Publish Date:21-Mar-2020 15:44:53
राजकाज न्यूज, भोपाल
राज्य की राजनीति में कमलनाथ सरकार के अल्पमत में आ जाने एवं कमलनाथ सरकार के इस्तीफा दे दिये जाने के बाद एक बार फिर ऊपर से लेकर नीचे तक प्रशासनिक सर्जरी की संभावना बन गयी है। लेकिन कोरोना के संकट को देखते हुए यह भी कहा जा रहा है कि यह सभी कवायदें अप्रैल माह मे होगी। यह जरूर हो सकता है कि उच्च स्तर पर कुछ जरूरी बदलाव कर दिये जाए। इसके बाद स्थिति सामान्य होने पर संभागों, जिलों में कुछ बदलाव किये जावें। मंत्रालय स्तर पर भी फेरबदल की बात कही जा रही है।
मुख्य सचिव पद के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ दीपक खांडेकर, राधेश्याम जुलानिया और इकबाल सिंह बैंस का नाम चर्चा में हैं। वहीं, प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी विवेक अग्रवाल को भी प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा सरकार आने के बाद मंत्रालय से लेकर मैदानी स्तर पर व्यापक स्तर पर बदलाव किए जाएंगे। पिछले दिनों गुना, ग्वालियर सहित कुछ अन्य जिलों के कलेक्टर इस आधार पर कमल नाथ सरकार ने बदल दिए थे कि उनकी पदस्थापना ज्योतिरादित्य सिंधिया की सहमति से की गई थी। अब इन जिलों में नए सिरे से प्रशासनिक जमावट होगी। नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रैली के दौरान राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता से भाजपा नेताओं का विवाद हुआ था। अब इसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ सकता है।
सूत्रों का कहना है कि 1984 बैच के आईएएस अधिकारी एपी श्रीवास्तव को शिवराज सरकार में पसंद तो किया गया पर जब उन्होंने मुख्य सचिव बनाए जाने की इच्छा जाहिर की तो सहमति नहीं बनी। उनके स्थान पर इसी बैच के अधिकारी बसंत प्रताप सिंह पर भरोसा जताते हुए मुख्य सचिव बनाया गया। इससे खफा होकर वे कुछ समय अवकाश पर भी चले गए थे और बाद में उन्हें प्रशासन अकादमी में पदस्थ किया गया था। उधर, 1985 बैच के प्रभांशु कमल मई और 1984 बैच के अधिकारी पीसी मीना जुलाई में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में इन्हें मौका नहीं मिलने की संभावना बेहद कम मानी जा रही है।