Publish Date:09-May-2018 23:15:51
मई 2018 के अन्त में दो दिन की राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल
यूनाईटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियन्स, जो कि बैंकिंग उद्योग के शत-प्रतिशत करीब 10 लाख बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों का प्रतिनिधत्व करता है, के आव्हान पर ”सम्मानजनक वेतन समझौता शीघ्र करो“ की माँग को लेकर आज देशभर में बैंक कर्मियों ने प्रदर्शन एवं सभाओं के आयोजन किये।
राजधानी भोपाल में फोरम की स्थानीय इकाई के तत्वावधान में सैकड़ों बैंक कर्मचारी एवं अधिकारी आज शाम 5ः45 बजे प्रेस काम्पलेक्स होशंगाबाद रोड, भोपाल स्थित ओरियेन्टल बैंक आॅफ काॅमर्स के रीजनल आॅफिस के सामने एकत्रित हुए। उन्होंने अपनी माँगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी कर प्रभावी प्रदर्शन किया। तत्पश्चात प्रदर्शन स्थल पर ही सभा हुई, जिसे फोरम के को-आर्डीनेटर वी.के. शर्मा, साथी संजीव सबलोक, अरूण भगोलीवाल, डी.के. पोद्दार, आशीष तिवारी, दीपक रत्न शर्मा, मदन जैन, संजय कुदेशिया, सुनील सिंह, विनोद सिंह नेगी, आशीष तिवारी, जे.पी. झवर आदि ने सम्बोधित किया।
वक्ताओं ने बताया कि बैंक कर्मियों का वेतन समझौता हर पाँच वर्ष के अन्तराल से होता है। वर्तमान वेतन समझौता नवम्बर 2017 से लम्बित है। यूनाईटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियन्स ने अपना माँग पत्र बैंक प्रबंधन (भारतीय बैंक संघ) को दे दिया था। उसके ऊपर मई 2017 से वार्ताओं का दौर प्रारम्भ हुआ एवं अभी तक वार्ताओं के 15 दौर हो चुके हैं। बैंक प्रबंधन किसी न किसी बहाने से वेतन वृद्धि का प्रस्ताव टालती आ रही थी। आखरी वार्ता 5 मई 2018 को मुम्बई में सम्पन्न हुई, जिसमें बैंक प्रबन्धन ने 2 प्रतिशत वेतन वृद्धि का प्रस्ताव बैंक यूनियनों के सामने रखा। ज्ञात हो कि गत पिछला वेतन समझौता 15 प्रतिशत पर हुआ था। तब से बैंकों का व्यवसाय बढ़ गया है। बैंक कर्मियों के ऊपर लगातार काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। अन्य कई प्रकार के कार्य जो वास्तविक बैंकिंग से सम्बन्धित नहीं रखते थे, वे कार्य भी करवाये जा रहे हैं। सरकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में बैंक कर्मियों की भूमिका की देश के प्रधानमंत्री जी ने भी सराहना की है। इन परिस्थितियों में बैंक कर्मियों को पूरी उम्मीद थी कि पिछली 15 प्रतिशत की वेतन वृद्धि के अनुपात में इस बार बेहतर वेतन समझौता होगा। ये बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि जिन बैंक कर्मियों ने वर्ष 2016-17 में बैंकिंग उद्योग को 1,58,982 करोड़ रूपये का सफल परिचालन लाभ कमाकर दिया, उन्हें मात्र 2 प्रतिशत वेतन वृद्धि का प्रस्ताव दिया जा रहा है एवं देश के औद्योगिक घरानों एवं निजी कम्पनियों के लाखों करोड़ रूपयों के खराब ऋणों को बट्टे खातों मंे डाला जा रहा है। यूनियनों ने 2 प्रतिशत वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को खारिज करते हुए बैंक प्रबंधन को आगाह किया कि वे सम्मानजनक वेतन समझौता अपनी एकता, संघर्ष एवं आन्दोलनों के माध्यम से हासिल करेंगे।
वक्ताओं ने समस्त बैंक कर्मियों से अपील की कि वे अपनी एकता कायम रखें तथा इसी जोश एवं उत्साह के साथ आगामी आन्दोलनों में भाग लें। फोरम ने केन्द्र सरकार के वित्त मंत्रालय से अपील की है कि वे बैंक कर्मियों को सम्मानजनक वेतन समझौता दिलाने में पहल करे अन्यथा मई के अन्त में बैंक कर्मियों द्वारा दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जावेगी।
प्रदर्शन एवं सभा में राजेश लाला, रजत मोहन वर्मा, एम.जी. शिन्दे, एम.एस. जयशंकर, गुणशेखरन, शंकर, प्रभात खरे, जे.पी. दुबे, महेन्द्र गुप्ता, बाबूलाल राठौर, बी.सी. पोणिकर, अशोक पंचोली, किशन खैराजानी, सी.एस. शर्मा, जी.बी. अणेकर, एस.के. घोटनकर, रीतेश यादव, दीपक शुक्ला, दर्शन भाई, संदीप चैबे, पंकज सक्सेना, जी.पी. चांदवानी, तपन व्यास, जे.डी. मलिक, नरेश सधानी, शैलेन्द्र नरवरे, अमिताभ चटर्जी, देवेन्द्र खरे, विजय पाल, रितेश शर्मा रोहित, गोवर्धन मिश्रा, संजय नागचंडी, बी.एस. कुशवाह, मनीष बोरा, आनन्द अग्रवाल, मनोज श्रोते, शंकरलाल चैरसिया, अविनाश चिंचैरे, बसंत जोशी, दिनेश सूर्यवंशी, सुनील मेहरा, सौरभ पाराशर, विश्वामित्र दुबे, असीम झवर, रामआसरे, मंगेश दवांदे, विशाल धमेजा, मिलिन्द डेकाटे, अनिल मारोती, एन.जे.एस. तलवार, शोभित, गौरव दुबे, मयंक भाई, नारायण पंवार आदि उपस्थित थे।