यार्थियों को पूर्ण शिक्षण शुल्क के भुगतान का प्रावधान किया गया है।

    मुख्यमंत्री कल्याणी सहायता योजना और नि:शक्तजन पेंशन योजना में गरीबी रेखा का बंधन समाप्त कर पेंशनरों की सुविधा के लिए 5 किलोमीटर से अधिक दूसरी वाले पेंशनरों के लिये- ''पेंशन आपके द्वार'' योजना इसी माह से शुरू होगी।

    महिलाओं के लिये पंचायतों के बाद सरकारी नौकरियों में भी आरक्षण की व्यवस्था की गई है। शिक्षकों में पचास प्रतिशत और वन विभाग को छोड़कर अन्य विभागों में 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं।

    पिछले छ: माह में बालिकाओं से दुष्कर्म के आठ प्रकरणों में अपराधियों को मृत्यु दण्ड की सजा दी गई है।

    इस वर्ष भी नर्मदा तथा अन्य नदियों के कैचमेंट सहित पूरे प्रदेश में उच्च गुणवत्ता के 7 करोड़ पौधे लगाये जायेंगे।

    तेंदूपत्ता संग्राहकों को 2000 रुपये प्रति मानक बोरा राशि दी। पहली बार 22 लाख 35 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को मुफ्त जूता, चप्पल, पानी की बॉटल और साड़ी प्रदाय की गई।

    कला व संस्कृति को सहेजने के लिये लोक कलाकार मण्डल गठित होगा।

    प्रदेश को तीन वर्षों से सर्वश्रेष्ठ पर्यटन राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार ।

    प्रदेश के 20 से अधिक वृहद जलाशयों में निजी निवेश से जल पर्यटन को और बढ़ावा दिया जायेगा।

    नर्मदा तट के 19 नगरीय निकायों में 1300 करोड़ रुपये की सीवरेज योजनाएँ प्रगति पर।

    अब हमें अन्तर्राष्ट्रीय खेल मानचित्र पर प्रदेश की पहचान बनाना है। जिले से ब्लॉक तक खेल अधोसंरचानाओं का विस्तार किया जायेगा।

    किसान भाईयों और भूमि-स्वामियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष भू- राजस्व संहिता में व्यापक संशोधन एवं सरलीकरण किये गये।

    नगरीय क्षेत्रों में इस वर्ष 43 तहसीलें गठित की जायेंगी।

    भूमि-स्वामी और बटाईदार के हितों का संरक्षण करने के लिए कानून बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य प्रदेश का लोक सेवा गारंटी कानून नागरिकों को समय पर शासकीय सेवाओं के प्रदाय में सफल हुआ है।

    सीएम हेल्प लाइन में 95 प्रतिशत शिकायतों का निराकरण।

    प्रदेश में कानून-व्यवस्था लगातार बेहतर रखने में सरकार सफल रही है। साम्प्रदायिक सौहार्द की दृष्टि से प्रदेश देश में मिसाल बना है। पुलिस बल की भर्ती प्रक्रिया की सुप्रीम कोर्ट ने सराहना की है।

    महिलाओं के लिये 676 थानों में पृथक कक्ष के निर्माण की परियोजना में इस वर्ष 40 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

    डायल-100 योजना से 50 लाख से भी अधिक पीड़ितों और जरूरतमंदों को मौके पर पुलिस सहायता मिली है।

    प्रदेश को समृद्ध बनाने का संकल्प लें। जहां सबको रोटी, कपड़ा, दवाई शिक्षा, रोजगार और सुशासन मिले। ऐसा प्रदेश जो सौहार्द, समरसता, माँ-बहन, बेटियों के सम्मान, विकास, तरक्की और खुशहाली की मिसाल बने।

आकाश त्रिपाठी और अशोक गुप्ता सम्मानित

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में पश्चिम विद्युत वितरण कम्पनी के सी.एम.डी. आकाश त्रिपाठी और राज्य भूमि सुधार आयोग के अशोक गुप्ता को उत्कृष्ट कार्य करने के लिये सम्मानित किया।

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