23-Apr-2024

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12 अगस्त को नहीं होगी रात, लेकिन जानें NASA क्या कहता है..

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सोशल मीडिया पर सभी इस बात को लेकर हैरान हैं कि क्य़ा 12 अगस्त को रात नहीं होगी और दिन की तरह उजाला होगा। साथ ही ये भी दावा किया जा रहा है कि 96 साल में पहली बार ऐसा हो रहा है। लेकिन नासा की मानें तो मामला कुछ और ही है। वैज्ञानिक तथ्यों की मानें तो यह चमत्कार नहीं बल्कि एक आकाशीय घटना है और इसके पीछे नासा की रिपोर्ट इस वायरल हो रहे तथ्यों से अलग है। आज हम आपको बताएंगे इस खगोलीय घटना के बारे में।

आपको बता दें कि आकाश में कभी-कभी एक ओर से दूसरी ओर तेजी से जाते हुए कुछ पिंड पृथ्वी पर आकर गिरते हैं। इन्हें उल्का कहते हैं। इन्हें 'टूटते हुए तारे' और 'लूका' भी कहा जाता है। वायुमंडल में आने के बाद ये जलने लगते हैं और इनमें से उजाला होता है।  कहते हैं उल्काओं का जो अंश वायुमंडल में जलने से बचकर पृथ्वी तकआता है उसे उल्कापिंड कहते हैं। स्पेस में कई उल्काएं देखी जा सकती हैं, लेकिन पृथ्वी पर गिरने वाले पिंडों की संख्या बहुत कम होती है। 

दरअसल ऐसी आकाशीय घटनाएं 2000 साल से देखी जा रही हैं। इस साल 12 अगस्त शनिवार को रात में उल्का पिंडों की बारिश होगी। लेकिन इससे कुछ रौशनी होगी होगी पर रात में दिन नहीं होगा और न ही इस बार सबसे ज्यादा उल्का पिंडो की बारिश होगी। ऐसा कहा जा रहा है कि उल्कापात 17 जुलाई को आधिकारिक तौर पर शुरू हुआ था और 27 अगस्त तक चलेगा।  इस साल 12 अगस्त की रात 1 बजे उल्का पिंडों की बारिश अपने चरम पर होगी। इस समय करीब एक घंटे में 150-200 शूटिंग स्टार प्रति घंटा देख सकते हैं। इसके साथ ही आप इन उल्कापिंडों की बारिश को उत्तरी गोलार्द्ध से देख सकते हैं। ये घटना दुनिया भर में हर जगह नहीं बल्कि कुछ ही जगह दिखेगी। इससे पहले भी उल्का पिंडो की बारिश हुई है लेकिन ये अब तक के इतिहास का सबसे बडा उल्कापात नहीं है।

साभार- लाइव हिन्‍दुस्‍तान

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