Publish Date:09-Nov-2016 13:45:17
नई दिल्ली। दुनिया की सुपर पॉवर अमेरिका की सबसे बड़ी कुर्सी के लिए हुए चुनावों के परिणाम लगभग सामने आ चुके हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार और वर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा की उत्तराधिकारी के रूप में पेश की गई हिलेरी क्लिंटन को हार का सामना करना पड़ा। 540 वोटों में 276 वोट जीत के साथ ही डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति बनना तय हो चुका है। जबकि हिलेरी अभी तक 220 वोटों तक ही पहुंच पाई हैं।
होनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बनना भारत के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन के तौर पर देखा जा रहा है। अपने चुनाव प्रचार के दौरा ट्रंप कई मौकों पर आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का सहयोग करने की बात कह चुके हैं। उनकी जीत के साथ उम्मीद की जा रही है कि ट्रंप बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान को मिलने वाली तमाम अार्थिक सहयोगों पर पाबंदी लगा देंगे।
जानकारों की माने तो ट्रंप ने अमेरिका के मूल नागरिकों की लगातार हो रही अनदेखी का मुद्दा उठाकर जिस तरह से अपने प्रचार को धार दी उसका असर मतदान में देखने को मिला है। पिछले कई दशकों से प्रवासियों के अधिकारों, अल्पसंख्यकों के अधिकारों के मुद्दे पर अमेरिकी चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी विजयी होती आई है। रिपब्लिकन पार्टी की सरकार के दौरा अमेरिकियों को यह महसूस होने लगा था कि प्रवासियों को सहूलियतें देने के फेर में उनकी मूलभूत सुविधाओं और रोजगार के अवसर खत्म से हो गए है। अमेरिकियों की इसी भावना को अपना हथियार बना कर ट्रंप ने अपनी जीत को सुनिश्चित किया है।
आपको बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर किए गए चुनाव प्रचार के दौरान समाचार चैनलों के एक्जिट पोल्स में डोनाल्ड ट्रंप को लगातार पीछे बताया जा रहा था। लेकिन अंत समय में एकाएक ट्रंप की लहर होने की बात कही गई। कयास लगाए जा रहे थे कि हिलेरी क्लिंटन को अमेरिकी चुनावों में 540 में 300 वोट मिलेंगे।