Publish Date:22-Oct-2016 18:38:08
मध्यप्रदेश में पिछली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिटों की समीक्षा से पता चलता है कि 2012-14 के बीच 1 लाख, 96 हजार करोड़ रू. का निवेश आया है। यदि तीन लाख करोड़ रू. का कमिटमेंट करने के एवज में 1 लाख 96 हजार करोड़ रू. का निवेश ऐसे समय हुआ जब दुनिया मंदी का दंश भुगत रही थी, तो इसे अभूतपूर्व उपलब्धि ही माना जायेगा। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, सांसद नंदकुमार सिंह ने कांग्रेसी दिग्गजों को आईना बताते हुए कहा कि उन्हें मध्यप्रदेश के निवेशकों का गंतव्य बनने से प्रदेश के औद्योगिकरण पर गर्व करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस श्वेत पत्र की मांग करके छाती पीटने का स्वांग कर रही है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में मध्यप्रदेश को कांग्रेस ने उद्योगों का कब्रिस्तान बना दिया था। तब न बिजली थी और न पानी था। सड़कों की पहचान गड्ढों के रूप में हो चुकी थी। दिग्विजय सिंह के शासनकाल में 11965 उद्योगांे के कारखानों पर ताले लग गये थे और लाखों लोग बेरोजगार हो गये थे। श्री शिवराजसिंह चैहान ने प्रदेश में औद्योगीकरण को गति प्रदान की है इसी दौरान लगे लघु, मध्यम उद्योगांे में 2 लाख रोजगारों का सृजन हुआ। इनमें 5 हजार, 157 करोड़ रू. पूंजी का निवेश हुआ। उन्होंने कहा सूक्ष्म, लघु मध्यम श्रेणी के 48 हजार उद्योग लगे हैं। श्री चैहान ने कहा कि कांग्रेस इन्वेस्टमेंट समिट पर सवाल उठाकर उल्टा चोर कोतवाल को डाटे की कहावत चरितार्थ कर रही है।
कृषि उपज के विपणन के नये कानून से किसानों की आय बढ़ेगी- शर्मा
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि सीधे खुदरा विक्रेताओं को फल, सब्जी एवं कृषि उत्पाद बेचने की आजादी के लिए सरकार कृषि उपज हाट समिति कानून बनाने जा रही है, यह कानून किसानों की आय में वृद्धि करने में मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि यह कानून पारित हो जाने के बाद किसान को मंडी जाने की बाध्यता नहीं रहेगी। कानून का मसौदा तैयार किया जा रहा है और आगमी तीन माह में विधेयक के रूप में तैयार हो जायेगा। इसके पीछे सरकार का मकसद किसानों को बिचैलियों के चंगुल से मुक्ति दिलाकर उनका आमदनी बढ़ाना है। केंद्र सरकार ने 2022 तक किसान की आय दोगुना करने का अनुष्ठान आरंभ किया है। यह कानून अभियान की कड़ी होगी।